Saturday, May 21, 2011

Some easy but very accurate Yakshini sadhnas

जीवन में धन के महत्त्व को कोई नहीं नकार सकता,फिर वो चाहे राजा हो,योगी हो,दरिद्र हो या फिर हम जैसे सामान्य मनुष्य. पर इसकी प्राप्ति तो सभी के लिए दुष्कर है और दुष्कर नहीं है तो सहज तो कदापि नहीं हो सकती. सूर्य तंत्र के गोपनीय रहस्यों को समझने के लिए जब मैं सदगुरुदेव की आज्ञा से भटवाडी के भासकरेश्वर महादेव मंदिर के निकट के एकांत स्थल पर साधना कर रहा था, ये वही स्थान है जहाँ पर मार्तंड सूर्य ने भगवान शिव की हजार वर्षों तक तपस्या की थी की महाकाल शिव सदैव सदैव के लिए उनके  दोनों नेत्रों में स्थापित हो जाये, और इसी स्थान पर भगवान शिव ने सूर्य को प्रत्यक्ष दर्शन देकर उनकी तपस्या के फलस्वरूप उनकी मनोकामना पूर्ण की थी.सूर्य तंत्र के अद्धयेताओं के लिए ये स्थान अत्यधिक महत्वपूर्ण है और यहाँ पर सूर्य तंत्र में सफलता प्राप्ति का प्रतिशत बढ़ जाता है. खैर वो एक पृथक विषय है जिसकी कभी और चर्चा की जायेगी, उसी काल खंड में एक तेजस्वी सन्यासी श्री विनयानंद जी वहाँ पर नित्यभास्कर प्रयाग में स्नान के लिए आया करते थे,उनके चेहरे पर अद्भुत आकर्षण था.मैं भी नित्य सूर्या को अर्घ्य देने के लिए वह जाया करता था.धीरे धीरे वो मुझे देखने भी लगे और मेरे अभिवादन का प्रत्युत्तर भी देने लगे.

क्या तुम यहाँ कोई साधना कर रहे हो- उन्होंने पूछा.
जी-मैंने कहा और किस प्रयोजन से मैं ऐसा कर रहा था,वो भी उन्हें संक्षेप में बता दिया.
धीरे धीरे वार्तालाप का क्रम प्रारंभ हो गया,ऐसे ही एक दिन मैंने उनसे कहा की- क्या मैं आपसे एक प्रश्न पूछ सकता हूँ ?
पूछो....
आप जब भी मेरे समीप से गुजरते हैं तो गुलाब,चमेली और मोगरे की मिश्रित मंद खुशबु सी फ़ैल जाती है , जो की किसी इत्र की तो कदापि नहीं हो सकती.
तो तुम्हे क्या लगता है की किस चीज की गंध है !
जी,मैं जहाँ तक समझता हूँ की यदि कोई साधक यक्षिणी का पूर्ण साहचर्य प्राप्त कर लेता है तो प्रतीक रूप में वो अपनी गंध साधक को प्रदान कर देती है . पर ये किसी एक यक्षिणी की गंध नहीं है अपितु मुझे कई प्रतीकों का मिश्रण अनुभव हो रहा है-मैंने सकुचाते हुए कहा.
हाँ ये सत्य है,और ये भी सत्य है की ये किसी एक के साहचर्य का प्रतीक नहीं है.बल्कि अपने सद्गुरु श्रद्धेय किंकर स्वामी की आज्ञा से हिमालय की श्रृंखला के कई दुर्गम और गोपनीय स्थानों  पिछले ३० वर्षों से यक्षिणियों की विभिन्न साधनाओं को परखने में ही मैंने अपने आपको लगा दिया है.जिनमे जो सफलता प्राप्त हुयी है बस ये उन्ही का स्मृति चिन्ह हैं.
क्या गृहस्थ जीवन के लिए अनुकूल और सरल कोई साधना नहीं है जिससे इन यक्षिणियों को घर में किया जा सके??
है क्यूँ नहीं, परन्तु बहुत सी साधनाओं  के लिए जो वातावरण चाहिए होता है ,वो सामान्यतः घर पर तो उपलब्ध नहीं हो पाता है.घर का वातावरण यदि पूर्ण आध्यात्मिकता से युक्त हो,तो इन साधनाओं को घर पर भी एक अलग कक्ष में किया जा सकता है.और जब तक साधना चलती है तब तक उस कक्ष में किसी का भी प्रवेश नहीं होना चाहिए.
