हम जैसा आपके सामने रख चुके हैं की मानव जीवन में कुछ 15 /16 समस्याए है मूल भुत हैं और बार बार उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिये एक नया प्रयोग दें कहाँ तक उचित हैं ,उसकी क्या आवश्यकता हैं नहीं पर हैं क्योंकि यह बिलकुल वैसा ही हैं की सामान्यतः मिठाई में बेसन .खोया , शक्कर ही रहती हैं पर उस से बने हरमिठाई का एक अलग ही अर्थ /नाम हैं एक अलग ही स्वाद हैं ..
ठीक इसी तरह हर साधना वह चाहे सामान्य हो सरल हो या कठिन हो या फिर किसी एक ही विषय के लिए बनी हो ,जरुरी नहीं की हर व्यक्ति के मानस स्थिति के अनुकूल हो उस काल में ......इसी भावना की ध्यान में रहते हुए यह प्रयोग आपके सामने हैं , शिक्षा में सफलता . जॉब में सफलता , उत्तम घर परिवार और सुयोग्य जीवन साथी मिलना और यहाँ तक की साधना में भी सफलता मिलने के पीछे कहीं न कहीं एक अ दृश्य शक्ति हैं हैं जिसे हम अपना भाग्य कह देते हैं
और यह भाग्य हैं क्या हमारे ही द्वारा पूर्व काल में या पूर्व जन्म में किये गए अच्छे या बुरे कार्यों का परिणाम और क्या और जब आपने की उन कार्यों को किया हैं तो या तो आप ही भोगो या किसी विद्वान मनस्वी कि सलाह लेकर उस कार्य के परिणाम को निष्फल कर दे,,
इसका मतलब तो यह हुआ न की सबसे पहले कोई साधना जरुरी हैं तो वह हैं भाग्य जगाने की मतलब भाग्य वर्धक की.
सदगुरुदेव जीने अनेको प्रयोग दिए हैं और शिविरों में उन्होंने या तो भाग्य उन्नतिके लिए या नवग्रह दोष समाप्ति केलिए प्रयोग करवाए हैं क्योंकि जब तक यह अनुकूल न होंगे तब तक कैसे व्यक्ति की उन्नति हो सकती हैं. कैसे वह साधनाओ में सफलता पा सकता हैं , तो साधक बड़ी बड़ी साधनाओ की प्रतीक्षा करते हैं पर कहीं न कहीं वह भूल जाता हैं की जब तक भाग्य अनुकूल न हो तब तक इस बहुत कठिन हैं मनो वांछित सफलता पाना .
तो इस प्रयोग में आपको शुक्ल पक्ष जो महीने में एक बार आता ही हैं उसमे हस्त नक्षत्र का दिन चुनना हैं मतलब यंत्र लेखन के लिए, और यन्त्र लेखन से सम्बंधित आवश्यक बाते में आपको बता ही चूका हूँ. पर इस यंत्र में केबल यह परिवर्तन हैं कि इसको हल्दी या केसर से ही लिखना हैं और जो दिन बताया गया हैं उसी दिन ही. इस यन्त्र को आपको सायं काल में ही बनाना हैं ,
और फिर इस यन्त्र की पूजन अर्चना कर ले साथ ही साथ यदि भोज पत्र पर बनाया जाए तो बहुत ही अच्छा हैं. और फिर इसको अपनी जेब में रख ले आपकी स्वाभाविक रूप से जो उन्नति रुक गयी हैं वह पुनः प्रारंभ होगी.
साथ ही साथ इस यंत्र को विशेष रूप से यदि सिद्ध करना हैं तो भगवान् आशुतोष का स्मरण करके उनकी किसी भी प्रतिमा के सामने १०१ बार यह यन्त्र अब कागज में बनाये और उनके श्री चरणों में हर बार अपनी जो भी इच्छा हो उसे बोलकर अर्पित कर दे, पर ध्यान रखे हर बार आपको अपनी इच्छा उच्चारण करना ही हैं , और भगवान् से अपनी इच्छा पूर्ति करने का माध्यम बनाने के लिए प्रार्थना भी करे
5 | 7 | 9 |
11 | 4 | पे |
20 | 29 | 27 |
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As you all, already knew that there are in general only 15/16 types of problem that circled around us. And they are very basic in nature. And how many times , we will publish a new prayog for same problems??? , what is the necessity ?,,, but no , need is here. since this is just like that in any sweet what is that ? it s the mix of besan, khoya and sugar, means these are the basic element in making process of any sweet, but there are very different types of sweets prepared and that also have very different taste.
In the same way , whether the sadhana is easier one or simpler one or difficult one or that has been made only for a specific purpose , it does not necessary that that will suits to each and every person’s mental condition .. for that period…. Considering thses facts . getting success in education, success in job, happy domestic atmosphere in your home , and having a very suitable life partner in your life and not only this , but having success in sadhana also relate d to the unknown forces , whom we call bhagy….
And what is the bhagy or luck,, it is nothing but the sum of all the result of our work dose in past or in previous lives and what else.. now its up to you to simply bear the result or taking help from any sadhak or sadhana neutralize its harmful effects.
That simply means you want to success in the life the first thing you need to wake the luck
There are many prayog that has been instructed to all of us, by our poojya Sadgurudev ji, regarding bhagy related issue or related to nav grah dosh related issue., since till now both things is in your favors how can you get success in the desired amount in a particular direction . How can one able to get success in sadhana , many sadhak with full devotion does the sadhana even some bigger one, but one thing they often neglect that without having a bhagy how they can get success in those.
This is the prayog is that you have to select sukl paksha that always available in a half part of every month. In that chose , hast star day. For writing the yantra, we already provided some basic guideline , but you have to careful that in this time you have to take haldi ( turmeric ) or kesar as a ink. And you have to do whole process in the evening,
And after that do poojan of this yantra and if this yantra is written on any bhojpatr that will be much better, and put it in your pocket , than naturally your bhagy vardhan will be started means you will feel the things your self in changing circumstances in your life they are more positive..
And if you want to have more specific power in this yantra , do pray to bhgvaan Ashutosh , and in front of his situate(murti) , do write 101 times this yantra in paper (separately ), and offer them with each times you have to speak your wish , and pray to him for your success
****NPRU****
bhaiya ye yantra ke ek column me number ke jagah kuch aur likha gaya hai, kya ye sahi hai?
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