साबर मन्त्रों की प्रसंशा तो हर जगह आई हैं इन दिव्य मंत्रो का तो क्या कहना, गोस्वामी तुलसीदास जी ने भी राम चरित मानस में इन मन्त्रों के अनमेल योग ओर प्रभाव की महिमा गायी हैं, यहाँ तक की जब वह अपनी हाथ के दर्द से बुरी तरह पीड़ित हो गए ओर किसी भी प्रकार के इलाज से उन्हें राहत नहीं दिखाई दे रही थी तब उन्होंने एक पूरे ग्रन्थ का ही निर्माण साबर मन्त्रों की भाषा के तरीके से भगवान् हनुमान जी की स्तुति के रूप में किया और वह अपनी इस तकलीफ से मुक्त हुए .
यह तो निश्चित हैं की इन मंत्रो का कोई तोड़ नहीं , इनकी तीव्रता का कोई सानी नहीं,प्रभाव की कोई सीमा नहीं , की अनहि संभव हो सकत हैं ओर जीवन के किस विषय को ये नहीं स्पर्श नहीं करते हैं सदगुरुदेव जी एक स्थान पर कहते हैं यदि दो या तीन प्रकार से कोई एक साधना संपन्न हो सकती हैं तो हमेशा साबर साधना के तरीके को ही चुनना चाहिए क्योंकि ये ही तरीका सबसे श्रेष्ठ होता हैं .
मैंने कई बार इन मन्त्रों के बारेमें पढ़ था ,सदगुरुदेव जी ने अनेकों बार इनके विषय में समझाया था पर में तो महाविद्या साध ना या अन्य साधना में ही रूचि रखता था, साबर साधना पर कोई विशेष ध्यान नहीं था.
उसी दौरान एक बार मैं दांत के दर्द से बुरी तरह पीड़ित हो गया , कितने इलाज करवाए पर कोई विशेष लाभ नहीं होता दिख रहा था , आप मेंसे जो दांत के दर्द के भुक्त भोगी कभी रहे हैं वह स्वयं जान सकते हैं , रूट कैनाल सर्जरी के बाद भी कुछ विशेष लाभ नहीं मिल पाया .
तभी मुझे अचानक सदगुरुदेव जी की एक बात याद आई किजब कभी तात्कालिक परिस्थिति मैं लाभ प्राप्त करना हो तो एक दम से बड़ी साधन प्रारंभ करना वैसा ही हैं जैसे की सिरदर्द को दूर करने के लिए पूरा मेडिकल शास्त्र पढना चालू करना जहाँ मात्र एक गोली से काम हो सकता हैं तो बड़ी प्रक्रिया क्यों.
यह याद आते ही मैंने एक जगह दांत के दर्द से सम्बंधित मंत्र देखा जिसमें असर तो अछूक लिखा था पर सिध्ह करने की कोई विधि ही नहीं थी, अत्यंत ही सरल प्रक्रिया थी. उस विधि को मैं ने प्रारंभ कर दिया . मंत्र दो दिन के अन्दर ही दर्द सामाप्त हो गया तब से आज तक कभी दर्द फिर से लौटा नहीं, पर कभी सम्भावनाये दिखी तब इस मन्त्र अक थोडा सा जप ने पुनः दर्द आने की सम्भावनाये क्षीण कर दी .
विधि इस प्रकार्र हैं
भोजन करने के उपरान्त हाथ मैं जल लेकर इस मंत्र को सात बार पढ़े फिर इसी अभिमंत्रित जल से कुल्ला कर ले, सात बार करें ओर आप इसी प्रकिर्या को प्रतिदिन करें , आप इस मंत्र के चमत्कारिक परिणाम देख कर आश्चर्य चकित हो जायेंगे.
काहे रिसियाए हम तो हैं अकेला , तुम हो बत्तीस बार हमजोला,
हम लाये तुमबैठे खाओ , अन्तकाल में संग ही जाओ ..
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On many places the importance of theses sabar mantra expressed in many ways and its quite natural that what can be said about theses great mantra. Goswami tulsidas ( the writer of shri ram charit manas) also expressed the greatness, important of thses mantra in which combination of various various word often does not create any straight meaning, but truth still lies, even once goswami ji had a very high pain in his arm he tried all the way but pain was still there, at that time a wrote a complete book named “Hanumaan bahuk” , and after that his pain totally vanished, what is the special point on this book , actually if one goes that book find that all book has been written like a sabar mantra style and on various place Bhagvaan hanuman has been remembered and asked to remove the pain,
This is sure that there is no equal of theses type of mantra in term of effect and simplicity. There is no limitation of theses mantra they touch every aspect of life. Sadgurudev ji always stated that if any sadhana can be done two or three ways than always try to choose the way which is sabar related
I have read many times on theses mantra off course through our patrika (mantra tantra yantra vigyan .) Sadgurudev rapidly spoke on many occasion on theses mantra sadhana, but my aim towards mahavidya sadhana and other sadhana I never pay much attention on this type of sadhana. In those days I was caught in grip of intense toothache. I tried various treatment as per mine capacity but no one were producing the result as I thought. Those many of you have ever toothache already knew the pain and inconvenience of this pain. even root canal surgery produce the result as I thought.
Suddenly I remembered one word of Sadgurudev ji that when you want sudden relief in any situation than to start a big sadhana is like for to remove headache one start reading medical science book , where a single tablets produce the result than why study about big complex process.
I just search a mantra for removing toothache I found a mantra for that is had been written that this is very a effective and there was no method to get siddhitt. Process was very easy. I tried that within two days al the pains has been gone. Till that nor come back, whenever i found I s there any chance of returning that I simply repeat the process .still I am safe.
Process:
After taking any meals , take water in hand and just repeat the seven times this mantra and wash your mouth from inside .repeat this process seven times in one go. And see the result your self.
“Kahe risiyaye ham to hain akela tu m ho battis baar hamjola
Ham laye tum baithe khao, antkaal main sang hi jao ..”
****NPRU****
क्या यह मन्त्र केवल दाँत का दर्द के लिए है ?
ReplyDeleteक्या इसे सिर दर्द, पेट दर्द, कान दर्द, और घाव दर्द को ठीक करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है ?