प्रिय मित्रों ,
आप सभी को आने वाले परम पवित्र सदगुरुदेव जन्म दिवस कि अग्रिम शुभकामनाये , सदगुरुदेव भगवान से आप सभी के साथ आप सभी के प्रिय स्नेही स्वजन ओर मित्रों के लिए आने वाला समय साधनामय हो, सदगुरुदेव भगवान और पूज्य गुरु देव त्रिमूर्ति जी के स्नेहाशिर्वाद से परिपूर्ण हो , माँ पराम्बा की कृपा हर पल आपको सुलभ रहे , इन्ही पंक्तियों के साथ आज हम आप सभी को अवगत करना चाह रहे हैं , जैसा की सभी ने ब्लॉग में लेखों के अंत में NPRU लिखा देखा तो यह क्यों लिखा गया हैं . सभी मित्र बार बार जानने कि उत्सुकता मन में लिए हैं .
आज से लगभग २४ वर्ष पहले मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर में रहने वाला एक बालक ने अत्यंत अल्प आयु में ,न केबल सदगुरुदेव जी से सानिध्य ओर दीक्षा प्राप्त की और उनके स्नेह से अभिभूत हो गया .और कुछ वर्ष के उपरान्त उसने सदगुरुदेव के निर्देशन के अनुसार के उपरान्त स्नेहमयी चेतना से अनुप्राणित होकर पारद विज्ञानं , सम्मोहन विज्ञानं,सूर्य विज्ञानं , शमशान साधना , तंत्र , मंत्र ,साधना सम्बन्ध में शोध कार्य प्रारंभ किया ,फिर कुछ वर्षों पश्चात् उसने एक संस्था "निखिल परा विज्ञानं शोध ईकाई " (NIKHIL PARA SCIENCE RESEARCH UNIT ) की स्थापना कर शोध कार्य को ओर गति प्रदान की , क्योंकि बिना निखिल तत्व के तो जीवन संभव ही नहीं हैं . वही आधार हैं वही प्राण हैं वही सब कुछ हैं .उसे लगातार सदगुरुदेव जी ओर गुरुदेव त्रिमूर्ति जी से आशीर्वाद ,अनेकों दिव्य दीक्षाएं जो की इस मार्ग पर चलने के लिए एक अत्यंत आवश्यक तत्व हैं (बिना इसके सफलता इस क्षेत्र में तो कम से कम संभव नहीं ही हैं ) वह सदगुरुदेव जी ओर गुरुदेव त्रिमूर्ति अभी तक लगातार प्राप्त होती रही हैं .साथ ही साथ इस शोध कार्यों में सफलता के लिए आशीर्वाद ओर निर्देशन प्राप्त होता रहा . लगातार उसने जो भी सदगुरुदेव और पूज्य गुरुदेव त्रिमूर्ति जी के आशीर्वाद से जो भी पाया वह इस ब्लॉग के माध्यम से आपने सामने रखने का प्रयास लगातार अपनी भावानांजलि स्वरुप करता /करते आ रहे हैं और हर पल एक समर्पित शिष्य के रूप में आजीवन करेंगे भी .
मित्रों , जब सारा कार्य उनके श्री चरणों में समर्पित हैं तो फिर किसी का व्यतिगत नाम देना अब आवश्यकता नहीं हैं तो अब सारे लेख NPRU के नाम से ही आयेंगे .
आज तक जो भी पोस्ट , ब्लॉग या ग्रुप में आई थी वे सभी इस NPRU के अंतर्गत ही थी , साथ ही साथ में आपसे यह निवेदन करना चाहूँगा कि सभी लेख जो आज तक प्रकशित हुए हैं या होने इस नाम के आधीन ही होंगे, ओर ये सारे लेख व्यक्तिगत शोध पर आधारित रहे हैं ओर सभी पोस्ट/ लेख copy right protected हैं . तो इनमें से किसी भी लेख का किसी भी प्रकार का व्यावसायिक उपयोग पूर्णतया निषिद्ध हैं . यदि कोई उपयोग करना चाहता हिं तो उसे NPRU से लिखित अनुमति प्राप्त करना पहले आवश्यक होगा .
