(गुरुशरण निखिल बहिनजी ,और प्रीती श्रीवास्तव बहिनजी- सत्य कहा अपने की किसी को भी कार्य करने के लिए नामकी आवश्यकता नहीं हैं हमारे पीछे निखिल नाम ही बहुत हैं , और हमें अपने ही बाप का ज्ञान अपने ही गुरु भाई बहिनों के मध्य बाटने से कोई नहीं रोक सकता , अब जिसे जो लिखना हैं लिखे ,जितना गन्दा ,अशोभनीय ,मर्यादा हीनता के साथ हमारे विरुद्ध लिखना हैं जहाँ पर भी हमारी फोटो डाल ,डाल करजो भी लिखना हैं लिखे ...
इस पूरे विवाद में यह सप्ताह निकल गया , अब समय का कोई दुरूपयोग नहीं हम करेंगे , तो आज से और भी बेहतर , और भी उच्च कोटि के लेख , ब्लॉग पर आयेंगे , और हमारा वायदा हैं जितनी भी संभव होसकती हैं हर दृष्टी से उतनी उच्च कोटि की इ पत्रिका हर महीने आपके सामने आएगी ही )
दो सरल प्रभाव कारक प्रयोग
1. संपत्ति रक्षा कर प्रयोग
साधना तो जीवन का सौन्दर्य हैं , परन्तु , जीवनमे कैसे आगे बढे ?जब चारों और समस्या दिखाई दे ,यह अद्भुत बात हैं ऐसा क्यों और एक ही समस्या के लिए अनेको साधना दी जाती हैं क्योंकि न मालूम किस साधना की vibration न मालुम आपकी vibration से मिल जाये ओर सफलता आपके सामने खड़ी हो जीवन में कुछ तरीके साधनात्मक दृष्टी से संभव होते हैं
प्रथम तो यह ही किसी एक मंत्र को आधार मान कर लग जाये , सफलता मिलती नहीं दिख रही हो तो भी करते जाये "जपात सिद्धि : के अनुसार एक दिन तो सफलता मिलेगी ही, तोफिर परेशान क्यों होना
द्वितीय हमेशा साधनामय रहे अर्थात एक के बाद दूसरी फिर तीसरी साधना में लगे रहे (अपने भौतिक और पारिवारिक जीवन की आवश्यकताओं हमेशा ध्यान में रखते हुए ).जिस दिन भी किसी भी साधना का स्तर आपसे मिला उस दिन मानो सफलता कहाँ जा सकती हैं .
तृतीय जो सर्वोच्च तरीका हैं की कभी भी एक पल के लिए भी सदगुरुदेव भगवान् के चित्र को केबल चित्र न माने बल्कि उसे साक्षात् सदगुरुदेव भगवान् मानकर जो भी ज्ञान/साधना /मार्गदर्शन आप चाहते हो उनसे प्रार्थना करे(एक दो मिनिट के लिए नहीं बल्कि जब भी समय मिले प्रार्थना करते रहे ,चाहे कई दिन भी लग जाये , जैसे की यह बात सत्य हैं जिसे हम सभी मानते हैं की सदगुरुदेव भगवान् ही शिष्य को खोजते हैं शिष्य को, कभी भी शिष्य , सदगुरुदेव को नहींखोज सकता हैं , तो निश्चय ही स्वपन में या अन्य किसी भी माध्यम से वह ज्ञान आपके पास पहुचने के लिए सदगुरुदेव आपका मार्गदर्शन करेंगे,ऐसा तो हजारों शिष्यों का अनुभव किया गया कथन हैं ..
