Monday, November 21, 2011

मुकदमो में विरोधी पक्ष रूपी शत्रु परास्त प्रयोग


मानव  जीवनमे  घात प्रतिघात     तो लग   ही रहता हैं और  शायद   हि कोई ऐसा हो   जो  हर प्रकार  के  शत्रुओ  से  मुक्त हो ,  और  यह  तथ्य  तो सभी मानते हैं की    किसी   की मानसिक शांति नष्ट करना  हो  तो उसे   कोर्ट कचहरी में  फसवा  दो,  उसका  धन  और समय  दोनों   ही नष्ट होता  जायेगा,
  और   आज की व्यवस्था  भी इस   प्रकार की हैं की  एक व्यक्ति  मानो   कुछ  आवश्यक   तथ्य  अगर उसके पास नहीं हुए  तो  भी  इन    कोर्ट  की प्रक्रियाओ   में  जो  सामान्यतः  लम्बी  होती हैं फस कर वेबस  सा  हो जाताहैं.
   हमारे तंत्र  आचार्यो ने इस  बात को ध्यान में  रख कर कुछ ऐसी साधनाओ  का  निर्माण भी किया  हैं   जो  अगर  कोई व्यक्ति  सफलता   पूर्वक  कर ले   तो निश्चय   ही  इस  प्रयोग के  सफल  हो जाने के  बाद  उसके  सामने  उसके  विरोधी पक्ष   अपने  पक्ष  में  कुछ कह  ही नहीं पाता  हैं  और इस  तरह  से हमारे    ऊपर  अकारण लगाये  गए  मुकदमो से  हमें  मुक्ति  मिल जाती हैं  और  वह   इन समस्याओं  से मुक्त  हो  जाता हैं. और  न केबल इसे  कोर्ट कचहरी बल्कि  सभी जगह   इस्तेमाल किया जा  सकताहै न   जहाँ   पर  आपके  और आपके  विरोधियों का  आमना सामना  एक  दुसरे   से  हो , इस  तरह से देखा  जाय  तो  यह  प्रयोग  अनेक  जगह  आपके लिए  उन्नति  के  दरवाजे  खोल सकता  हैं .
 और इस  प्रयोग को करने के लिए   आवश्यक  विधि इस प्रकार से  हैं.
  शनिवार से  इस  प्रयोग  को प्रारंभ किया  जा सकता हैं  और  यह प्रयोग केबल  सात  दिन का हैं.  और  इस  प्रयोग   को रात्रि में  ही संपन्न किया  जा ता हें, और   धुप  दीप और नेवेईद्य  से  इसका  पूजन करके  एक हज़ार  बार  केबल इस  मन्त्र  से आपको  आहूतिया  देना हैं  मतलब यह प्रयोग हवन प्रधान हैं .दिशा  कोईभी  और  वस्त्र और आसन के  रंग पर  कोई प्रतिबिंध नहीं हैं   पर जैस अ  सदगुरुदेव  जी ने  सर्व  सिद्धि प्रदायक  यग्य  विधान में  आवश्यक कुछ बाते जो  एक यज्ग के  सम्बन्ध    में बताई  हैं उसका  अपनी शक्तिनुसार पलान करे.

  मन्त्र :
अफल अफल अफल  दुश्मन के  मुंह पर  कुलफ  मेरे  हाँथ  कुंजी  रुपया  तोर  कर  दुश्मन को जर कर    
  और जब भी कभी अपने मुक़दमे  के   कारण आपको अदालत  जाना  हो  .. आप  विरोधी पक्ष  की  तरफ  इस  मन्त्र को 108 बार पढ़ कर  फुक मार दे  और  .... उस  दिन निश्चय  ही आपका   विरोधी पक्ष आपके   विरोध   में कुछ  भी  नहीं कर पायेगा. या कह पायेगा और   यदि  अपने  केस   से संबंधमे  आपको कोई  ने प्रार्थना पत्र   लिख कर देना  हो  तो उस प्रार्थना .पत्र  पर  भी आप  108  बार   इस मंत्र  को पढ़ कर  फूंक  मार दे  और  आप पाएंगे    की   आप  इन  मुकदमो   से जो आप पे  केबल आपको  परेशां करने केलिए  आप पर  लगाये  गए  हैं जल्द  ही छुटकारा  पा  सकेंगे 
 इस तरह से  इस प्रयोग   जोकि  एक सरल  सा प्रयोग  हैं अगर  आप द्वारा   पुरे  मनोयोग से   किया जाए  और ऐसा  तो     तो हर प्रयोग के  साथ हैं की अगर वह प्रयोग  बनाया  गया   हैं तो निश्चय  ही उसका  कोई न कोई अर्थ    तो होगा,  चूँकि  हम  आधे  अधूरे मन से  उसको करते हैं   तब प्रयोग में  अपेक्षित परिणाम    मिलने  पर   परेशां  होते हैं   इसलिये  प्रयोग   चाहे   छोटा  हो  या बड़ा  यह   ज्यादा  आवश्यक नहीं हैं  बल्कि  उसे किस मानसिकता  और कितने  मजबूत  बिस्वास  के साथ सपंन्न किया  जा रहा हैं  वह ज्यादा महत्त्व  पूर्ण  हैं  .

****NPRU****

 
   


                                                                                               


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