"अष्ट सिद्धि नव निधिं के दाता
अस आशीष दीन्हे जानकी माता "
भगवान् भोले शंकर की उदारता के कारण कौन नहीं होगा जो उनके आराधना नहि करना चाहता होगा, देव दानव, गन्धर्व, मानव, सभी तो भगवान् आशुतोष की कृपा के आकांक्षी हैं .उन्ही भगवान के रूद्र स्वरुप की तेजस्विता से तो पूरा विश्व गति मान हैं ही, साधारणतः इन रूद्र के सम्बंधित साधना ज्यादा प्रकाश में नहीं आई हैं , पर एकादश रूद्र की बात ही अनोखी हैं, उनके उपासक ,आराधक तो कहाँ कहाँ नहीं हैं , हर स्थान पर उनका का मंदिर या आराधक मिल ही जातेहैं , जिनका नाम की कष्टों से निवृति दिलाने वाला हैं.
यहाँ तक सुना जाता हैं की विश्व में सर्वोपरि साधना तो अघोर साधना विधान हैं और विश्व की हर शक्ति इस विधान के सामने नत मस्तक हैं , पर केबल मात्र एक ही देव हैं जिनके पञ्च मुखी स्वरुप की करोंड़ों सूर्य वत तेजस्विता के सामने यह अघोर विधान भी इनको प्रणम्य करता ही हैं .(वास्तव में सूक्षमता से देखें तो अघोर विधान भगवान शंकर के दिव्यतम स्वरूप से सम्बंधित हैं और भगवान महावीर भी तो उन्ही भगवान् शंकर के स्वरुप ही हैं )
हनुमान साधनाके अनेकों आयाम हमारे सामने हैं कुछ तो सामान्य हैं कुछ तो अति दिव्यतम हैं इस सन्दर्भ में सदगुरुदेव भगवान "हनुमान साधना " एक पूरी पुस्तक और "हनुमान साधना " नाम की cd भी उपलब्ध करायी हैं , जिसमे सदगुरुदेव भगवान ने भगवान् बजरंग व् ली के उस दिव्यतम बीज मंत्र की वेवेचना की हैं जिसके माध्यम से आप उस प्रक्रिया को कर के पूरे दिन स्वयं ही भगवान् मारुती की दिव्य उर्जा से ओत प्रोत रह सकते हैं , वह पूरा अत्यधिक सरल विधान जिसे सिद्ध करना भी जरुरी भी नहीं हैं आप स्वयं सदगुरुदेव भगवान् के श्री मुख से सुने और लाभान्वित हो ,
सदगुरुदेव भगवान् ने यदि आप मंत्र तंत्र यंत्र विज्ञानं पत्रिका में देंखें तो एक ऐसा विधान दिया हैं और एक ऐसे साधक का परिचय दिया हैं जो उस समय ८०/८५ वर्ष के थे और क्रोध आने पर एक पूरा वृक्ष भी जड़ से उखाड फेंकते थे .
(सच में सदगुरुदेव भगवान् ने क्या क्या विधान नहीं दिए हैं अपने सभी आत्मंशो के लिए , अब ये तो हम पर हैं की हम किस दिशा में चले .. इन साधनाओ को आलोचना की दृष्टी से देखे या फिर शिष्यता तो बहुत दूर की बात हैं , अच्छे से जिज्ञासु ही बने तो कम से कम एक सीधी तो उप र बढे या सीधे ही अपने आप को शिष्य मान ले ,क्योंकि यह तो बेहद सरल सा हैं , पर ध्यान भी रखे , उन परम हंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जीकी शिष्यता के लिए महा योगी भी अनेको वर्ष तपस्या करते रहते हैं क्या वह इतनी सामान्य सी वस्तु हो गयी ......
"को नहीं जानत संकट मोचन नाम तिहारो " इस जीवन में मानो संकट और संकट ही हमारी संपत्ति बन गए हैं , या ऐसे कहे ही की विपत्ति ही हमारी संपत्ति बन गयी हैं .
अब किस किस समस्या का सामना करे कोई एक हो तो या दुसरे ढंग से कहूं तो की आज तक तो ठीक चल रहा हैं कहीं कोई समस्या न आ जाये , अब इस आकांशा को कैसे सामना करे .
