Dear Brothers and my sisters,
Jai
Sadgurudev,
Festival of Diwali is going to come
or in other words we are in Sankranti Kaal (intermediate time interval between
two events) of this great festival. And shastra says that Sankranti Kaal in
itself contains many amazing powers in hidden manner. What is needed is to bhedan of them through weapon of knowledge.
This great festival has those secrets
embedded in it this time which can be only an imagination for high-level
sadhaks. I pretty well have the personal
experience how Sadgurudev used to direct us to do intense sadhna of Holi and
Deepawali festival in shamshaan and how we used to pass through titillating
experiences and reach our milestone….yes all
these are only milestone. This thing applies to all sadhnas even Mahavidya
sadhna.
Then…..
Then….
What is our aim??????
Aim……
Our aim is to imbibe the secretiveness of these
milestones inside us…imbibing them , filling ourselves with universal
consciousness and imbibing that Param Tatv (supreme element) inside us ……which
has been described by vedas and scriptures as Neti Neti….and has been called
Nikhil Element….which cannot be described and whose elucidation is not
possible…..
But way to attain it goes through these procedures of Tantra or it passes through abstruse
procedure of complete dedication……
Dedication and abstruse????
Who told that dedication is
abstruse…..
Is it not like this?????
It is and the one who say that it is
not abstruse….he can just for once ask his heart that has he completely
dedicated himself to the divine lotus feet of Shree Sadgurudev.
He will get the answer himself…. Because nothing is left after complete dedication…..no desires….no truth……any
anand (bliss)…..what is left then is to be complete.
Well we successively and gradually understand that dedication by following the
path of sadhna too.
And in this sequence on this Tantric festival of Deepawali Mahakaalraatri I will publish 3
sadhnas out of my collection between 7 to 10 November….These sadhnas are not
common. And all of them are superior to each other…
You have to do them from Triyodashi to Dooj (from 2 days before Diwali, On Diwali and till 2
days after Diwali i.e. total 5 days). Most important thing is that at one time
you can do only one sadhna…( Only Deepawali poojan and
wealth attaining sadhna of Deepawali night can be done along with it)
Secondly Muhurat for Tibbeti Lakshmi Vashikaran is yet not
there, it is 34 day sadhna. But it can be done in some other way. I will send
that to you all on 21st November so that you can use that amazing yantra.
For the time being the three sadhna
which I am talking about….they are amazing.
You can do any of them according to
your desire.
1) (Sarv Teevr Shamshaanik Shakti Prapti) Mahakaal
Bhairav Yukt Bhagwati Dhoomarvarna Sadhna – This stage of
Bhagwati Dhoomavati sadhna provides sadhak control over shamshaan sadhna and
Ittar Yoni shaktis. Side by side, it also provides the keys of Shatkarma
sadhna, secrets of attainment of power, titillating experiences. Then how can
sadhak remain an average sadhak.
2 Bhagwati Mahakaali Praanbal Siddhi Yukt Mund
Chaitanya Sadhna-Have you ever thought that how
you pass your life fearing unknown…dying at each step……how sting of disgrace ,
ill-fortune bites you…..how any Tantra prayog or Ittar powers takes you or your
family under its control….how any mean person controls your life and destroy
it…how feeling of failure always terrifies you, may it be your work-field,
sadhna field or great battle of life……This prayog fills fear in our praan
through Mund Shakti of Mahakaali and make sadhak unconquerable.
3. Kaamysiddhi Aishwarya Prapti Nakhaniya Poorn Siddhi
Vidhaan- Nakhaniya tantra is both amazing
and hidden. It contains so many amazing Vidhaans, one superior to other .This
Vidhaan is one of the many sadhnas coming under Nakhaniya tantra which not only
provides sadhak success in desired works…..but also provides hidden secrets of
attaining prosperity and binding Lakshmi.
You have to select……After praying for so many
months I have got the permission to give it to dear ones from those siddhs and
sadhaks who got complete success by grace of Guru and they gave it to me on my
request…….Now you can do any of them according to your own desire and move one
more step on journey of dedication.
“Nikhil Pranaam”
प्रिय भाइयों और मेरी बहनों,
जय सदगुरुदेव,
दीपावली
का पर्व आने वाला है,या ये कहें की हम उसी महापर्व की संक्रांतिकाल में गतिशील
हैं.और शास्त्र विदित है की संक्रांतिकाल अपने आपमें अद्विय्तीय शक्तियों का
केन्द्र स्वयं में छुपाये रहता है,आवशयकता है मात्र उसका ज्ञान अस्त्र से भेदन
करने का.
ये
महान पर्व स्वयं में उन रहस्यों को इस बार समेटे हुए है.जो की कभी मात्र कल्पना ही
हो सकती है उच्चतर साधकों के लिए भी. मुझे भली भांति इस बात का व्यक्तिगत अनुभव है की कैसे
सदगुरुदेव होली और दीपावली के पर्व की तीव्र साधनाओं को शमशान में करने का हमें आदेश
देते थे और कैसे हम उन रोमांचकारी अनुभवों से होकर अपने पड़ाव तक पहुंचते थे....पड़ाव
हाँ मात्र पड़ाव ही तो रही हैं वे या अन्य सभी साधनाएं चाहे फिर वो महाविद्या साधना
ही क्यूँ ना हो......
