न जायते म्रियते वा कदाचिन्
नायं भूत्वा भविता वा न् भूयः |
अजो नित्यः शाश्वतोऽयं पुराणो
न हन्यते हन्यमाने शरीरे ||
जीवन पथ क्या है और इसकी गति क्या है, मानव जब एकाकी हो जाता है, अपने
अंदर डूबने की क्रिया करने लगता है तब यह प्रश्न स्वाभाविक रूप से सामने आ ही जाता
है की आखिर क्या सत्य है और क्या भ्रम है. जीवन क्या है तथा मृत्यु क्या है, क्या
अंत है तथा क्या आरंभ है, हम कब से थे और कब तक है. जब इस प्रकार के कई सवाल पार्थ
के मन में गर्त हो कर जीवन लीला के कटुजाल को समजने का असामर्थ्य प्रदर्शित कर रहे
थे तब भगवान श्री कृष्ण ने उनकी शंका का समाधान करते हुवे उपरोक्त पंक्तियों का
उच्चारण किया था. निश्चय ही यह पंक्तियाँ बेजोड है, जिसका कभी कोई मुकाबला संभव
नहीं है, यह मनुष्य समक्ष एक ऐसा रास्ता स्पष्ट करता है जिसके माध्यम से हमारे आदि
अंत की हर शंका की जड़ निर्मूल होने लगती है.
आत्मा कभी न जन्म लेती है ना ही मृत्यु को प्राप्त होती है. ना ही यह
शरीर के साथ इसकी उत्पत्ति होती है न ही इसका नाश ही होता है. आत्मा अजर अमर है,
शाश्वत है, सत्य है समयातीत है.
आप सब में से अधिकतर प्रियजनो को यह दुःखसमाचार की प्राप्ति हो चुकी
है लेकिन फिर भी जो लोग इस सत्य को ले कर अनीभग्य है या असमजमें है उनको यह भारी
ह्रदय के साथ यह सुचना देने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है की आरिफ खान निखिलजी अब
हमारे मध्य नहीं है, उनका देह त्याग इस महीने की तारीख १७ को लगभग १:३० AM बजे के
आस पास ह्रदय बंद हो जाने की वजह से हुआ है. आप और हम सब उनके ज्ञान के साक्षी रहे
है, उन्होंने सदगुरुदेव के दिव्य स्वप्न को गति देने के लिए अथाक परिश्रम किया था
तथा कई साधको को सहज मार्गदर्शन उपलब्ध कर साधको के निश्चल प्रेम को प्राप्त किया
था.
आज भले ही वो हमारे मध्य नहीं है लेकिन मित्रों हम एक सब समजते है की
सदगुरुदेव अपने आप में एक अति विराट सत्ता है तथा उनके हर एक शिष्य उस विराट सत्ता
को अपने अंदर समाहित किये हुवे है, आरिफजी भले ही आज हमारे मध्य नहीं है लेकिन
उनके द्वारा हम सब के मध्य सदगुरुदेव के दिव्य स्वप्न की महत्ता तथा उस कार्य की
सार्थकता की तरफ कदम बढाने की प्रेरणा मिली है. आरिफ भाईजी के इन्ही प्रयासों को
हम तथा उनके जीवन के वो हर एक क्षण जो उन्होंने गुरु कार्य के लिए लगाए थे सभी भाई
बहेन उनकी आत्मा को श्रद्धा सुमन समर्पित
कर सके इस लिए हमने श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया है. यह श्रद्धांजलि सभा अगले महीने
की २१ तारीख अर्थात २१-७-२०१३ को भोपाल शहर मध्य प्रदेश में रखा जाएगा. यह सभा
सुबह से शाम तक होगी तथा मध्याहन भोजन प्रसाद आदि की व्यवस्था सभा स्थल ही है. फिर
भी यथार्थ समय एवं स्थल का पता आप सब के मध्य शीघ्र ही प्रस्तुत किया जाएगा.
फिलहाल जो लोग भी आने के इच्छुक हो वे लोग अपना ट्रेन में आरक्षण आदि करवा सके इस
लिए तारीख से सबंधित जानकारी आप सब के मध्य रखी गई है. आप सभी भाई बहेन और हम इस
श्रद्धांजलि समारोह में प्रस्तुत हो कर उनकी आत्मा को सद्गुरु कृपा प्राप्ति एवं
प्रेम प्राप्ति के लिए संयुक्त प्रार्थना करें तथा आगे के कार्य तथा योजनाओ के
सबंध में चर्चा करें यही इस श्रद्धांजलि सभा का उद्देश्य है, आपकी सब की उपस्थिति
सामान द्रष्टि से महत्वपूर्ण है..
आप सब के स्नेह के लिए अनेक धन्यवाद सह...
****NPRU****
No comments:
Post a Comment