भगवान् आंजनेय से सम्बंधित या प्रयोग इन समस्त विपदा से आपकी रक्षा करता हैं ही
मंत्र :
हनुमान पहलवान , बारह वरस का जवान |मुख में वीरा हाँथ में कमान | लोहे की लाठ वज्र का कीला|जहँ बैठे हनुमान हठीला |बाल रे बाल राखो|सीस रे सीस रखो| आगे जोगिनी राखो| पाछे नरसिंह राखो | इनके पाछे मुह्मुदा वीर छल करे , कपट करे ,तिनकी कलक ,बहन बेटी पर परे | दोहाई महावीर स्वामी की |
सामान्य नियम :
· वस्त्र आसन दिशा का कोई प्रतिबंध तो नहीं हैं पर आप चाहे तो लाल रंग के उपयोग कर सकते हैं .
· इस मंत्र से जप आप सुबह करे तो अच्छा हैं ,
· रुद्राक्ष माला का उपयोग आप जप कार्य के लिए कर सकते हैं .
· जप संख्या केबल १०८ बार हैं ही , और इसके बाद आप जितनी आहुति हो इस मंत्र से हो सके करे .यदि गुगुल का प्रयोग करे तो उत्तम होगा .
· सदगुरुदेव भगवान् से प्रार्थना करे की भगवान् आंजनेय कृपा से आपके उपर से विपत्ति या दूर हो
आज के लिए बस इतना ही
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“Asth sidhhi nav nidhi ke data
As aashish dinhe janaki mata “
Who do not want to worship Bhagvaan bhole shaker , whether they are dev or danav or manav every one because generosity of him , everybody want to gain the blessing of Bhagvaan Ashutosh , and whole world is moving through tejaswita of rudra swarup of Bhagvaan Ashutosh . in general, very less sadhana are available for theses rudra swarup, but the ekadash rudra means the11 th rudra has a very unique place. Every where we can find the devotee of him, in every place , you can have his temple. Even his name is problem remover,
We have listen that aghor sadhana is having a very high place in sadhana jagat , and every sect and every one salute to the tejaswita of this aghor sadhana but in front of Bhagvaan Aanjney’s panch mukhi swarup (means Bhagvaan hanuman with five head) even the aghor sadhana salute to him, such is the radiance of Bhagvaan this forms .(if we see little deeper ,we find that aghor sadhana is nothing but the most divine form of Bhagvaan shiva and Bhagvaan Aanjney is also the form of him).
There are many dimension of hanuman sadhana, some of very simple but many of the highly divine one. In this relation Sadgurudev Bhagvaan has written a book named “Hanuman sadhana” and a special cd has been made with the same name , in that , he has given one such powerful procedure through that you can energies your whole day , and you do not need to siddh that process ,only simple 4/5 minute of that gives you so much energy. You can listen Sadgurudev Bhagvaan divine voice and get benefitted by that.
Sadgurudev ji has given one such a very powerful vidhan in mantra tantra yantra vigyan old issues , and also introduce a sadhak , who even at that time 80/85 years old but when he got angry , he could uprooted whole tree from the roots.( to be true, Sadgurudev Bhagvaan has given so many divytam sadhana process for all his aatamaansh , now it rests totally upon us , that in which direction ,we will move, take all these process as the view of criticizer or became a shishy but keep in mind , to became a shishy , one must first tread on the step of jigyasu (means real truth seeker ), and became true seeker , since shishyata is very far away, or without going through this steps , we simply assume that we are his shishy , that so easy, but think about a minute , to get shishyta of such a param yogi paramhans swami nikhileshwaranand ji, even maha yogies do tapsaya so many births, than such a blessing comes. Is shishyta of Sadgurudev Bhagvaan is so simple and easy…..
“who do not know the name of o lord hanuman, problem remover Is thy name “ it seems that in our life problem become the real wealth of us, how to face the problems , when it has so many faces, and what will a person do , if he worries about coming problem. Than..
This simple prayog of Bhagvaan Aanjney protects you.
Mantra :
Hanuman pahalvaan, barah varas ka jawan | mukh me beera haanth me Kaman | lohe ki lathh vajra ka keela | jahn baithhe hanuman hathhila | baal re baal raakho | sis re sis rakho | aage jogini raakho | paachhe narsinh raakho | in ke paachhe muhmuda veer chhal kare , kapat kare , tinki kalak ,bahin beti par pare | dohae mahaver swami ki |
General rules:
· No restriction regarding clothes and aasan and direction but red color cloths would be fine .
· Mantra jap time ,if in the morning than its much better.
· Can use rudraksh mala,
· Have to chant only 108 times, and offer aahuti means havan with guggul than it would be fine.
· Pray to Sadgurudev Bhagvaan than through the blessing of Bhagvaan Aanjney all our problems gets removed,
This is enough for today
****NPRU****