प्रिय मित्रों,
आप सभी तंत्र कौमुदी के पचम अंक " साबर तंत्र महाविशेषांक " का बेसब्री से इंतज़ार कररहे हैं .इस बार इस इ पत्रिका के प्रकाशन में क्यों देरी हो रही हैं . कुछ बाते हम आपसे इस देरी के सम्बन्ध में आपके सामने रख रहे हैं.
प्रथमतः तो आप सभी यह तथ्य जानते हैं की ५० से ज्यादा इ मेल हमें इस पत्रिका के प्रकाशनको रोकने के बारे में आये हुए थे,(यहबात तो आप सभी के सामने रख चुके ही हैं ) अन्य तथ्य इस प्रकार से हैं जिस तरह से इ पत्रिका का साइज़ बढता जा रहा हैं साथ ही साथ एक बार में गूगल ओर याहू साईट से इन पत्रिका को आप तक भेज पाना काफी कठिन सा काम हो गया , क्योंकि एक तो पत्रिका का साइज़ ६ से ८ mb बढता जा रहा हैं , साथ ही साथ तीन /या चार लोगोंसे ज्यादा एक साथ भेजने पर technically बहुत समस्या आ रही हैं. पुरे दो दिन लग जाते हैं लगातार तीन तीन लोगोंको इ पत्रिका भेज पाना कठिन सा हो गया हैं .
इनसब को ध्यान में रखते हुए हम एक अलग से इ मेल id खरीद कर उसे काम में ले ने जा रहे हैं इस कारण भी देर हो रही हैं जिस से हम एक साथ सभी लोगोंको यह पत्रिका भेज सके किसी को भी अनावश्यक विलम्ब का सामना नहीं करना पड़े( हमरे लिए भी यह बेहद असुविधा पूर्ण हैं की हमारे मित्रोंको हमें बार बार लिखना पड़ता हैंकि उन्हें यह इ पत्रिका नहीं मिल पा रही हैं . .. साथ ही साथ , हमर पूरा प्रयास ये था की हर माह के अंत या नए माह पहले दो दिन के अन्दर हर हाल में आपको यह पत्रिका मिल हीजाये जिससे जो भी विशिष्ट दिवस आते हैं उनका आप पूरी तरह से फायदा उठा सके . अभी हाल ही में सूर्य ग्रहण ( भले ही यह भारत में दिखयी नहीं दिया ) इस से संबंधमें हमने ग्रहण से सम्बंधित साधना जो हम इ पत्रिका में देने जा रहे थे पर हमें देर होते देख कर हमने ब्लॉग पर देना उचित समझा . मित्रो एक चन्द्र ग्रहण ओर एक सूर्य ग्रहण सामने आने को हैं अतः यही ज्यादा बेहतर होगा की सम्बंधित लेख आप सभीके सामने जल्द से जल्द रख दिए जाये.
ओर
हाँ यह बात में आपके सामने रखना चाहूँगा की न केबल यह अंक बल्कि आने वाले अगले माह का अंक " सौन्दर्य तंत्र एवं काया कल्प तंत्र महा विशेषांक " होगा वह भी पूरी तरह से प्रकाशन के लिए तैयार हैं .
इस हेतु हमने यह निश्चय किया हैं की हर महीने की एक तारीख को प्रकाशन करने हेतु हम इस बार ‘साबर तंत्र विशेषांक’ के सभी लेख आप सभी को ब्लॉग पर ही उपलब्ध कर दिए जायेंगे , इस में कोई भी दो विचार नहीं नहीं हैंकि किसी भी लेख को जोकि हमने इस बारे में पहले पोस्ट में दिया था चाहे वह निर्गत द्वार से सम्बंधित हो या , साबर तंत्रों में सफलता प्राप्त करने के उच्चस्तरीय विधान भी आपके सामने आयेंगे. कोई भी लेख इसमें हटाया नहीं जायेगा, ब्लॉग पर ‘साबर तंत्र विशेषांक’ नाम की श्रंखला के अंतर गत सभी लेख क्रमशः लगातार आयेंगे फिर वह चाहे सदगुरुदेव प्रसंग या फिर टोटके विज्ञानं से सम्बंधित लेख ही क्यों न हो ..
अतः मित्रो इस बार हम इस पंचम अंक को ब्लॉग के माध्यम से हो आपके सामने रख रहे हैं , साथ ही साथ एक उदेश्य यह भी हैं की जो भी भाई आज तक किसी भी कारण से इस इ पत्रिका नहीं प्राप्त कर पाए हैं / या ब्लॉग में सदस्य नहीं बने हैं वह भी इन लेखो से लाभान्वित हो सके .
