“राज राजेश्वरी दुर्लभं
जायते नरः ll
पूर्णत्वं श्रेष्ट
सिद्धित्वं न अन्यत्र वदेत् क्वचित ll
पूर्व जन्म कृत दोष इह
जन्मनि यद् भवेत् l
सर्व पाप विमुच्यन्ते
चैतन्य शुद्ध साधनवै ll
राज राजेश्वरी
कुण्डल्योत्थान एव च l
देह प्राण स चैतन्य शुद्ध
ब्रह्म समो नरः ll
अनंगोसम सौन्दर्य यौवनं
तेजस वदेत् l
सम्मोहनम् कामत्वं
प्राप्यते राज दीक्षतं ll
सहस्रार त्व जाग्रत्वं
अमृतो पान त्वं सदः l
सर्व रोग विमुच्यन्ते
दीर्घजीवी भवेत् नरः” ll
जीवन को संवारने के
लिए यूँ तो विविध साधनाएं प्रचलित हैं ,परन्तु मात्र राज राजेश्वरी साधना का योग
यदि निखिल तत्व से हो जाये तो जीवन में कुछ भी असंभव नहीं रह जाता है ,और ये
सिद्धाश्रम का और समस्त देवों का कहना है ,सभी ऋषि मुनि और सिद्ध योगियों ने इस
साधना को जीवन में सर्वोपरि माना है lश्वेत बिंदु रक्त बिंदु रहस्य के अन्वेंशन काल में जब मैं स्वामी
प्रज्ञानंद जी के पास पंहुचा था तो उन्होंने मुझे बताया था “की पारद विज्ञानं के
समस्त दिव्य रहस्यों का ज्ञान और कुंडलिनी को एक ही झटके में मूलाधार से सहस्रार
तक पंहुचा देने वाली एक मात्र साधना राज राजेश्वरी साधना है और चूँकि ये भगवतपाद
सदगुरुदेव परमहंस निखिलेश्वरानंद प्रणीत है, अतः मात्र मन्त्र जप से ही जीवन के वो
सभी अभीष्ट साधक को प्रदान कर देती हैं जो की अप्राप्य ही हैं, आज मेरे जीवन में
मुझे जो भी प्राप्त हुआ है उसका आधार यही साधना है” l
उपरोक्त श्लोक ब्रह्मऋषि विश्वामित्र जी के
हैं,जो उन श्लोको में स्पष्ट कहते हैं की जीवन का उत्थान कुंडलिनी जागरण के द्वारा
ही होता है ,और सामान्य साधक के वश में कुंडलिनी जागरण की क्रिया संभव नहीं हैlपरन्तु यदि राज राजेश्वरी साधना संपन्न कर ली जाये
तो यही परिस्थिति पूर्णतया अनुकूल हो जाती है, जो भी पुरुष जीवन में अनंग के सामान
सुन्दर ,यौवन शक्ति से परिपूर्ण होना चाहते हैं और स्त्री रति के सामान
कोमल,तेजस्विता युक्त अपार सौन्दर्य की स्वामिनी बनना चाहती हैं उसके लिए इस साधना
से श्रेष्ट उपाय कोई और नहीं हो सकता l
जिस प्रकार जंगल की
सूखी हुयी घास और पत्तियों को प्रचंड अग्नि एक क्षण में जला देती है ठीक उसी
प्रकार ये साधना पूर्व जीवन और इस जीवन के सभी पापों को एक ही क्षण में समाप्त कर
भस्मीभूत कर देती है l
मैंने विगत तीव्र साधना विशेषांक में भी यही कहा था की ये साधना तंत्र का आधार है
,और इसके बाद कुछ भी अप्राप्य नहीं रहता है l इस साधना के
प्रभाव से साधक सहस्रार से टपकते अमृत को धारण करने की शक्ति प्राप्त कर लेता है
,और वही अमृत उसके बिंदु के साथ मिलकर ओजस में परिवर्तित हो जाता है तथा निर्जरा देह
और पूर्ण ऐश्वर्य की प्राप्ति कराता है l
किसी भी शुक्ल पक्ष
की पंचमी को इस साधना का प्रारंभ किया जाता है , साधना के लिए गुरु यन्त्र,चित्र
और श्री यन्त्र की आवशयकता होती है, श्वेत वस्त्र पहनकर मध्य रात्रि में इस साधना
का प्रारम्भ करे, पूर्ण भगवती राज राजेश्वरी
की साधना में सफलता हेतु ये साधना की जा रही है और अपनी सम्पूर्ण कलाओं के साथ
गुरु तत्व युक्त होकर वे मेरे जीवन में उतरे यही आशीर्वाद आप सदगुरुदेव से मांगे श्वेत वस्त्र, आसन, श्वेत पुष्प और खीर से भगवती और सदगुरुदेव का
पूजन करे lइन दोनों यंत्रों
का पूर्ण पूजन शास्त्रोक्त पद्धति से पंचोपचार करने के बाद स्फटिक माला से सबसे
पहले निम्न गुरु तत्व मंत्र की ११ माला जप करें और उसके बाद राज राजेश्वरी मन्त्र
की १०८ माला करे,फिर पुनः उपरोक्त गुरु तत्व मन्त्र की ११ माला जप करे l
गुरु तत्व मन्त्र-
ॐ गुरु शिवायै शिव
गुरुवर्यै नमः
दिव्य भगवती
राजराजेश्वरी मंत्र-
ऐं ह्रीं श्रीं
AING HREENG
SHREENG
दीपक शुद्ध घी का
होना चाहिए और इस साधना क्रम को ७ दिनों तक संपन्न करना हैlइस साधना के प्रभाव से स्फटिक माला विजय माला में
परिवर्तित हो जाती है lइस माला को पूरे जीवन भर धारण करना हैlराज राजेश्वरी मंत्र में ग की ध्वनि आयेगीl ये एक अद्विय्तीय साधना है ,जिसके द्वारा सम्पूर्ण
जीवन को जगमगाहट से भरा जा सकता हैl
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“Raaj Raajeshvari
durlabham jaayte narah..