आप से पुनः निवेदन करना चाहूँगा कि , हम किसी भी प्रकार कि hate मेल, आलोचना या विवाद से संदर्भित बाते या मेल के बारे कोई प्रकाशन न ही करेंगे, क्योंकि , इन सब बातों के लिए न तो हमारे गुरुभाइयों /बहिन या हमारे पास ही समय हैं . तो कृपया इस प्रकार कि कोई मेल न भेजे.यह केबल positive विचार वाले गुरु भाइयों के लिए एक मंच हैं .
गुरु जन्म दिवस पर हम आप सभी के सामने , सदगुरुदेव भगवान् ओर पूज्यनीय गुरुदेव त्रिमूर्ति जी के परम पवित्र श्री चरणों में अपनी भावन्जली के रूप में एक वेब साईट प्रारंभ कररहे हैं . जिसे 15 apr 2011 के रात्रि समय से सभी के लिए सर्व सुलभ रहे गी . हालांकि प्रथम प्रयास हैं इसमे जितना ज्यादा संभव हो पायेगा उतना ओर आप सभी के लिए उपयोगी बनाया जायेगा आप विस्वास रखे अभी तो यह प्रथम प्रयास हैं , इस वेब साईट में क्या हैं? ओर क्या क्या होगा ?, .ये साईट किस नाम से आएगी ? इसका address क्या होगा ?...बस एक दो दिन कि प्रतीक्षा करें ,आप के सामने एक नया पोस्ट से आप जल्द ही इस बारे में अवगत होंगे
NPRU के माध्यम से हम कुछ किताबों का प्रकशन करने जा रहे हैं ओर ये किताबे हैं
- The Dreams : स्वप्न विज्ञानं की बारीकियों को समझाता हुआ , साथ ही साथ स्वप्न विज्ञानं के माध्यम से कैसे उनका विश्लेषण कर जीवन की कठिनाइयों को समझ कर निदान किया सा सके .
- हस्तरेखा शास्त्र और अपराध की मानसिकता - लेखक ने लगभग ६५,००० हाँथ देख कर उनका आकलन, विश्लेषण कर उनका निचोड़ इस किताब में रख दिया , लेखक की वर्षों का अनथक श्रम आपके सामने आने ही जा रहा हैं . हस्त रेखा शास्त्र की पेचीदगियों को सुलझाता हुआ एक नया दृष्टी कोण .
- स्वर्ण रहस्यम - यह बहु प्रतीक्षित किताब भी प्रकाशन के लिए तैयार हैं हमने कई बार इसके प्रकाश न के बारे में आपको बताया हैं पर कुछ अपरिहार्य कारणों के हर बार इसका प्रकाशन टालना पड़ रहा हैं , जैसा की आप जानते हैं की इस बहुमूल्य किताब के कुछ पन्ने आप तंत्र कौमुदी मग में पढ़ रहे हैं .
- साथ ही साथ हम तंत्र कौमुदी के नाम से एक किताब प्रकाशित करने जा रहे हैं यह किताब २१ भागों में प्रकाशित होगी . हर भाग लगभग ४०० से ५०० पेजों का होगा .इसमें आज तक सामने नहीं आई साधनाओं को भी आपके सामने रखा जायेंगा . अभी जुलाई के महीने में इसका प्रथम खंड जो “रहस्य खंड “ के नाम से प्रकाशित होगा , तथा द्वितीय भाग " सिद्धि खंड" के नाम से जनवरी माह में प्रकाशित होगा यह प्रिंट रूप में होगा , अर्थात इ फॉर्मेट में नहीं होगा .पूर्णतया अद्भुत साधनाओ ओर ज्ञान से परिपूर्ण यह २१ भाग क्रमानुसार आपके सामने आते जायेंगे , , इस सन्दर्भ कि कब से यह किताब आप लोगों के सामने आएँगी ?क्या क्या इसमें होगा ?ओर आप सभी इसे कैसे प्राप्त कर पाएंगे ? इसे क्या मूल्य होगा ?, में ब्लॉग पर आपको सूचना ओर अन्य तथ्य आपके सामने रखे जायेंगे.
