Tuesday, January 31, 2012

भगवान राम बिम्बात्मक दर्शन और एकीकरण साधना(BHAGWAN RAAM BIMBATMAK DARSHAN AUR EKIKARAN SADHNA)


रामादली सम्प्रदाय के बारे मे पहले ही साधूसाही के अंतर्गत परिचय दे दिया गया है. इस सम्प्रदाय की  साधना गुप्त रूप से चलती है तथा विधान को गुप्त रखा गया है. भगवान राम से सबंधित साधनाए इसी लिए ज्यादातर उपलब्ध नहीं हो पाती है. इन साधनाओ मे श्रद्धा की खास आवश्यता होती है. साधक के लिए इसमें इष्ट से एकीकरण की भावना विशेष रूप से होनी चाहिए. भगवान राम की साधना भी अपने आप मे उच्चकोटि की है. वस्तुतः यह भगवान विष्णु के अवतार रहे है. हनुमान उपासको के लिए तो यह साधना वरदान स्वरुप ही है. क्यों की हनुमान साधना से पहले श्री राम सबंधित साधना करने पर भगवान हनुमान साधक पर प्रस्सन होते है. इस प्रकार कई द्रष्टिओ मे यह साधना उपयोगी है. जीवन मे आध्यात्मिक वृति लेन के लिए भी यह साधना सम्प्पन करनी चाहिए.

जिनके इष्ट राम है उनके लिए एक ऐसा ही विधान यहाँ पर दिया जा रहा है. यह पूर्ण रूप से सात्विक विधान है.

इसमें साधक को निम्न मंत्र की ५१ माला ११ दीन तक करनी चाहिए.

यह जाप तुलसी की माला से हो.

दिशा उत्तर या पूर्व हो

साधक सफ़ेद सूती वस्त्र तथा आसान का प्रयोग करे

साधक को यह साधना एसी जगह पर करनी चाहिए जहा पर साधना काल मे कोई और व्यक्ति प्रवेश न करे.

इस प्रयोग के साथ ही साथ साधक हनुमान का भी यथा योग्य ध्यान जाप पूजा करे तो उत्तम है.

इस साधना मे साधक को भूमिशयन, ब्रम्हचर्य का पालन, संभव हो उतना मौन तथा एक समय सात्विक भोजन का पालन करना चाहिए. इस साधना को किसी भी शुभ दिन से शुरू की जा सकती है. समय रात्रि मे १० बजे के बाद का रहे तथा साधक राम चिंतन मे ही लिन रहे. श्रद्धा और विश्वास के साथ की गई साधना मे साधक को अंतिम दिन भगवान श्री राम के बिम्बात्मक दर्शन होते है तथा मनोकामना पूर्ण होती है.

रां रामाय दर्शयामि नमः
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Introduction about raamadali sampraday has already given under the titles of saadhusaahi. The sadhana of this sect continues secretly and the process is also kept secret. For the same reason, sadhana related to lord Rama is not easily available. In these sadhana, basic need is your faith. For sadhak it is essential to have feeling of merging with god for sadhak in such sadhana. sadhana of god Rama is also of higher level. He is form of lord Vishnu. This sadhana is also act bliss for hanuman devotee. Because before accomplishing hanuman sadhana if sadhak does raam sadhana then lord hanuman pleases with sadhak. This way, the sadhana of Rama is important in many ways. To active our inner spiritual side one should also attempt this sadhana.
Here process is given for those who have God Rama as their isht. This is completely saatvik process.

In this sadhak is requires to chant 51 rounds of the following mantra for 11 days.

 This chanting should be done with basil rosary (Tulasi Mala)

Direction should north or east

Sadhak should use white cotton cloth and aasan for this prayoga

Sadhak should do this sadhana at the place where during sadhana time period other person do not enter.

It is better if sadhak does hanuman meditation, chantings and poojan as much possible with this prayog.


In this sadhana sadhak should follow rules of sleeping on the floor, bramhacharya, possible least speaking and one time satvik food. This sadhana could be started on any auspicious day. Time should be after 10 PM in night and sadhak should keep on staying in rama’s thinking. Sadhana done with faith and devotion will give sadhak boon of having glimpses of god Ram in his bimba form on the last night and wishes are fulfilled.

Raam Raamaay Darshayaami Namah
   


                                                                                               
 ****NPRU****   
                                                           
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