जी और साधना काल में साधक का दिनचर्या क्या होना चाहिए ?
सबसे पहले तो ये बात भली भांति समझने की आवश्यकता है की ये साधना उत्साह,पौरुष शक्ति और प्राणशक्ति से ही सिद्ध की जा सकती है. यदि साधक में अपने गुरु पर श्रृद्धा,साधना में विश्वास,प्रामाणिक पद्धति का ज्ञान,संयमित उत्साह,सिद्ध करने का दृण भाव,सकारात्मक चिंतन और विशुद्ध प्रेम का भाव है तो उसे ये साधना सिद्ध होती ही है.क्योंकि यक्षिणी वर्ग को विशुद्ध प्रेम अपनी और आकर्षित करता ही है.रही बात काया कल्प की तो जब ये किसी साधक को सिद्ध हो जाती हैं तो जीवन में शारीरिक,मानसिक और आर्थिक सुखों का भंडार खोल देती हैं. यदि साधक में इनके प्रति निष्ठा हो तो ये जीवन संगिनी या प्रेमिका बन कर सम्पूर्ण जीवन उसके साथ ही रह सकती हैं,और यदि साधक इनके साथ जीवन यापन न करके इनके गुणों को ही अपने जीवन साथी में चाहे तब भी,ये अपने साधक के प्रेम और साधना बल के वशीभूत साधक के जीवन साथी में अपने उन गुणों का ही प्रवेश करा देती हैं.और तब साधक का गृहस्थ जीवन पूरी तरह प्रेम माय और परस्पर एक दुसरे के लिए आजीवन प्रेमभाव से युक्त हो जाता है ,क्योंकि तब ये आकर्षण शारीरिक न होकर मानसिक हो जाता है. उनके द्वारा बताई गयी साधना विधियों में से दो साधना विधियों को मैं यहाँ पर दे रहा हूँ,जिनमे से पहली जीवन में आकस्मिक धन प्राप्ति के लिए है,इसके द्वारा शेयर बाजार,व्यापार और अन्य कई श्रेष्ट उपायों से आकस्मिक धन प्राप्ति का मार्ग और विधान स्वतः ही ज्ञात होने लगता है,जिससे धन प्राप्ति का मार्ग सरल हो जाता है.और दूसरी साधना पूरी तरह से विशुद्ध प्रेम को अपने जीवन में उतारने की. और ये सबसे अनिवार्य तत्व है क्योंकि आज ९२% वैवाहिक जीवन में प्रेम और आकर्षण जैसी कोई चिड़िया ही नहीं होती तो सुख क्या खाक होगा. पति और पत्नी ,प्रेमी-प्रेमिका ये सभी थोड़े ही समय में एक दुसरे के प्रति आकर्षण और प्रेम भाव खो देते हैं तब इन संबंधों को स्थायित्व कैसे मिलेगा.मगर इस साधना से साधक के जीवन में परस्पर दैहिक, मानसिक और आत्मिक आकर्षण की तीव्रता परस्पर पूरे जीवन ही रहती है.(इसी अंक में वे सभी गोपनीय विधान बताये गए हैं ,जिनके द्वारा पूर्ण सफलता की प्राप्ति होती ही है.अतः उन सूत्रों को यथा संभव प्रयोग करे जिससे सफलता की प्राप्ति होगी ही)
          आकस्मिक धन प्रदाता स्वर्ण यक्षिणी साधना
  इस साधना के लिए किसी भी शुक्रवार की रात्री को स्नान करके पीले वस्त्र धारण कर साधना कक्ष में  पीलर आसन पर उत्तराभिमुख होकर बैठ जाये सामने बाजोट पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर गुरुधाम से प्राप्त ‘एक मुखी मधु रूपेन रुद्राक्ष’ की स्थापना करे.सामने घृत का दीपक प्रज्वलित कर लें. तत्पश्चात सदगुरुदेव,गणपति और दीपक का पूजन कर उनसे इस साधना में सफलता का आशीर्वाद देने की प्रार्थना करे.तत्पश्चात कुमकुम,धुप,सुगन्धित पुष्प और सुस्वादु नैवेद्य से रुद्राक्ष का पूजन कर यक्षिणी माला से २१ माला मंत्र जप करे ,ये क्रिया ११ दिनों तक संपन्न करना है. इसके पश्चात उस रुद्राक्ष को पीले कपडे में बांध कर पूजन स्थल पर ही रख दे और जब भी आपको आकस्मिक धन प्राप्ति की आवश्यकता हो तब, रात्रि में ५ माला मन्त्र जप कर सो जाये,रात में आपको स्वप्न में ही वो विधान आपको यक्षिणी बता देगी ,जिससे आपको निश्चित धन की प्राप्ति होगी. यदि आप नित्य एक माला मंत्र जप सुबह पूजन में करते हैं तब भी धम्नागमन के नए स्रोत खुलते चले जाते हैं.   
