Thursday, March 31, 2011

NAVRATRI -SADHNA,PRAYOG



  नवरात्रि पर्व अपने आप में एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण पर्व हे. शक्ति साधनाओ के लिए नवरात्रि अत्यंत ही उपयुक्त समय होता हे. कई महत्वपूर्ण साधनाए इस समय में करी जाती है और देवी शक्ति इस समय में अत्यंत चैतन्य होने से साधनाओ में सफलता प्राप्ति सहज ही संभव होती हे. माँ पराम्बा के कई रूप इस ब्रम्हांड को गतिशील बनाये रखते हे और नवरात्रि उनका प्रिय समय होता है यूँ नवरात्री के ९ दिन में शक्ति सबंधित साधनाए करना सौभाग्य ही कहा जा सकता हे. महाविद्याओ की साधना के लिए भी यह समय श्रेष्ठ होता हे. यु इस समय में देवी साधनाओ के कुछ विशेष प्रयोग भी हे जिन्हें अगर किया जाए तो सफलता की संभावना अत्यंत ही बढ़ जाती हे.

श्री प्राप्ति भुवनेश्वरी प्रयोग:

अपने सामने श्री भुवनेश्वरी की तस्वीर रखे और सामान्य पूजन करे. श्री माँ को श्रद्धा से वंदन कर के निम्न मंत्र का जाप ५१ माला करे और संभव हो तो जाप समाप्ति के बाद १०१ आहुतियाँ शुद्ध घी से प्रदान करे. इसमे स्फटिक माला का ही उपयोग करे.

मंत्र : श्रीं ह्रीं श्रीं

यह प्रयोग एक दिन का ही हे लेकिन अगर साधक साधक इसे पुरे ९ दिन तक करले तो सभी दिशाओ से पूर्ण सफलता प्राप्त होती हे. यह प्रयोग रातको १० बजे के बाद करे. जिसमे वस्त्र और आसान श्वेत हो, उतर या पूर्व दिशा और मुख हो. इस साधना को सम्प्पन करते ही साधक के सामने आय के नए स्त्रोत खुलने लगते हे, रुके हुए काम शुरू हो जाते हे और श्री माँ की कृपा द्रष्टि से वह भौतिक एवं आध्यात्मिक स्तर पर सफलता प्राप्त करता रहता हे.
  
बाधा निवारक चंडिका प्रयोग:

यह प्रयोग रात्रि में १२ बजे के बाद शुरू करे. इसमे आसान और वस्त्र लाल रहे. चंडिका देवी की तस्वीर के सामने सरसों के तेल का दीपक लगाये और पूजन करे, पूजन में कुंकुम का उपयोग होना ही चाहिए. इसके बाद काली हकीक माला से निम्न मंत्र की ३१ माला मंत्र जाप करे. इसमे दक्षिण की तरफ मुख करके बैठना चाहिए.

मंत्र : ओम चंडिके फूं

जाप समाप्ति पर सरसों से १०१ आहुतिया सरसों से ही दे. इसे कम से कम ३ रात्रि करना हे.
यह प्रयोग अत्यंत ही महत्वपूर्ण हे इससे घरमे रुकी हुयी बाधाओ का नाश होता हे, चाहे वह शत्रु बाधा हो, तंत्र प्रयोग बाधा हो, या घर में प्रेत बाधा हो या कोई अन्य ही, सभी प्रकार से यह प्रयोग आपकी रक्षा करेगा और व हमेशा ही विजय की प्राप्ति करता रहेगा.
  
देवी कृपा प्राप्ति हेतु चामुंडा प्रयोग

इस साधना को रात्रि में १० बजे के बाद शुरू करे, इसमे २ सुपारी को ले एक को काजल से पूत दे और दूसरी को सिन्दूर से. दोनों को इस तरह स्थापित करना हे की वह एक दूसरे से स्पर्श करती रहे और जुडी रहे. यह देवी चामुंडा के दोनों रूपों का प्रतिक हे. इन का पूजन करे और इसके बाद चामुंडा मूल मंत्र का ५१ माला जाप करे. इसे स्फटिक माला या किसी भी माला से जाप किया जा सकता हे. इसमे वस्त्र और आसान लाल रहे. दिशा पूर्व रहे.

