हम मेसे कौन नहीं हैं जो अपना भविष्य जानना नहीं चाहता हैं, कौन नहीं कुछ पल के लिए आने वाला स्वर्णिम भविष्य के सपने में थोड़ी देर के लिए खो जाना चाहता हैं , जब भी हम किसी भी हस्तरेखा विद या ज्योतिषी के पास जाते हैं भले ही हम कहते हैं जो कुछ भी हो मेरे भविष्य के बारे में आप साफ़ साफ़ बता दें ,चाहे वह अच्छा या बुरा हो , पर आप बता दें , कृपया कुछ कुछ छुपाये नहीं ,पर वह ज्योतिषी भी जानता हैं की इससे मुझे अपनी फीस लेनी हैं तो भले ही आप कुछ कहे वह तो आपको ऐसे बताता हैं की आप मुघ्ध हो जाते हैं .अगर उसने कुछ गलत बताया तो निश्चय ही हम दुसरे बड़े ज्योतिषी के पास जाते हैं , अगर उसने भी वही बताया तो तीसरे के पास .
पर हममे से कोई कभी भी दुसरे ज्योतिषी के पास नहीं जायेगा की यह पूछने के लिए के लिए की देखिये उस ज्योतिषी ने मेरे लिए इतना अच्छा अच्छा बता दिया, बताएये यह कोई बात हुई .
पर इसके अलावा भी भी प्रकृति अपने तरीके से अपने संकेत देती रहती हैं , और उनको पढ़ पाना थोडा सा कठिन तो हैं ,(तंत्र कौमुदी के सबसे पहले के अंको में हमने स्वपन विज्ञानं के बारे में विस्तार से चर्चा की ही थी ) कई बार हम घबडा जाते हैं की यह तो बिलकुल सुबह का सपना हैं सच न हो जाये,और कभी किसी की सीधी तो किसी की उलटी आँख फडकने लगती हैं , व्यक्तिके हाँथ पैर फूलने लगते हैं .कभी कभी बिना किसी बात के भी हमारा दिल धडकने लगता हैं की हमारे घर में कभी कुछ विपत्ति तो नहीं आने वाली हैं
यह सब कितना सही हैं या गलत वह तो समय ही बताता हैं पर क्या साधना में भी कोई उपाय हैं इन बातोंके लिए ..
· पर हम तो साधना नहीं कर सकते हैं ,
· हमने तो कभी की ही नहीं हैं ,
· अरे कभी उल्टा सुलटा हो गया तो ,, और ..
· क्या सही में असर होता हैं .
· अगर कोई हमारे लिए कर दे तो ..
ये सब बाते आलस्य की हैं, भूख अगर आपको लगी हैं तो खाना भी आपको ही खाना पड़ेगा न .. ओर जितनी मनोयोग से आप करोगे या कर पाओगे वह क्या कोईदूसरा आपके लिए कर पायेगा , कम से कम कुछ बहुत ही सरल से , पर अत्यंत प्रभाव दायक प्रयोग तो आप कर के देखे..एक सीढ़ी तो चढ़े ,फिर वेसे ही अगली के लिए कोशिश करे ,फिर एक दिन आप देखें की आप भी एक योग्य साधक हो ही गए हैं .
मंत्र :
उरे फुरे जरा धुरे फुं
इस मंत्र के विन्यास तो बहुत ही अचरज करने वाला हैं , इसको देख कर आप इसके माध्यम से काम करने वाली शक्ति का अंदाज लगाया नहीं जा सकता हैं .
· इस मंत्र को दक्षिण दिशा की ओर मुह करके जप करना हैं .
· दिनके किसी भी समय इस मन्त्र का जप किया जा सकता हैं ,जब भी आपको भय सा महसूस हो .
· कोई भी वस्त्र धारण करके कर सकते हैं .
· रुद्राक्ष या काले हकीक माला से मंत्र जप करना हैं
· फिर इस मंत्र की ११ माला कर के घर मे जल का छींटे लगाना है,
बस इतना सा तो प्रयोग हैं . इसको करते हुए सदगुरुदेव भगवान् से एक बार प्रार्थना करके देखें तो सही
आजके लिए बस इतना ही .
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Everyone of always ready to know about our future , and why not so and , who do not want to go in golden dream even for a little time , whenever we visit any palmist or astrologer , we simply say very clearly plz tell me everything either good or bad whatever it may be , its not a problem I am ready for that , but he know that he has to take his fees from you , so that he will you advice, in this way , that you will feel much happy. And if he tell something wrong , definitely, we will consult some other astrologer and if that also give same advise than we move to third..
But have you ever think that we never consult any other astrologer saying that , now see that astrologer told about me so and so good things, what is that ? it should not be.
But apart from that nature also gives us so many clue about future but understanding of that , very difficult ,( in the very first some of the issues of “tantra kaumudi” we deals that subject in length.), we became very worried ,if we had seen in morning dream , something bad about us , and start thinking ,this is the morning dreams and what will happen if it will be true than…? Sometimes some has various clue regarding eyes movement , and person get worried to much. Sometimes without any reasonable logic we feel much fear that may be something wrong is going to happens.
Whether that will be true or false , it will reveal in future but what we will do right now. Is there any solution in sadhana.
· But we can not do sadhana.
· We never did that.
· If something goes wrong?
· This really works?
· If any other person will do for us.
Theses are the baseless argument just to protect our laziness. If you are hungry than you have to eat.,, than think about a minute , who will do apart from you with the as much as concentration and devotion prayog as needed. At least these simple but highly effective prayog , we should do for ourself, when we climb one step successfully than the same procedure will be followed for next coming steps, and one day when you will see behind , you will found that you are a accomplished sadhak. so simple.
Mantra :
Ure phure jraa dhure phum
The construction of this mantra is very amazing but one cannot guess the power behind it that gives us protection.
· Do jap facing with south direction .
· There is no restriction about clothes and aasan.
· for jap can use Rudraksh or black hakik rosary .
· No restriction of time regarding mantra jap whenever feel fear do this..
· After chanting 11 round of rosary of this mantra and take water in your hand sprinkle all around in your home .
So , see this so so easy prayog and after that pray to Sadgurudev Bhagvaan, and feel the result yourself.
This is enough for today.
****NPRU****
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