तो मित्रो आप के सामने इस अंक के सभी लेख ब्लॉग के माध्यम से ही सामने आयेंगे , तथा अगले अंक सौन्दर्य ओर काया कल्प विशेषांक को हम pdf फॉर्मेट में ही इ मैगेजीन के रूप में आपको अगले माह उपलब्ध कराने जा रहे हैं,
आप सभी के सहयोग की प्रतीक्षा में ..
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Priy mitro ,
As you all are continuously waiting for the fifth issue of the “Tantra kaumudi.- SABAR TANTRA MAHAVISHESHANK” Why this time so much delay occur in publishing this month e mag?.
So here are some of the facts …
Firstly ,you all are already knew that more than 50 emails, we have received for not to make this e mag publish .( again repeating the old thing does not matter here).as the size of this e mag grows continuously , so its very difficult for us to send this e mag of size between 6 to 8 mb from google and from yahoo server reason, you all know already . if we tried to send in one go more than 4 people than technical problem comes in front of us, two full days needed to send e mag to all of you. when sending e mag 3-3 person at a time that requires much time.
Considering this problem ,we are busy to purchase a separate e mail account for us so that we can send e mag to all the person in one go, so no more friends again ,have to send e mail to us, that they had not received this e mag yet.
and in addition to that we are trying that in any condition either in the end of month or in the beginning of new month’s first two days this e mag will be available to you. So that you can have benefit of the coming specific days without any difficulty.
Recently the solar eclipse happened, though which was had not seen here in india but the related sadhana as we previously decided ,should be in the e mag , published in the blog so that our friends will not miss the day. Friends, one lunar and one solar eclipse coming very soon so keeping in mind all that its better that all the related articles ,have to be placed in front of you.
And we assure you not only this issue but next issue which is going to be “ soundry and kaya kalp tantra maha visheshank” is already ready with us .
That why, we decided to make e mag available on 1 st of every month , this time this issue articles will be made available through the blog. There will be no doubt should arise of any kind that any article for which we have mentioned in the previous related post , will not be available to you through blog. Whether the article related to “nirgat dwar “or from very specific procedure that gives you success in higher level of sabar sadhana . or sadgurudev prasang or totaka vigyan every articles will be appear in the blog under the series named “sabar tantra mahavisheshank”
One more reason is this, those brother who are not became member of the blog reason may be any , can also benefit from theses articles, if comes through blog.
So sabar tantra visheshank articles will be made available through blog but after that in coming next month e mag again made available to you all as in pdf format as” soundry and kaya kalp mahavisheshank”
Waiting for your co operation in this regard,
Tantra kaumudi :(monthly free e magazine) :Available only to the follower of the blog and member of Nikhil Alchemy yahoo group
Kindly visit our web site containing not only articles about tantra and Alchemy but on parad gutika and coming work shop info , previous workshop details and most important about Poojya sadgurudevji
****NPRU****
Respected Arifji,
ReplyDeleteU r doing really a great job for the useful of mankind. It's my idea that pls u open a account with PAYPAL online system and hope that every gurubhai/followers should help in this e-magazine financially according to their ability. I'm always ready for such cooperation. Hope all followers should agree with me and if who are agree for this kind support let's move forward.
Bahot bahot dhanyavaad aapka. Main kab se is ank ki prateeksha kar raha tha.
ReplyDeleteEmail bhejne ki samasya ka andaza mujhe kaafi pehle hi aa gaya tha isliye maine maatra anumaan lagaakar uske nivaaran hetu Arifji, Raghunath bhai aur Anurag bhai ko alag se kareeb 16-04-2011 ko hi email kiya tha. Mera anurodh hai ki aap use ek baar jaroor padhein.
Subject title hai " Few suggestion for new website "
Jai Gurudev
JAY GURUDEV
ReplyDeleteSARJI MUZE KOY BHI ANK NAHI MILA PLZ SEND KARE MY ID gurubhai.yogesh@gmail.com
or sarji mere com. me pdf pag nahi chalte to koy softwer kahe jo dan, karke me ae TANRA KAUMUDI E MAG. DEKH SAKU
TNK
krishan bhai, e mag poori tarah se free hi rahegi, followers aur group membr ke liye,iske liye koi amount nahi liya jayega, haan jab books publish hongi to wo free nahi hongi kyunki wo print formet me hogi.
ReplyDeleteNikhil ji,
ReplyDeleteKya tantra kaumudi e-magzine mujhe bhi mil sakti hai, My mail id is Subodh_dhote@yahoo.com
Dhanayvad
Arif bhai .
ReplyDeleteAgar aap Sabar tantra mahavisheshank ko Rapidshare , megaupload ya Esnips . jaisi website par upload krke link sabhi ko bhej de to aap ko mail krne ki dikkat nhi uthaani padegi, kripa is option ko bhi use krke dekhe.
dhanyawad