परा शक्ति आवाहन कार्यशाला
जय सदगुरुदेव
बहुत दिनों के बाद ब्लॉग के माध्यम से फिर सामने हूंदरअसल लोग इतने डुप्लीकेट हो गए हैं कि यहां पोस्ट आई और तुरंत कॉपी पेस्ट।
इसलिए इसपे काम काम कर दिया है किन्तु अभी थोड़ा तो आप लोगों जुड़े रहना ही होगा ना क्योंकि आपमें कुछ ऐसे लोग भी हैं जो अच्छे पाठक हैं और निरंतर इंतजार भी करते हैं।
आज की पोस्ट तो इसलिए कि पूर्णिमा के बाद पितृपक्ष के 16 श्राद्ध प्रारंभ होने जा रहें हैं।
अभी वर्तमान में मेरे पास जो कॉल्स है उनमें चाहे कुंडली से संबंधित हो या ऐसे ही बात की किंतु समस्या है तो सही । जीवन से जुड़ी अनेक समस्याएं, स्वास्थ्य, ग्रह कलह, आर्थिक, व्यावसायिक, नौकरी, विवाह , संतान या परा लौकिक, या शत्रु बाधा ।
कहीं न कहीं इसका कारण कुंडली में ग्रह योग, या किसी दोष के कारण देखा गया है
जिसके आज कल अनेक व्यक्ति अपने तरीके से समाधान बताने मे लगे हुए हैं। किंतु क्या सच में इनसे आप संतुष्ट हैं, रत्न पूजा अनुष्ठान या दान पुण्य ।
किंतु क्या कभी विचार किया है कि आखिर कैसे निजात मिले इससे । और क्या कारण हो सकता है इसका ?
जब समस्या का कारण पता होगा तो समाधान भी निकलेगा , अन्यथा ओझा छुटभैये तांत्रिक और बाबाओं के जाल में उलझे रह जाओगे ।
पर इस पर थोड़ा सजगता से काम किया जाए तो निश्चित रूप से इन समस्याओं पर समाधान प्राप्त कर सकते हैं। यही वो समय है जब आपके पितृ आपसे सीधे संपर्क कर सकते हैं यही वो समय है जब आप किसी भी परा लौकिक शक्ति से संपर्क स्थापित कर के उससे समाधान भी प्राप्त कर सकते हैं ।
तो क्या तैयार है आप ,
यदि हां तो
संपर्क करें .....
आचार्य रजनीनंदा निखिल
8305704084
निखिल परा विज्ञान शोध संस्थान
भोपाल मप्र