उपलब्धियां पाकर भूल जाना उचित हो सकता हैं क्योंकि यात्रा तो सदैव चलती रहती हैं हमें रुकना नहीं हैं पर जो कुछ भौतिक क्षेत्र में अत्यंत श्रम से कमाया गया हो उसकी भी तो हर हाल में रक्षा होना ही चाहिए ,अब जीवन विडम्ना कहे या इस युग की अत्याधिक भौतिकता की कुछ के पास तो बहुत कुछ हैं और कुछ कम भाग्यशाली हैं , और इस आर्थिक विषमता के कारण अनेको समस्या सामने आती हैं , यह एक बहुत बड़ा कारण हैं कम भाग्शाली व्यक्तियोंका रुझान अपराध के प्रति हो जाने का,
अब इस बात से हम अनदेखी तो नहीं कर सकते हैं , पर अपनी रक्षा कैसे करे ,
पूज्य भगवद पाद सगुरुदेव जीकहते हैं की जब लक्ष्मी आती हैं तो उसके साथ ही साथ भय भी आता हैं यह भय कई प्रकार का हो सकता हैं राज्य भय , अग्नि भय, चोर भय , अब इन सबसे कैसे बचा जाये इसलिए सदगुरुदेव भगवान् जब भी लक्ष्मी प्रयोग सम्पन्न करवाते थे तो रक्षा कारक अन्य भी प्रयोग भी संपन्न करवाते थे, इसमें सदगुरुदेव जी ने बगलामुखी को रक्षा कारक प्रयोग में सबसे ऊपर रखा हैं , उन्होंने ही बगला मुखी लक्ष्मी दीक्षा का विधान हम सब के सामने रखा हैं . पर जब समय न हो इस बगलामुखी प्रयोग को संपन्न करने का और अनेक कारणों वश दीक्षा भी न ले पा रहे हो तब उनके द्वारा बताये गए उपाय भी तो उतने ही प्रभावशाली होंगे
क्या कोई उपाय हैं हमारी संपत्ति की रक्षा कर पाने का, तो पूज्य सदगुरुदेव भगवान् ने अपनी विख्यात कृति "मंत्र रहस्य " में अंत के पेजों एक मन्त्र दिया हैं उसे तो सिद्ध करने की भी जरुरत भी नहीं हैं , वह सदगुरुदेव प्रदत्त एक श्रेष्ठ मंत्र हैं जिसका रात को केबल उच्चारण करना ही पर्याप्त हैं .अपने व अपनी संपत्ति की रक्षा करने के लिए ,उस मंत्र को आप मन्त्र रहस्य में देख सकते हैं ..
साथ ही साथ एक ओर मंत्र हैं
जिसे किसी भी श्रेष्ठ समय पर १०८ बार जप करके सिद्ध किया जा सकता हैं , फिर कहीं से मिटटी लेकर सात बार उस मिटटी पर मन्त्र पढ़ कर उसे अभी मंत्रित करले उसके बाद उस मिटटी को आप अपने घर के सामने मुख्य दरवाजे के सामने गाड दे , या फिर जहाँ यह संभव न हो वहां पर अपने मुख्य दरवाजे के सामने किसी भी कपडे में बाँध कर लटका दे,
चोरों के भय से मुक्ति होगी,
ॐ करालिनी स्वाहा ॐ कपालिनी स्वाहा |
ह्रौं ह्रीं ह्रीं ह्रीं चोर चोर बंध ठ:ठ:ठ:||
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2. कष्टों से बचाव के लिए एक सरल सा प्रयोग
साथ ही साथ , जब जीवन हैं तो कष्ट भी हैं , अब ख़ुशी हैं तो उसके दुसरे पहलूँ को भी तो हम नकार नहीं सकते हैं , अब हर कोई ख़ुशी ख़ुशी चाहेगा तो वह एक दिन उसका जीवन नीरस सा ही हो जायेगा,
(ध्यान रहे में यहाँ आनंद तत्व की बात नहीकर रहा हूँ , क्योंकि सदगुरुदेव भगवान् कहते हैं की दुःख के बाद सुख ओर सुख के बाद दुःख आएगा ही , यह तो अमित सत्य हैं पर आनंद तत्व के बाद आनंद तत्व आएगा ये बात हमें ध्यान रखना हैं ... ओर इस आनंद तत्व को कैसे प्राप्त किया जाये ,,सदगुरुदेव आगे कहते हैं की यह तो माँ जगदम्बा साधना और दस महाविद्या साधना से भी संभव नहीं हैं . इसके लिए तो आपको सदगुरुदेव को अपने ह्रदय में उतरना ही पड़ेगा साथ ही साथ अप्सरा या यक्षिणी साधन के प्रति एक स्वस्थ चिंतन रखना ही पड़ेगा )
पर कष्ट भी तो एक सचचाई हैं जब तक साधक एक निश्चित स्तर नहीं आ पता तब तक तो सहन करना ही पड़ेगा न . क्या कोई तरीका हैं ऐसे तो आप स्वतंत्र हैं कोई भी साधनात्मक प्रक्रिया करने के लिए .
पर इस सरल प्रक्रिया को भी आप आजमा कर देंखे
ॐ रां रां रां रां रां रां रां रां कष्ट स्वाहा ||
प्रतिदिन इसका १०८ बार उच्चरण करके स्वयं ही देखें .
आज के लिए बस इतना ही ..