तब......
तब......
तब
लक्ष्य क्या है ???????
लक्ष्य.....
लक्ष्य है इन पड़ावों की रहस्यमयता को स्वयं
में उतारते हुए....आत्मसात करते हुए ब्रह्मांडीय चेतना से लबालब होकर उस परम तत्व
को स्वयं में उतार लेना....जिसे वेद शास्त्र भी नेति नेति कहते रहें हैं.....और
उसे निखिल तत्व कहा गया है....जिसका वर्णन संभव ही नहीं है,और ना ही संभव है उसकी
विवेचना भी.....
किन्तु
उसे पाने का रास्ता तंत्र
की इन्ही क्रियाओं से होकर गुजरता है या फिर होकर गुजरता है पूर्ण समर्पण की
क्रिया की दुरुहता से.....
समर्पण
और दुरूह ????
ये
किसने कहा की समर्पण दुरूह होता है.......
क्या
नहीं होता है ???????
होता
है और जो कहता है की नहीं ये दुरूह नहीं है...वो एक बार सिर्फ एक बार अपने आप
से,अपने दिल से पूछे की क्या उसने श्री सदगुरुदेव के श्री चरणों में अपने आपको
पूर्ण समर्पित कर दिया है.
जवाब
उसे खुद मिल जाएगा...क्यूंकि पूर्ण समर्पण के बाद कुछ भी शेष नहीं रह जाता है...आकांक्षा भी
नहीं....सत्य भी नहीं....आनंद भी नहीं...... तब रहता है तो मात्र पूर्ण हो जाना.
खैर साधनाओं के मार्ग का अनुसरण करते हुए भी हम
क्रमशः धीरे धीरे उसी समर्पण को समझते हैं.
और उसी
क्रम में दीपमालिका
महाकालरात्री के तांत्रिक पर्व पर मैं अपने संकलन में से ३ साधनाओं का प्रकाशन ७
से १० नवम्बर के मध्य करूँगा...ये साधनाएं सामान्य प्राप्त नहीं हैं. और हैं एक
से बढ़ कर एक....
हाँ
करना है आपको
त्रयोदशी से दूज तक.... और सबसे बड़ी बात आप एक समय में मात्र एक ही साधनाएं ही कर
पाएंगे...(दीपावली
का पूजन और दीपावली की रात्री की धन प्राप्ति की साधनाएं मात्र इसके साथ की जा
सकती है)
दूसरी
बात तिब्बती लक्ष्मी वशीकरण की साधना का मुहूर्त अभी नहीं है,वो ३४ दिनों की
साधना है,परन्तु उसे और किस तरीके से किया जा सकता है,उसे भी मैं आप सभी को २१ नवंबर को प्रेषित कर दूँगा,ताकि आप उस अद्विय्तीय यन्त्र का प्रयोग कर सकें.
फिलहाल
मैं जिन तीन साधनाओं की बात कर रहा हूँ...ये एक से बढ़कर एक हैं .
और आप
अपनी चाहत के अनुसार इसका प्रयोग कर लें...
१. (सर्व तीव्र शमसानिक शक्ति प्राप्ति) महाकाल
भैरव युक्त भगवती धूम्रवर्णा साधना – भगवती धूमावती की साधना का ये सोपान साधक को शमसान
साधना और इतर योनी शक्तियों पर अधिपत्य प्रदान कर देता है.साथ ही रोमांच का,शक्ति
प्राप्ति का वो रहस्य जो षट्कर्म साधनाओं की कुंजी साधक को प्रदान कर देता है.फिर
भला कैसे साधक सामान्य रह सकता है.
२. भगवती महाकाली प्राणबल सिद्धि युक्त मुंड चैतन्य
साधना –
क्या आपने सोचा है की कैसे आप अज्ञात के भय से कांपते कांपते जीवन गुजारते
हो...तिल तिल मर कर...कैसे अपमान,दुर्भाग्य...का दंश आपको दंशित करता रहता
है...कैसे कोई भी तंत्र प्रयोग या इतर शक्तियां आपको या आपके परिवार को चुंगल में
ले लेती हैं...कैसे कोई भी टुच्चा व्यक्ति आपको वश में कर लेता है,जीवन को बर्बाद
कर देता है...कैसे असफलता का भाव हमेशा आपको भयभीत करता है,फिर वो चाहे कार्य का
क्षेत्र हो,साधना का क्षेत्र हो या फिर जीवन का महासमर...ये प्रयोग महाकाली की
मुंड शक्ति से प्राणों में अग्नि भर कर अविजित कर देता है साधक को.
