मित्रो
,
अब
समय हैं कुछ
बहुत ही कड़े
नियम और गंभीर बातों
को आपके सामने रखने का .यह
यात्रा जो आज 5
वर्ष से अनवरत चल रही हैं , पर समय के इस बिंदु पे
अगर अभी कुछ भविष्य को दृष्टिगत
रखते हुए नियम न रखे
..तो
कुछ
कठोर निर्णय न लिये गए तो ....
और
उनका कठोरता से पालन न
किया गया तो ...
किये
गए श्रम का उतना परिणाम नही प्राप्त होगा ..
हमें
जो भी उच्चस्थ दिशा निर्देश प्राप्त हुए हैं . और
जो हमारा इतने दिन से इस ग्रुप को
देख कर आकलन रहा हैं ..उसे ध्यान मे
रखते हुए ..
इससे
पहले की आप नियम पढ़े कुछ बाते
पहले आत्म मंथन कर ले
तभी सार्थकता रह पायेगी ..आपके श्रम की और हमारे श्रम की भी ..
क्योंकि
साधना कोई हास परिहास
का नही बल्कि सर्वाधिक गंभीर विषय या कर्म हैं तो ....
1. क्या आप एक आसन पर कम
से कम २ १/२ घंटे तक स्थिर बैठ पाते हैं .?
2. क्या आपने गुरु मंत्र
का कम से कम सवा लाख मंत्र का एक
अनुष्ठान किया हैं ??
3. क्या आप ने सवा
लाख चेतना मंत्र का जप किया हैं .??
4. क्या आप की सदगुरुदेव
या सदगुरुदेव स्वयं द्वारा निर्दिष्ट परम्परा पर श्रद्धा हैं.??
5. क्या आपके मन मे हर
हाल मे सदगुरुदेव का स्थान
सर्वोपरि हैं, और उस स्थान पर
किसी “ तथाकथित स्वम्भू
गुरु “ बन बैठे
को गुरु बनाने
का मानस तो रख कर
नही चले हैं या हैं .या श्रद्धा रख रहे
हो ??
इन
प्रशनो का उत्तर को
पहले अपने मन
मे मंथन कर ले .पहले
चार बिंदु पर आपके उत्तर
यदि “”हाँ “” मे
हैं और पंचम बिंदु पर यह की सिर्फ आपके लिए सदगुरुदेव
ही सर्वोपरि हैं
और अन्य किसी भी ****तथाकथित
स्वयम्भू गुरु***** के लिए कोई स्थान आपके
मन मे नही हैं ,तभी आगे
आने वाले नियम
पढ़े ... क्यूंकि इस शब्द का बहुत गहन अर्थ है
... प्रकट तौर पर सदगुरुदेव द्वारा,मात्र तीन ही गुरु गृहस्थों हेतु निर्मित किये
गए हैं,जो स्वयम्भू गुरु बना है इसका सीधा अर्थ ये है की वो इस सदगुरुदेव के इस
निर्णय से सहमत नहीं है....अतः उनके समर्थकों और शिष्यों हेतु ये साधनाएं फलीभूत
हो ही नहीं सकती है..ये हमें कठोरता के साथ कहा गया है..अतः इस बात को हृदयंगम कर
ले...क्यूंकि कुछ लोगो की मनोवृत्ति या समझ को मैं क्या कहूँ...जो यहाँ ग्रुप में
कहते हैं की गुरु भाई को ज्यादा मान दिया जा रहा है गुरु की अपेक्षा..तो उनकी
बुद्धि की कुन्द्ता को मैं क्या कहू,अरे मैं चाहे आकाश पाताल एक कर दूँ रहूँगा तब
भी बना रहना चाहूँगा शिष्य ही...दीक्षा देने की क्षमता मुझमे कभी नहीं
आएगी...क्यूंकि पहले मैं ढंग से शिष्य ही बन जाऊं तो मेरा जीवन सार्थक हो
जायेगा...| मैं तो सदैव भाई ही हूँ और मेरा ये सारा खट्टा मीठा ज्ञान मात्र मेरे
सदगुरुदेव की कृपादृष्टि का परिणाम है मैं कोई स्वयम्भू गुरु नहीं और ना ही मुझे
मन्त्रों या श्लोको या साधना विधान को समझाने के लिए पुस्तक देखने की जरुरत
है...मैंने जो समझा है उसे आत्मसात किया है और उसे कई बार कार्यशाला में प्रत्यक्ष
करके बिना किसी आडम्बर के अन्य गुरु भाई बहनों के समक्ष प्रमाणित भी किया है | उन
