जीवनकाल मे व्यक्ति को अपनी इच्छाओ की पूर्ति तथा योग्य रूप
से जीवन निर्वाह करने के लिए कितने ही कष्ट उठाने पड़ते है. कितने समय तक परिश्रम
ग्रस्त भी रहना पड़ता है. और न जाने कितना ही शारीरिक तथा मानसिक रूप से गतिशील
रहना पड़ता है. इन सब के मूल मे पूर्ण रूप से भौतिक सुख की प्राप्ति है. और इस
पूर्ण सुख प्राप्ति के लिए धन प्राप्ति एक बहोत ही बड़ा अंग है. हर एक व्यक्ति की
इच्छा होती है की वह भौतिक द्रष्टि से सम्प्पन हो, वह सुखो का उपभोग करे तथा अपने
परिवार को भी कराये. अपनी इछाओ तथा मनोकामनाओ की पूर्ति करे तथा अपना और परिवार का
ऐश्वर्य बनाये रखे. लेकिन क्या यह हर व्यक्ति के लिए संभव है? नहीं. क्यों की
हमारा जीवन कर्मप्रधान है. हमारे कर्मफल के निमित हमारा भाग्य होता है तथा उसी के
अनुरूप हमें भोग तथा सुखो की प्राप्त होती है. लेकिन यह प्रारब्ध यह भाग्य को
साधनाओ के माध्यम से परावर्तित किया जा सकता है. किसी भी क्षेत्र मे परिश्रम के
साथ ही साथ श्रद्धा तथा विश्वास के साथ साधना कर दीव्य शक्तियो की कृपा प्राप्त कर
ली जाए तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है. धन प्राप्ति के सबंध मे भी तंत्र
शास्त्र मे अनेको साधना है, जिनके द्वारा व्यक्ति अपनी धन प्राप्ति की इच्छा को
पूर्ण कर सकता है. लेकिन गुप्त रूप से एसी साधनाओ का प्रचलन भी रहा जिससे व्यक्ति
को निश्चित ही अत्यधिक कम समय मे अर्थात शीघ्र ही धन की प्राप्ति हो जाती है. चाहे
किसी न किसी रूप मे साधक को कोई भी माध्यम से धन की प्राप्ति होती है. इस प्रकार
के प्रयोगों को आकस्मिक धनप्राप्ति प्रयोग कहे जाते है. प्रस्तुत प्रयोग
आकस्मिकधनप्राप्ति के प्रयोगों की श्रृंखला मे एक अजूबा है. यह प्रयोग बहोत ही कम
समय का है तथा साधक को निश्चित सफलता देने मे पूर्ण समर्थ है. इस प्रकार जिन
व्यक्तियो के पास लंबे अनुष्ठान करने का समय नहीं है ऐसे व्यक्तियो के लिए भी यह
प्रयोग श्रेष्ट है. प्रयोग की पूर्णता पर साधक को आय के नए स्तोत्र प्राप्त होते
है, रुका हुआ धन प्राप्त होता है. या फिर किसी न किसी रूप मे धन की प्राप्ति होती
है.
इस साधना को किसी भी शुक्रवार से शुरू किया जा सकता है.
समय रात्री काल मे १० बजे के बाद का हो
साधक के आसान तथा वस्त्र लाल रंग के हो तथा दिशा उत्तर रहे
साधक को यह साधना पलाश वृक्ष के निचे बैठकर करनी चाहिए. अगर
किसी भी रूप मे साधक के लिए यह संभव नहीं हो तो साधक जहा पर साधना कर रहा हो वहा
पर अपने सामने पलाश वृक्ष की लकड़ी को लाल वस्त्र पर रख दे. साधक अपने सामने देवी
महालक्ष्मी का चित्र स्थापित करे. संभव हो तो महालक्ष्मी यन्त्र या श्री यन्त्र
स्थापित करे. तथा उसका पूजन करे. उसके बाद साधक देवी महालक्ष्मी को प्रणाम कर
साधना मे सफलता के लिए प्रार्थना करे. उसके बाद साधक निम्न लिखित मंत्र का
कमलगट्टे की माला से २१ माला जाप करे.
ॐ श्रीं शीघ्र सिद्धिं तीव्र फलं पूरय पूरय देहि
देहि श्रीं श्रीं श्रीं नमः
मंत्र जाप पूरा होने पर साधक को गाय के घी से १०१ आहुति इसी
मंत्र के साथ अग्नि मे समर्पित करनी है. इसके बाद साधक नमस्कार कर सफलता प्राप्ति
के लिए प्रार्थना करे.
यह क्रम व्यक्ति को ३ दिन तक रखना है. ३ दिन बाद साधक माला को
तथा अगर पलाश की लकड़ी को उपयोग मे लाया है तो वह भी पानी मे प्रवाहित कर दे. साधक
की शीघ्र धनप्राप्ति की इच्छा जल्द ही पूर्ण होती है.
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Meanwhile the life time,
one needs to go through so many troubles and problems to fulfil the wishes and
to live the life with right track. Long time duration is spent to remain
hardworking. And one should also need to be activating mentally and physically.
Base thing in all these activity is to receive complete material pleasure. And
money plays vital role to have the complete pleasure. Everyone today wish to
complete oneself in term of material life, have the complete happiness shared
in family. Fulfil own wishes and wills and to make the family prosperous. But
is it possible for everyone? No. Because our life is based on Karma. Our Karma
forms our fortune to live and based on the same we receive happiness and
material pleasures. But this fortune or this luck could be converted through
the medium of the sadhana. With hard work, in every field, if one receives
blessings of the divine powers gained through the sadhana done with faith and
devotion can grant success for sure. In regards to wealth gaining there are
several sadhana in the field of tantra with which one fulfil wish to have
money. But secretly many sadhana had remained famous with which one can obtain
money for sure in very short span of time. With any medium or with any way
sadhak receives the money. Such prayogas are called as “aakashmik dhan prapti
prayog”. Here presented prayoga is incomparable in this quick wealth gaining
prayoga. This process is short in term of time and is able to grant wish of the
sadhak completely. This way, this prayoga is also beneficial for the people who
do not have time to do long anusthan for many days. When prayoga is completed
one gets new sources of wealth gaining, one may also gains trapped money. Or
else in one or another medium finance is gained.
This sadhana could be
started on any Friday.
Time should be after
10PM (night)
Aasan (sitting mat) and
cloths of the sadhak should be Red in colour and direction should be north.
Sadhak should do this
sadhana sitting under the tree of Palaash (butea monosperma). If that is not
possible for sadhak anyway, one should establish piece of the wood of the
palaash on the red cloth in front where sadhana is being done. Sadhak should
establish picture of goddess lakshmi in front. If possible one should also
establish Mahalakshmi yantra or Shree yantra with that. And one should do
poojan of the same. After that one should bow to maha lakshmi and pray for the
success in the sadhana. After that one should chant 21 rounds of the following
mantra with kamalgatta (lotus bead) rosary.
Om shreem shighra siddhim tivr phalam pooray
pooray dehi dehi shreem shreem shreem namah
When mantra chanting is
done, sadhak should offer 101 offerings (aahuti) of the cow Ghee (clarified
butter) in to fire. After that sadhak
should bow down and pray for the success in sadhana.
This process should be continued for
three days. After three days sadhak should immerse rosary and if taken into
use, the wood of the Palash (butea monosperma) tree in water. Sadhaka’s wish to obtain finance would
be fulfilled quickly.
****NPRU****
jai gurudev bhaiyya, is sadhna mein pratidin mantra jap ke baad ahuti deni hai......pls help....
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