हाँ यह बात जरुर आपके सामने रखन चाहूँगा कि जो भी इस किताब कि बिक्री से धन प्राप्त होगा उसका एक बहुत बड़ा हिस्सा गुरु कार्य जैसा की आप जानते हैं सदगुरुदेव जी ने एक विशाल अनेकों सुविधा युक्त एक अस्पताल की योजना बनायीं थी,ओर अपने इस सपने के बारे में बताया भी था. अब पता चल रहा हैं की गुरुदेव इस स्वपन को साकार करने की दिशा में लगातार अनथक श्रम कर रहे हैं , अतएब , हमें जो भी धन राशि इन किताबों की बिक्री से प्राप्त होगी उसका एक बहुत बड़ा हिस्सा इस कार्य के लिए गुरुदेव जी के श्री चरणों तथा अन्य कार्य जैसे मंदिर निर्माण आदि में समर्पित होगा.
यह कोई contribution नहीं हैं , यह तो हमारे जीवन का लक्ष्य होगा कि हम अपने सर्व प्रिय सदगुरुदेव भगवान् ओर गुरुदेव त्रिमूर्ति जी के सपनो को साकार करने कि दिशा में जो भी योगदान दे सके .आगे आप सभी गुरु भाई /गुरु बहिने साथ हैं ही तो हर कार्य सफल होगा ओर सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह हैं कि सदगुरुदेव भगवान् ओर गुरुदेव त्रिमूर्ति जी का आशीर्वाद आप हम सभी के साथ हर पल हैं ही .
ये NPRU छोटी सी संस्था किन कार्यों में सलग्न हैं उसका थोड़ी से रूप रेखा आप सभी गुरु भाई /बहिनों के सम्मुख रख रहा हैं .
- ज्योतिष सलाह चाहे वह हस्तरेखा या कुंडली के माध्यम से इस से पाई जा सकती हैं .
- स्वप्न जगत से सम्बंधित विश्लेषण ओर उचित मार्गदर्शन
सिर्फ पारद विज्ञानं से संबंधित किसी भी प्रकार के विग्रह,दिव्य गुटिकाओं का निर्माण केबल आपके संपर्क करने पर आपके लिए किया जा सकेगा
- प्रकाशन प्रभार परा विज्ञानं ओर परा - लौकिक विज्ञानं से सम्बंधित जिनमे तंत्र , मंत्र , यन्त्र जगत से संबंधित स्वानुभव ग्रंथो का प्रकाशन किया जा रहा हैं .जिसमें तंत्र कौमुदी के दुर्लभ खण्डों (२१ भाग ) में प्रकाशित किये जाने कि योजना पर लगातार कार्य चल रहा हैं.इस बारे में आपको सूचित किया जायेगा .
- nikhil alchemy2 ब्लॉग , इसी संस्था के अंतर्गत ही आपके सामने लगातार गतिशील हैं .
- "तंत्र कौमुदी " फ्री इ पत्रिका का हर माह प्रकाशन इसी ईकाई के अतर्गत किया जा रहा हैं जो कि केबल याहू ग्रुप ओर ब्लॉग में रजिस्टर मित्रों के लिए ही हैं .जो भी नए गुरु भाई /बहिन ब्लॉग ओर ग्रुप में जुड़ते जायेंगे हमारे द्वारा उन्हें निशुक्ल इ पत्रिका उनके इ मेल पर भेजी जाती रहेगी .
- साथ ही साथ हम सभी गुरु भाइयों के मध्य एक मंच NIKHIL ALCHEMY याहू ग्रुप हैं जिसमे हम अपने विचारों को व्यक्त कर सके ये भी इसी संस्था के अंतर्गत ही क्रियाशील हैं .
- web साईट भी कोशिश कि जा रही हैं 15.04 .2011 को आपके सामने आ पाए,.