मूर्खों को मैं क्या समझाऊं की इस भाई की बात उन्हें गलत लगती है पर दूसरा भाई जिसे
तंत्र का क भी नहीं आता है और जो स्वयम्भू गुरु बने बैठे हैं,उनकी वाह वाह करने
में वो पीछे नहीं हैं...| गुरु बनों किसने मना किया है गुरु बनने को,पर अपने बूते
पर बिना निखिल नाम का सहारा लिए बनकर दिखाओ और साबित करो ऐसे शिष्यों को सामने
लाकर जो की तंत्र को क्रियात्मक रूप में संपन्न करके दिखाए,जैसा मेरे सदगुरुदेव ने
किया है और मैं जो कहता हूँ करके भी दिखा सकता हूँ,मुझे गर्व है की उन्होंने मुझे इस मार्ग पर गति दी है | उन मूढ़मतियों को ये नहीं समझ में आ रहा है की मैं तो सदैव भाई बनकर
साथ हूँ पर वो उन तथाकथित ढोंगियों के साथ खड़े होकर कौन सा निखिल कार्य कर रहे
हैं..जिनकी आँखें और चित्त ही मर चूका है...|
मैंने पाया है और इन्ही साधनाओं से पाया है और
मेरा परिवार,मेरा पूरा जीवन,मेरे जानने वाले और इन सबसे बढ़कर मेरे सदगुरुदेव इस
बात के साक्षी हैं की ये जूनून मैंने दिन ब दिन बढ़ाया ही है और तब परिणाम प्राप्त
किये हैं | यदि आप भी इन्हें पूर्ण नियम और दृढ़ता के साथ विधान के साथ मनोयोग
पूर्वक करेंगे तो आप भी मायूस नहीं होंगे..|
१. अब से जो भी
उच्च कोटि के विधान जिनके बारे मे फेसबुक
या ब्लॉग पर आएगा ,पर उनके बारे मे पूर्णता से
उन्हें सिर्फ जो सदगुरुदेव जी से
दीक्षित हैं या
गुरु त्रिमूर्ति से दीक्षित हैं
या अन्य उन किसी भी गुरु से दीक्षित हैं जो की हमारे सदगुरुदेव
से दीक्षित ** नही**
हैं ..उन्हें
ही दिया जायेगा. ये साधनाएं सहज
प्राप्य नहीं रही हैं,इन्हें कई बार परखा गया है अनुभूतियों की नुकीली चट्टानों
पर,और हर बार इनका प्रभाव अद्भुत रहा है,इसलिए इन्हें व्यक्तिगत तौर पर ही उपलब्ध
कराया जा रहा है,ताकि आप यदि इन्हें पूर्ण मनोयोग से संपन्न करे तो सफलता का वरण
कर इसका लाभ...स्वयं,स्व परिवार,समाज और राष्ट्र को प्रदान कर सके...
२. हर महीने आने वाली सात साधनाए के लिए बस 30
/40 ही यन्त्र बनबाये जा रहे हैं अभी तक यह देखने मे आया हैं कि किसी भी
विधान के बारे मे जब
ग्रुप मे आता हैं तो अधिकतम
कमेन्ट 60 या 70
तक आते हैं जिनको यदि ध्यान
से देख जाए तो मात्र 30
या 35 लोग ही किये होते हैं तब और यंत्र बनाने
का क्या औचित्य
??
३. एक
यन्त्र पर भले ही निर्माण की कीमत २० से ३० रुपये आये
या कम /ज्यादा
भी . पर
एक एक इस प्रकार की अपने आप मे “विशिष्ट
साधना “ के लिए
आवश्यक यन्त्र को प्राण प्रतिष्ठित , चैतन्य करना , शास्त्रीय मांत्रिक
और तांत्रिक विधान पूर्णता के साथ
समपन्न करना , आवश्यक कर्म कांड , हवन को
बिना किसी त्रुटि के इस तरह
से पूरे करना की सबंधित देव शक्ति पूर्णता के साथ सफलता भी दे सके , और इसमें
समय और धन दोनों
की आनिवार्यता होती
है हीं .और इन प्रक्रियाओ को सम्पन्न
करने मे हजारों रूपये का खर्च आता हैं . यह कोई आपके सामने बार बार
कहने की बात या तथ्य नही हैं .