३. काम्यसिद्धि ऐश्वर्य प्राप्ति नखानिया पूर्ण
सिद्धि विधान – अद्भुत
है नखानिया तंत्र और गुप्त भी,एक से बढ़कर एक प्रयोगों को समेटे हुए नखानिया तंत्र
के अंतर्गत आने वाली कई साधनाओं में से वो
अद्भुत विधान जो साधक के इच्छित कार्यों में तो साधक को सफलता देती ही
है...ऐश्वर्य और लक्ष्मी आबद्ध का गोपनीय रहस्य भी साधक को प्राप्त हो जाता है.
चयन आप करेंगे...कई महीनों की प्रार्थना के बाद मुझे इन्हें अपने आत्मीयों
को देने की अनुमति प्राप्त हुयी है उन सिद्धों या साधकों से जिन्हें गुरुकृपा से
इनमे पूर्ण सफलता मिली और उन्होंने अनुग्रह करते हुए मुझे मेरी प्रार्थना पर दिया ..अब
मात्र आप अपने अपने कामना अनुसार इन्हें गति दे सकते हैं और समर्पण की क्रिया का
एक और कदम पूरा कर सकते हैं.
“निखिल
प्रणाम”
****ARIF****
****NPRU****
wah bhaiya.......sukriya
ReplyDeleteguru bhai ko pranam
ReplyDeletemein तिब्बती लक्ष्मी वशीकरण की साधना karna chahta hun mujhe ye अद्विय्तीय यन्त्र pardaan karne kirpa kare is par kitna kharch aayega mujhe bataane ki kirpa kare taaki mein uska intzaam kar saku
aap ka guru bhai
ravindar kumar
guru bhai ko pranam
ReplyDeletemein तिब्बती लक्ष्मी वशीकरण की साधना karna chahta hun mujhe ye अद्विय्तीय यन्त्र pardaan karne kirpa kare is par kitna kharch aayega mujhe bataane ki kirpa kare taaki mein uska intzaam kar saku
aap ka guru bhai
ravindar kumar
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aap ka guru bhai
ravindar kumar
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aap ka guru bhai
ravindar kumar
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aap ka guru bhai
ravindar kumar
guru bhai ko pranam
ReplyDeletemein तिब्बती लक्ष्मी वशीकरण की साधना karna chahta hun mujhe ye अद्विय्तीय यन्त्र pardaan karne kirpa kare is par kitna kharch aayega mujhe bataane ki kirpa kare taaki mein uska intzaam kar saku
aap ka guru bhai
ravindar kumar
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ReplyDeletemein तिब्बती लक्ष्मी वशीकरण की साधना karna chahta hun mujhe ye अद्विय्तीय यन्त्र pardaan karne kirpa kare is par kitna kharch aayega mujhe bataane ki kirpa kare taaki mein uska intzaam kar saku
aap ka guru bhai
ravindar kumar
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ReplyDeleteaarif bhaiya... jay gurudeve...!
ReplyDeleteme in teen sadhnao me se nakhniya sadhna karna chahta hu... krapya aap muze sadhna vidhi our saamagri bhejne ki krapaa kare..
mera pataa
LAKHENDRA VISHWKARMA
35, SECTOR B,NIMAAR NAGAR,
ITAWA, DEWAS (M.P.) 455001
MOB. 88719 77340
काम्यसिद्धि ऐश्वर्य प्राप्ति नखानिया पूर्ण सिद्धि विधान ye sadhna me karna chahta hoo. aarif bhaiya. muze iski vidhi our samagri bhejne ki karpa kar dijiye...
ReplyDeletemera address : LAKHENDRA VISHWAKARMA
35, SECTOR B, NIMAAR NAGAR, ITAWA,
DEWAS M.P. 455001
MOB. 88719 77340
bhai. . .
ReplyDeletejai sadgurudev
kya aap in tino ki sadhna vidhi aadi bhej skte he. .
bcz sadhna jagat me selection naam ki chiz nhi hoti. . sirf apne lakshay pr badte jao. .
so plz apna aashirwad rkhe. .
jai sadgurudev
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ReplyDeleteAarif bhiya jay gurudev....!
ReplyDeleteaaj 10 taarikh ho gayi he...
aapke dwara ullikhit tino saadhnaao ka blog par prakaashan pratiksha me he.....
bhaiya... krapaa kariye... kam se kam kaamy siddhi eshvrya prapti nakhniya purnn siddhi vidhhaan post kar dijiye.....
...... aapka chhota bhai Lakhendra..
arif bhai mai aap ke blog ka sadasya kaise ban sakta hun bateyn. meri ruchi tantra aur ras vidya ,parad vigyan me hanesa se rahi hai. parantu mere pas roji roti nahi hai. dhan ke kani aur samagri ki unuplabdhata in karno se durse hi dekhata rahatahu. aap ki site se aaha jagrut hui hai. dhanyavad.
ReplyDeleteemail id rasraj10@gmail.com
name shashikant shukla
Aarif bhiaya jay gurudev...!
ReplyDeleteaap mujhe काम्यसिद्धि ऐश्वर्य प्राप्ति नखानिया पूर्ण सिद्धि विधान ka vidhan bhejne ki kripa karen. mera email id .. sharmaajitp@gmail.com