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1. To protect you wealth
( sister gurusharan Nikhil ji and sister preity shrivastva ji, you have very rightly said , for doing any good work , there is no need of taking help from mentioning any name, yes the name “Nikhil” always with us, and no one can stop us to share the divine gyan property of our own father between our own guru sister and brother,
now onwards, whosoever , want to write whatsoever against us , with any type of blame/ bad remarks/ comments //using bad language and totaaly free to post our photograph any place with any bad language ,are free to do so, what ever he can …
Whole one week lost in this, controversy, now , no more wastage of time, and its our promise now onwards new post starts appearing on the blog with higher gyan and knowledge , and whatever we can do to make our e mag “TANTRA KAUMUDI” more and more useful for you in all possible respect we will do . and this work never stops at all )
The beauty of life is the sadhana, and this helps us to achieve what we should have to be , but so many problem in life always creating so much obstruction on the path so many sadhana are available to solve one single problem, why it is so? ,since nobody knows that when any one sadhana’s vibration matches with your own vibration, and success will be in front of you.
There are some way that are possible in sadhana field
First: to select only one mantra (as per sadgurudev advise or you can choose as you want )and do jap of that mantra whole heartily, continuously . even success are not visible , but still you have to continue, according to “japat siddhi” means do jap continuously one day you will get success. So one day you will have success so why are you worried.
Secondly: always be sadhana may , and do continuously absorbs in sadhana, when one sadhana completes than jump /start with new one.(but also always keep in care of your worldly and family life responsibility), when any day your sadhana level just match the required level than success will be yours.
Third: this is the highest way, always consider Poojya Sadgurudev Bhagvaan photo graph is not just a photo graph but he is in reality be present there , this should be never forget even for a second , so whatever sadhana/gyan/diksha , you want ask him , pray him continuously as and whenever you will get time. Do that continuously for some day till your prayer reaches his heart (this may possible in one second too). this is well understood fact that Sadgurudev himself search his shishy, shishy cannot search his Sadgurudev, than surely ,Sadgurudev Bhagvaan guide you personally or through dreams or any other mode so that you can reach that gyan, and this has been self experience by thousand of disciples.
One may forget his achievement after achieving it, since the journey never stops but one should protect his hard earned wealth(money cannot be underestimated) , and that too any cost., what can be said, In this era of highly materialistic life, some have everything ,where others are less fortunate, this financial difference creates so many problem, and one of the major cause that creates crimes by less fortunate’s.
But we can not over look this problem,. But we also have to protect our material wealth.
Sadgurudev Bhagvaan says that when lakshmi comes fears also enter, that may be any type like , fears from state , or from fire of or from theft , than how to get protection from that, that’s the only reason when Sadgurudev instructed us for lakshmi sadhana, he also provide many sadhana regarding protection of that wealth. Sadgurudev ji placed baglamukhi sadhana very high in this concern, he is the one who tells about baglamukhi sanyukt lakshmi Diksha. But we have not have time for baglamukhi sadhana or due to any reason not able to take that Diksha(and do the sadhana) than what to do. In this condition he also provide very short prayog that also be very effective.
One such a prayog Sadgurudev ji has given in his famous book “mantra rahsya”‘s last pages,, that mantra need not be siddh before using it. Only some repetation of that is more than enough, you can see that mantra in that book.
In addition to that one more mantra ..
In any auspicious time this mantra can be siddh by 108 repetition only , than take some soil in your hand and just chant 7 times this mantra , and after that that should need be placed beneath the front side of main door of your home, and if not possible than tie collect that soil in any cloth and placed just over the doors.
You will get protection from theft
Mantra:
Om karalini swaha om kapalini swaha|
Hroum hreem hreem hreem chor chor bandh tah tah tah ||
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Whole life based on duality when if there is happiness than sorrow also be there, you can denied the other aspect of that , if anyone demand only happiness than after a time his life becomes totally without joy.
( here I am not talking about anand tatv, always keep remember that Sadgurudev Bhagvaan used to say that after every happiness , next is sorrow and after every sorrow .. this is the cycle . but after anand tatv ,again anand tatv only comes, but how to get that anand tatv so again Sadgurudev Bhagvaan says anand tatv cannot be achieved through even mahavidya sadhna and jagdamba sadhana, for that you have to have Sadgurudev in your heart and also have healthy outlook towards apsara and yakshini sadhana,)
this pain/difficulty/kasht is also a reality of life. Till sadhak achieve a certain level in sadhana, ha is bound to feel that, I s there any way , there are so many way for that and you are free to that , here one simple way..try for that ..
Om raam raam raam raam raam raam raam raam kasht swaha||
Just chant108 times every day and see the result
This is enough for this day .
****NPRU****
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