४. पर आपको निशुल्क यह यन्त्र और विधानक्यों उपलब्ध कराया जाए .... पर यह सब क्यों ?? आज
कौन हैं जो यह सब कर रहा हैं . ..किसे
चिंता हैं.... सिर्फ एक उदेश्य की अब आप भी सफल हो कर सामने आ सकें ..इन
विधानों की श्रेष्ठता /उपयोगिता अब हम नही आप
स्वयं प्रमाण बन कर दे .......सिर्फ
लिख लिख कर आखिर कब तक ......और
कि यह विधान हैं और वह विधान हैं पर दिया
किसी को नही ...क्योंकि कोई उसके
लायक उन्हें मिल ही नही रहा
हैं .ऐसा कह कर ......कब तक अन्य लोगो कि
तरह लोगों को भ्रमित किया
जा सकता हैं . पर यह
बात हम पर भी लागू हो .इस से पहले .अतः अब समय हैं कि ..अब
हमारे कार्य का पहला परीक्षा काल प्रारंभ हो ....
५. अब समय हैं कि .जो साधनाए हम दे
उसे .हम अपनी ओर से पूरा
श्रम करे और शेष आपके हिस्से की मेहनत आप मनोयोग ..प्राण प्राण से
करे
........और
यह हर पल ध्यान
मे रखें की गुरु भाई केबल विधान समझा सकते हैं ...पर सफलता
केबल और केबल सदगुरुदेव ही
दे सकते हैं.......अब
आपकी सफलता ही हमारा कार्य का एक प्रमाण होगी .अतः निश्चय ही ..सब नही केबल कुछ जो
साधना को करके सफल होना चाहते हैं
.उनके लिए ही यह सब ....... और हमारा कोई भी किसी भी प्रकार का उदेश्य या गुप्त
उदेश्य नही हैं . .आज तक हमारी कथनी
ही हमारा प्रमाण रहे हैं .
६. कभीं कभी यह मानना
पड़ता ही हैं कि अगर
हर चीज आसानी से उपलब्ध हो तो शायद उसका अर्थ
उसकी गंभीरता समाप्त सी
हो जाती हैं .अतएब इन साधनाओ
को कैसे आपको दिया जाना हैं
?? यह भी विचारणीय हैं . इसके लिए हमने
यही सोचा हैं कि कोरियर के
माध्यम से सबंधित यन्त्र
और सम्बंधित पूर्ण साधना विधि ,उन
कुछ चुनिदा व्यक्तियों
को जो सच मे साधना के प्रति समर्पित हैं या होना चाहते हैं .........उनके
पते पर भेज दी जायेगी सिर्फ आपको
कोरियर चार्ज ही देना
होगा ...इसके बाद अभी भी ..अब
अगर कोई भी स्वयं व्यक्तिगत रूप मे मिलकर और भी
मार्गदर्शन पाना चाहता हैं तो (केबल एक उसी साधना के सन्दर्भ मे ) तो सिर्फ और सिर्फ एक गुरु भाई की मर्यादानुसार हम
उपलब्ध रहेंगे ..
७. महत्वपूर्ण तथ्य ::
पर इन साधनाओ को देते समय
यह भी ध्यान मे रख जायेगा की
वह व्यक्ति विशेष का
सदगुरुदेव के प्रति क्या रुख हैं .सिर्फ हमारे ग्रुप मे ही नही बल्कि अन्य ग्रुप मे भी ... क्योंकि यह देखने मे आया हैं की
निखिल तत्व या शिष्य के प्रति जो आया जैसा आया लिखा जाता हैं क्योंकि शब्दों का क्या हैं
...जो मन आये लिखो ..... और यह उन ग्रुप का कार्य हैं पर लोग सब मौन रह कर दर्शक बने रहते हैं ...सभी पक्षों को मौन
समर्थन देना यह
तो ठीक नही हैं ...अतः निश्चय ही
ऐसे लोग जो हर जगह मौन समर्थन
देते रहते हैं उन तक साधनाए न ही पहुचे ये भी हमें बहुत ध्यान रखना हैं .