मंत्र: ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे

यह प्रयोग कमसे कम ५ दिन तक करते रहना चाहिए और किसी भी स्थिति में डरना नहीं चाहिए, यूँ इस साधना को साहसिक व्यक्ति ही सम्प्पन करे तो ज्यादा उपयुक्त हे.
अगर योग्य रूप से इस साधना को किया जाये तो देवी ५ दिन में बिम्बात्मक रूप में दर्शन देती ही हे और देविक की कृपा बनी रहती हे.


सभी प्रयोगों में एक समय हल्का भोजन, भूमि शयन, ब्रम्हचर्यव्रत का पालन, यथा संभव कम वार्ता लाप का पालन करे. घर में चप्पल न पहने और चमड़े का स्पर्श न करे. देवी को नित्य ताजे फल का भोग लगाये.
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The navratri time is one if the very important face of time. The time period of navaratri is very suitable for sadhanas of Shakti. So many important sadhanas are done at this time and the power of Shakti remains awaken in this time so the surety to gain success increases more for sadhana in this time. So many forms of Mother Paramba incorporates to run this universe and navratri is most favorite time of her thus to do sadhanas in 9 days of navaratri is fortune only. This is even suitable time for mahavidhya sadhanas. This way, there are some sadhanas of Devi, if done in this time period; the percentage to have success is more.

Bhuvaneshwari Prayog to attend wealth:

Place picture of Shri Bhuvaneshwari infront of you and do poojan. Then with devotion bow down to her and chant the rosaries of following mantra. If possible give 101 aahutis of pure ghee with the same mantra. Sfatik rosary should be used for mantra chanting.

Mantra : Sreem Hreem Shreem

This is one day prayog but if sadhak continues it for nine days then the total success could be gain from all the directions. The ritual should be done after 10 pm in night. The cloth and aasan should be white; the direction should be north or east. After completion of this sadhana, new ways for wealth generation start being open, the pending works get done and with the blessing of the mother he get success in material as well as in spiritual field.

Barrier preventing Chandika Prayog:
  
This ritual should be start after 12am in night. The cloths and aasan should be red. In front of devi chandika’s picture light a lamp of mustard oil and doo poojan. The use of  Kumkum is must in poojan.  After that with black hakeek rosary chant 31 rounds of following mantra. One should sit facing South direction.

Mantra : aum Chandike Foom

After the mantra chanting give 101 aahutis with mustards. The process should continue till 3 nights.
This is one of the very important prayog which prevent from barriers what ever it may be enemies, tantra prayog, or any phantom problem or whatever else, this sadhana saves you from all danger and always let you win in every such situations.

For the divine grace of Devi, Chamunda Prayog

The sadhana should be start after 10pm, take 2 betel nuts. Apply soot on one and on apply vermillion on other. Place those in such a way that they stay touching each other side by side and stay connected. This is form of devi chamunda’s 2 forms. Do poojan and after that chant 51 rosaries of following mantra with sfatik rosary. The cloth and aasan should be red and the direction should be east.

Mantra: aeim hreem kleem chamundayai vichche

The prayog should be done for atleast 5 nights and one should not fear in any situation during sadhana. This way, if the sadhana is done in right manner, in 5 days devi will give sight in form and for the rest of life the blessings of devi remains on the sadhak.

In all these prayogs, one time light food, sleeping down on the ground, Bramachary, and less speaking should be followed. Do not wear footwear in house and do not touch any thing made of leather.
  
(वसंत नवरात्रि दिनांक ४ अप्रैल से शुरू हो रही हे)
(Vasant navaratri is starting from 4th of the April.)

****NPRU****

2 comments:

  1. Respected Guru Bhai,

    Pls tell me in CHAMUNDA PRAYOG, after doing this sadhna what to do with both supari? Is we have to put in worship place foorever? Pls tell.

    Rgds
    Krishan

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