Poornatva shreshtham
siddhitvam na anyatra vadet kvachit
Purva janma krut dosh ih
janmani yad bhavet
Sarva Paap vimuchhyante
chaitanya shuddha sadhnave
Raaj Raajeshvari
kundalyoutthaan eiva cha
Deh praan sa chaitanya
shuddha brahma samo narah
Sammohanam kaamatvam
prapyte raaj deekshitam
Sahastraar tva jaagratvam
amruto paan tva sadah
Sarva rog vimucchyante
deerghjeevi bhavet narah.
To make life beautiful many sadhnas are famous, but mere by
Raaj Raajeshvari Saadhna yog if merges with Nikhil tatva then nothing would
remain impossible in life. And this has not only said by all gods but also by
Siddhashram yogis too that this is the ultimate saadhna in life. In discovery
time of Shvet bindu Rakta Bindu secrets, I reached near Swaami Pragyaanand ji.
He told me, “ that secrets of paarad Vigyan and taking kundalini from down to
top in seconds can only be done by this sadhna only and this is given by
Bhagvaadpaad Sadgurudev Paramhans Nikhileshvaranand.” Therefore sheer by mantra
chanting this fulfills the wishes of sadhak. And today whatever I got in my
life is just because of this sadhna.
Above Shloka is of Bhrmhahrishi Vishvamitra said clearly
that life’s progress can be done by kundalini activation only, and common
sadhak can do it. But if he accomplishes Raaj Raajeshvari saadhna then
situation would become favourable for him. A man who wants to be as handsome as
Anang with full manly power and the lady wants to become like Rati as delicate,
charming and gorgeous then this sadhnaa is the best solution for such typ of
seeker.
Exactly when the dry stems of jungle get fire in seconds
similarly this sadhna fires ur past lifes and even this life paap karmas in
seconds. I have given in previous articles that this sadhna is base of Tantra.
And after achieving this nothing remain impossible. The impact of this sadhna
is sadhak get energy to handle the Amrut drops comes out from sahastraar and
that mixed up with the Bindu and converts you completely with healthy and
beautiful body.
On any Shukla Paksha you can commence this sadhna. For this
you need Guru yantra, guru photo and shree yantra. Wear white clothes with
complete cleanliness and purity in midnight start this sadhna. “Requests Sadgurudev that i am doing Poorna
Bhagvati Raaj Raajeshvari sadhna to get completeness in all arts and bow me
guru tatva in my life and success in this sadhna” and
then on white asana, white flowers, white sweet kheer to Bhagvati and
Sadgurudev and do the worship with all instructions.Do Panchopchaar pujan of
both the yantras and chant first guru mantra for 11 rosaries and
then raaj Raajeshvari mantra 108 rosaries , then again guru mantra for 11
rosaries.
Guru Tatva Mantra –
Om Guru Shivaaya Shiv
Guruvaryai namah
Divya Bhagvati Raaj Rajeshvari Mantra-
Aing Hreeng Shreeng
Lamp should be of pure butter and continue and complete
this sadhna for 7 days. With impact of this sadhna the Crytal rosary would
convert in Vijay rosary. You have to wear this rosary forever whole life. In
Raaj Rajeshvari Mantra the sound of ‘ga’ would come. This is really an astonishing sadhna which
will enlighten your life..
****NPRU****
kya bina guru ke ye sadhna ho sakti hai????????
ReplyDeleteJaagrat Guru Bina Koi Bhi Sadhna Safal Nahi Ho Sakti....
ReplyDeleteHamara Saubhagya hai ki hame Jaagrat Gurudev se judne ka moka diya unhone...
Jai Gurudev