८. जिनको भी यह साधनाए दी जायेगी ,क्योंकि इस प्रक्रिया को हलका नही बनाना हैं तो उन्हें
अगली साधनाए उपलब्ध
कराने से पहले यह देख लिया जायेगा कि क्या
वास्तव मे उन्होंने साधनाए की हैं या बस ...यह कैसे देखना हैं यह हमारा कार्य होगा .क्योंकि जितना कठोरता हमारे
द्वारा रखी जायेगी उतनी
ही सभावना सफलता प्राप्ति की सभावनाए आपकी होगी
.भावनात्मक बातों के लिए
इस साधनाओ के सन्दर्भ मे शायद अब
कोई जगह नही होगी . अब जब
बात साधना की होगी तो हम
और आप दोनों पर ही नियम कठोरता
से लागु होंगे
.
९. यह स्पस्ट
करना चाहता हूँ
.कि प्राप्त हुए दिशा
निर्देश के अनु सार ...जो भी साधनाए ,
निखिल अल्केमी ब्लॉग या निखिल
अल्केमी फेसबूक ग्रुप पर उपलब्ध हैं वह केबल और केबल “तंत्र कौमुदी “ फ्री इ पत्रिका प्राप्त करने वालो को ही फली भूत होंगी
..
१०. केबल भावनात्मक
कमेन्ट लिखने वालो को या हमारे
अपनों को भी ..इन साधना
के लिए चुने
जाते समय नही ......बल्कि जो सही अर्थो मे साधनाए करना
चाहते हैं उसे ही यह उपलब्ध कराई जायेगी . .यह
नियम भी कठोरता से पालन होगा .
११. और यह साधनाए मजाक की वस्तु नही होगी .. को कोई भी हल्का
सा विधान रख दिया ......न ही केबल
प्रशंशा के लिए
....बल्कि जीवन परिवर्तन मे सक्षम
होगी .
१२. जिसे जो भी साधनाए मिलेंगी वह किसी अन्य को उसका विधान
बिना अनुमति लिए नही बतायेगा
१३. .जिनको भी यह साधनाए दी जायेगी उन्हें पहले से सूचित कर दिया जायेगा या तो उन्हें सिर्फ कोरियर का खर्च
वहन करना होगा या व्यतिगत मिलने
के अवस्था मे उनके अपने आने जाने खाने पीने की व्यवस्था का
स्वतः ही भार वहन करना होगा.
मई
माह की ७ साधनाएं जो १० जून तक प्रभावी है :-
१.
आत्मगणपति साधना – तंत्र के उच्च ज्ञान तीक्ष्ण बुद्धि,स्मरण शक्ति और भगवान गणपति
के दर्शन प्राप्त करने के लिए एक गोपनीय विधान .
२.
तांत्रोक्त गुरु साधना – गुरु साधना का वो सोपान जिससे आप सीधे गुरु प्राणों से एकाकार
हो जाते हैं. और चक्र जागरण की क्रिया प्रारंभ हो जाती है,तब भला क्या बाकी रह
जाता है .
३.
कनक माया साधना – लक्ष्मी की अजस्र प्राप्ति का अघोर विधान,जिससे लक्ष्मी बाध्य
ही हो जाती है साधक के जीवन में रहने के लिए.
४.
धी: सम्मोहन साधना – तिब्बती पद्दति से किया जाने वाला ऐसा प्रयोग जिससे मात्र १४
दिनों में आप का व्यक्तित्व पूर्ण आकर्षण क्षमता से युक्त हो ही जाता है, इसे अन्य
सम्मोहन प्रयोगों में ना गिने.
५.
सिद्ध सम्प्रेषण साधना- विचार सम्प्रेषण की अद्भुत क्रिया,जिसके द्वारा किसी भी नवीन
क्षेत्र में रहने वाले सिद्ध्जनों से संपर्क कर उनकी प्रत्यक्ष कृपा,सहयोग और ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है तथा प्रकाश युक्त छाया विहीन सूक्ष्म देह
बनाने का पहला तथा अनिवार्य सोपान .
६.