- अभी तक पारद संस्कार केबल गुरु भाइयों के लिए ही आयोगित किये गए थे , पर सदगुरुदेव भगवान ने कभी भी स्त्री ,पुरुष का भेद नहीं मन , उनके लिए सभी प्राण अंश एक सामान हैं, हम सभी सदगुरुदेव भगवान ओर पूज्य गुरुदेव त्रिमूर्ति कि आशीर्वाद तले प्रयास रत हैं कि गुरुबहिनो के लिए भी ये कार्य संभव कर सके , ओर गुरुदेव त्रिमूर्ति जी के आशीर्वाद से ये संभव होगा भी.
- सर्वाधिक महत्पूर्ण तथ्य : कृपया किसी भी प्रकार के यन्त्र या माला के लिए हमसे किसी भी प्रकार का कोई भी किसी भी हालत में संपर्क न करें , न ही कोई इस बारे किसी भी प्रकार की इ मेल हमें करें, हम आपसे बार बार यह निवेदन करते रहे हैं की यंत्रों मालाओं ओर अन्य किसी भी प्रकार की साधना सामग्री व समस्त साधना सामग्री के लिए केबल ओर केबल जोधपुर में गुरुदेव त्रिमूर्ति जी से संपर्क करें .
मित्रों , केबल ब्लॉग ओर याहू ग्रुप के साथ तंत्र कौमुदी पत्रिका(मासिक) ही निशुल्क हैं आप यदि ज्योतिष या अन्य सेवाए जैसे पारद विग्रह या गुटिका के बारे में जानकारी लेना चाहे तो उनके शुक्ल से संबंधित जानकारी आप nikhilalchemy2 @yahoo .com पर इ मेल करके प्राप्त कर सकते हैं . प्रकाशित होने वाले ग्रंथो से सम्बंधित सूचना का इंतज़ार करे.
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Friends,
for coming Holiest for a shishy/shishy life is his/her sadgurudev birth day we are wishing you all , that your life be full of sadhana and have the divine blessing of poojya sadgurudev ji and poojya gurudev trimurti ji and ma paramba bless you always , all your good wishes soon be fulfill. with thses wishes we are informing you that like in previous post you have noticed that instead of name we mentioned NPRU what that stands for.many of our friends very eagar to know about that.
nearly 24 yrs back , a boy living in small town of Madhya pradesh had got opportunity to meet him, at very early age and have blessing and diksha from sadgurudev ji, and after some years , sadgurudevji divine love influences that boy so much, that he started research work on hypnotism, parad vigyan tantra ,Sun vigyan tantra , mantra tantra, yantra field as per the guidance and instruction of him, than continually he is gettingthe blessing and divine diksha from sadgurudev ji and gurudev trimurtiji in this regrds (since without thatdivine diksha the sucess in this field is always questionable.)after some years the boy establish a small unit in the name of NIKHIL PARA SCIENCE RESERCH UNIT .and from onwards continously he did /does hard work under the divine blissing of sadgurudev ji and poojya gurudev trimurti ji .til date what he achieved , is publishing as a post in the blog for the benefit for our own guru brother /sister as a capacity of a simple gurubrother only . this is his small offering to the divine holy feet of sadgurudev ji and Gurudev trimurti ji , and this will continue... he/we always be shishya and nothing else......til the rest of life.
Friends, when all the work is dedicated to sadgurudev ji , so it would be better if we onword not mentioning any individual post writer names . so onwards each writing we publish with NRPU name only.
til date whatever the post appeared in the blog or in yahoo group are copy righted for the NPRU .so no post can not be utilised for any professional/business purpose , if any one want to use them than prior written permission is getting must from NPRU.
to the coming SadguruDev bith day we are opening web site as our offering to sadgurudev ji and gurudev trimurti ji’s divine lotus feet . this is small first step but we assure you day by day we will make it more and more usuful for you, so that each and every one can be benefitted by that . still much has to be done inthis direction . what is the name of this web site,? what is the url of this web site,? what it contains ? you have to wait , on the 15 th april 2011 night we are trying our best to make publicallu available . please wait for the post in this regard.
as we already make it very clear that no hate mail no critism either how may be construtive or opening of any controversy will not be allowed or aapread here,not inthat realtion any things appeared . this is just a forum in which like minded person exchanging the thought. we think that no one of us ready to waste his valuable time for that usuless activity.
now the most imp question , whosoever stll in the mind frame that the things appeared here not have any base, or still asking proof, for sucha person or group we are saying that treat all the material appeard here or will appear totally baseless, no ground, just a rumour,or pure gapp. we donot ever try to convince them throug hany means, .those who can belive kindly welcome here, those who do not wish than they can devote thier valubale time for some otherpositive work.
thsere are some book are ready for publishing.
1.The Dreams – in this how to interpretate dream in systematic and logical view,how we can easily get direction from our dreams to solve our life normal /general problem. andmany unpublished sadhana in this reagrds.
2. Hasta rekha shashtra aur apradh ki mansikta : inthis book th ewriter personally examined nearly 65000 hand print and through analysis and practical experince , what he get understand properly will teach us the secreats of dream.
3. swarna rahashyam- yes this is truie this book also completely ready for publication, but every time the publishan ofthis great book has to be stopped. we also advt this book in our yahoo group, and some pages of the highly valuable books/secreats is firsttime revealed through tantra kaumudi e mag.
4. we are planning a book named TANTRA KAUMUDI in 21 volume , first volume will come in the month of july as name of RAHASY KHAND. second volume will come in th e month of jan 2012 as “SIDDHI KHAND”. each volume be contain 21 chaptersand be of 400 to 500 pages , and will be enriched with practical experience and sadhana that are still unreaved to us , most importance , it just not the introduction of the subject but in deapth knowledge. and alike that all the 21 volumes will be published one by one , how you can receive that ? what are the material /subject in that? what will be the price? like all the questions will be dealt in coming post in the blog in this reagrd. thses volumes will be in print form means no e format.
as all of you aleardy aware of this fact that sadgurudev ji wanted to have a divine medical hospital . he worked iinthat direaction as we are getting news that poojya gurudev ji started the w ork inthis reagrds. so whatever th eearning of thses book selling , major portion of the earining will be offered to as a small offering to sadguridev ji and poojya gurudev trimurtiji divine holy feet.and another work like Sadgurudev mandir etc..
when like minded gurubrother and guru sister like you are with us your e mails and calls are th eproof , and most importatntly sadguriudev ji and gurudev trimurti ji blessing always with us than we as his children always be come out successful.in every work we take .
in which type of work this NPRU is giving its service, little bit introduction is is in front of you.
- Astrological advise based on palmistry or through hosroscope can be obtained.
- complete analysis from dreams and approprite advice in this connection can also obtained.
- any gutika and vigrah releted to Parad Tantra can be made here , for just cost of material .
- Through publication section we are planning to publish a book in 21 part series named Tantra kaumudi durlabh rahasy khand each part will be of 400 pages approx. we are working on that soon we will inform you.
- our blog named Nikhil-alchemy2 is running under this unit.
- “Tantra kaumudi” monthly e free magazine will be freely provided to the member of blog and yahoo group only. New joins can also contact us ,e mag will be send to their e mail id. publications oft his e magazine is under this NRPU.
- We have a group in which we as a guru brother /sister can exchange our thought and values. It also free. this also run under this NRPU.
- We are trying to have website in shape so that soon that will be available to all of us on 15 th April 2011. Maintenance of this site will be done by NRPU.
- Till that parad workshop is organized only for guru brother only , but for Sadgurudev has no difference between them, they are/we are all his divine children. we are trying our best so that the same workshop organized for guru sisters also , and we hope very positively that soon we will progress in this problems .through divine blessing of Poojya Sadgurudev ji and our Gurudev Trimurti ji this well happen too.
Important Point: please do not call us or send e mail to us asking for any yantra, mala or other sadhana samgri in this regard. we make it very clear that For to get any sadhanatmak, material like yantra and mala etc. you have to contact Gurudev Trimurti ji office at jodhpur. So plz do not send any mail for asking mala or yantra in this regards.
Dear friends , only Tantra kaumudi e magazine is free and blog and yahoo already free, but to have any service from NRPU that will not be free either related to making of divine parad vigrah or divine gutikas and astrological related advice and going to soon publish books, for to have more info you can mail nikhilalchemy2@yahoo.com. When the books are going to published soon in that relation blog will have a post.
****NPRU****
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