रसायनमेखला साधना – कायाकल्प और रस विज्ञानं की आधारभूत साधना जिसके द्वारा पारद
विज्ञान के रहस्यों को आत्मसात कर पूर्ण सफलता पायी जा सकती है.
७.
साबर औलिया साधना – इतर योनियों का सहयोग प्रदान करने वाली अद्भुत साधना.
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Friends,
Now is the time to put forward very stringent rules and
serious things in front of you.This journey has been continuously
going on from last 5 years .But if we do not put some rules looking at the
future then…..
Some strong decisions are not taken then …..
And they are not followed firmly then…
We will not get the desired result of our hard-work.
Keeping in the mind high lever orders which we have
received and based on the analysis of groups from quite some time……
Before you read the rules, let’s introspect
yourself then only hard-work of both you and us will be fruitful.
Since sadhna is not the subject matter of laughter,
it is a very serious issue then….
1. Can you sit stably (unmoved) on one aasan
for at least two and half hours?
2. Have you done the anushthan of Guru
Mantra of at least 1.25 lakhs?
3. Have you chanted chetna mantra 1.25 lakh
times?
4. Have you got faith on Sadgurudev and
tradition given by Sadgurudev?
5. Do you consider Sadgurudev supreme all
the time and you do not have intention to make so called self-made gurus as
your guru or have faith in them??
Please think about the answers of these questions
in your mind. If the answers to first four questions are yes and for the last
question, Sadgurudev is supreme for youand you do not have any place in your heart
for so called Self-made gurus, then only read the rules given below…..Because it
carries a deep meaning …..Visibly Sadgurudev has made 3 gurus for all householders. Whosoever has
become self-made guru, it simply means that he/she does not agree with this
decision of Sadgurudev……….Therefore for the supporters and disciples of them,
these sadhnas can’t be fruitful…..This has been told to us very
stringently…..therefore imbibe this thing in your heart……Because what I can
about the mentality of some people in the group……who are saying in the group
that Guru Brother has been given more respect than Guru…..what I can say about
the negativity in their mind…….whatever I may be able to do, but I will always
wish to remain a disciple only…….ability to give Diksha will never come in
me…….because first I should become a true disciple, then my life will become meaningful.
I am always a brother and all this knowledge is only the blessing of my Sadgurudev.
I am neither any self-made Guru nor I do not have need to see books to make you
understand mantra, slokas or any sadhna process….. Whatever I have understood,
I have imbibed that and have shown it to guru brothers and sisters in various
workshops without any showoffs.How can I make those fools understand that they
consider this brother as wrong and the person who does not even have the
preliminary knowledge of tantra and have become self-made Guru, they leave no
stone unturned appreciating them. Become gurus, who have opposed it but become
on your own, without taking the assistance of name Nikhil and prove it by
bringing the disciples who can accomplish the tantra in practical way , the way
my Sadgurudev has done. Whatever I say, I can show it by doing also. I am proud
that he has initiated me in this path. These foolish people are not able to
understand that I am always there as the brother but by standing with so called
frauds, what sort of Nikhil work they are doing….who have become blind and
whose hearts have died.
I
have achieved and have achieved because of these sadhnas only. My family, my
whole life, my acquaintances and most importantly my Sadgurudev are witness to
the fact that this passion has increased day by day and then only I have
achieved the results. If you all will also do this process by dedication and
will follow the rules, you also will not be disappointed.
1) From now on, whenever any high-order
sadhna process will come on Facebook or blog, it will be told fully only to
those who
either have taken Diksha from Sadgurudev or Guru Trimurti or from any Guru who
have not taken Diksha from our Sadgurudev. These sadhnas have never been
easily available. They have been tested multiple times on the stringent
parameters of experiences and results have always been amazing. Therefore they
are being made available on personal level, so that if you do them with full
dedication, then after getting success you can provide the gains to yourself,
your family, society and the nation.
2) Only 30-40 yantra are being made for 7 sadhnas
which
will be coming each month .It has been seen that whenever any sadhna process
appears in the blog then maximum number of comments are 60 or 70.If we pay
attention to them, they are made by 30-35 persons so there is no logic in
making more yantras??
3) May be making of any yantra will cost
only 30 to 40 rupees approximately but each yantra needed for these special sadhnas ,needs to be energised
, instilledconsciousness , doing shastriy, mantric and tantric process on them, doing the necessary rites hawan
without any errors so that associated lord can give you the complete success.
This definitely requires both time and money and completing these processes
requires thousands of rupees. This fact need not to be iterated again and
again.
4) But why to make this yantra and process
available to you free of cost? Who is the one doing like this today…..who is
worried about your success…………..so that you can be proof to supremacy of these process, not us………………just
writing will not solve the purpose…and people can’t be fooled by citing the various
processes but not providing it to them giving the excuse that we are not able
to find capable persons for it.But this applies to us also. So this is time
that examination of our work should start.
5) Now is the time that whatever sadhnas we give, we do the
hard-work from our side and you do your part of hard-work by full dedication….
And always keep this in mind that Guru Brothers can only make you
understand the process but the success can only be provided by Sadgurudev.
Now your success will be the certificate of our work. Therefore definitely it
is for not all but only those who want to be successful by doing sadhna. We do
not have any secret agenda and our work is a proof to it.
6) We have to agree sometimes that the
thing which is easily available, we do not understand its importance and its
importance vanishes. Therefore how this sadhna needs to be given?? This is the point
under consideration. For this we have thought that we will send the related yantra and
related sadhna process via courier to all those chosen persons who are
dedicated to sadhna field or willing to be…..Only they have to bear the courier
charges.
If after that also, someone wants to take guidance personally (only in relation
to that particular sadhna), then we will be available only as a Guru Brother.
7) Important Point::But one more thing
will also be kept in mind while giving these sadhnas that what is the attitude of that particular
person towards Sadgurudev. Not only in our group but in other groups also.
Because it has been seen in many groups that many things are written for Nikhil
element or disciples as per their sweet will but people remain silent spectator
after seeing this…..giving silent approval to all sides is not correct….. Therefore
we have to keep in mind that these sadhnas should not reach the people who give
the silent approval.
8) We do not have to take this sadhna
process casually. Whosoever will be given these sadhnas, it will be seen before
giving next sadhnas to them whether they have actually done the sadhnas or not.
This will be done by us. The more stringent we are, more will be the chances of your success.
There will probably be no place for emotional talks in context of sadhnas. When
it is matter of sadhna, then the rules will apply both on us firmly.
9) One thing need to be clarified that as
per the direction received….the sadhnas which are available either on Nikhil
Alchemy blog or Nikhil Alchemy Facebook group will be fruitful only to those
who get the e-magazine “Tantra Kaumadi”.
10)There will be no time to choose those
who write emotional comments or are close to us………it will be made available to
only those who really wants to do sadhna. This rule will also be followed
stringently.
11)These sadhnas will not be matter of
laughter……….nor it will be frivolous process…………nor it will be merely for appreciation.
They will be capable of transforming your life.
12)Whosoever will get the sadhnas, they
will not tell the process to anyone without seeking permission.
13)Whosoever will be given sadhna, they
will be informed in advance. Either they have to bear the courier charges and
in case of personal meeting, they would have to bear the travel and food
charges.
Here are the 7 sadhnas of May which are effective up till 10 June:-
1) AatmGanpati Sadhna- Sadhna to attain higher knowledge
of Tantra , supreme memory power and to get Ganpati Darshan.
2) Tantrokt Guru Sadhna–That step of Guru Sadhna where you
directly become one with your Guru and the process of Chakra Jagran starts.
Then what is left.
3) Kanak Maya Sadhna-Aghor process to attain Lakshmi
whereby Lakshmi is compelled to remain in the life of sadhak.
4) Dheeh Sammohan Sadhna–The process done by Tibet Padhati by
which your whole personality becomes attractive in just 14 days. Do not count
this process as just an another Sammohan process.
5) Siddh Sampreshan Sadhna–the amazing process to transmit
thoughts by which any great siddhs living in new area can be contacted and we
can get their blessing , assistance and knowledge from them. This is the first
and necessary step for lightfull shadow less subtle body.
6) Rasayan Mekhla Sadhna–The basic sadhna for Kayakalp and
Ras Vigyan by which we can attain success by imbibing the secrets of Parad
Vigyan.
7) Sabar Ooliya Sadhna– Amazing sadhna to get the
assistance from ittar yonis.
****NPRU****