मन्त्र-ऐं स्वर्णयक्षिणी मम कार्य सिद्धिं करीं प्रत्यक्षं सिद्धिं स्वर्ण वर्षा ऐं ऐं नमः
                पूर्ण प्रेम सुख प्राप्ति हेतु प्रमदा साधना
इस साधना को भी शुक्रवार से ही प्रारंभ किया जाता है ,साधक किसी एकांत वन में या कक्ष में अर्ध रात्रि मो स्नान कर लाल वस्त्र धारण कर लाल आसन पर उत्तराभिमुख होकरबैठ जाये और मंत्र जप में सफलता का संकल्प ले ,पूर्ण गुरु पूजन और गणपति पूजन करे और उनसे साधना हेतु आज्ञा व सफलता प्राप्ति की प्रार्थना करेऔर ध्यान करे-

ध्यान- केयूर मुख्याभरणाभिरमाम्,वराभये संदधतीम् कराभ्यां.
        संक्रन्दनादयामर सेव्यपादाम,सत्कांचनाभाम् प्रमदाम् भजामि.   
 सामने बाजोट पर लाल वस्त्र बिछा हुआ हो और उस पर  पूर्ण यक्षिणी सायुज्य पारद गुटिका की स्थापना कर उसे स्नान करवाकर ,अक्षत,पुष्प,धुप,दीप तथा नैवेद्य से पूजन करे .
फिर न्यास करे-
१.शक्ति ऋषये नमः शिरसि ,गायत्री छंदसे नमः मुखे,प्रमदा देवतायै नमः हृदये,विनियोगाय नमः सर्वांगे.
२.ह्रां अंगुष्ठाभ्याम् नमः,ह्रीं तर्जनीभ्यां नमः,ह्रूम् मध्यमाभ्याम्  नमः,ह्रै: अनामिकाभ्याम्  नमः,ह्रौम् कनिष्ठिकाभ्यां नमः,ह्र: करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः.
३.ह्रां हृदयाय नमः,ह्रीं शिरसे स्वाहा,ह्रूम् शिखायै वषट्,ह्रै: कवचाय हूं,ह्रौम् नेत्रत्रयाय वौषट,ह्र: अस्त्राय फट.
मन्त्र- ह्रीं प्रमदे स्वाहा
यदि मात्र देवी के गुणों को आप अपने जीवन साथी में उतरना चाहते हैं तो उपरोक्त मन्त्र की २१ माला नित्य करनी है १४ दिनों तक.इससे आपको मनोवांछित प्रेम की भी प्राप्ति होगी ,पर आपको भी उतनी ही ईमानदारी बरतनी होगी.और यदि आप इस शक्ति का ही साहचर्य और प्रत्याल्शिकरण चाहे हैं तो इसी मन्त्र का पूर्ण पुरश्चरण नियमों का पालन कर ६ लाख मन्त्र जप करना होगा.इसके लिए निर्जन वन में जाकर दिन में तथा रात्रि में नित्य १० हजार मंत्र करना होगा,जप का दशांश हवन घी और खीर से करे.तब निश्चय ही प्रमदा देवी प्रत्यक्ष होकर साधक का अभीष्ट पूरा करती है.आवशकता पड़ने पर ११ माला जप करने से वो आपका कार्य कर देंगी.
 उपरोक्त दोनों साधनाओं का मुझे भी व्यक्तिगत अनुभव है,अतः आप निश्चिन्त होकर इसे प्रयोग करके देखे.यदि पूर्ण नियमों का पालन किया गया तो अवश्य ही सफलता मिलेगी.
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The importance of money in life,then its abt any king, or Yogi, or any poor, or common persons like us.But its quiet difficult to achieve it and if not difficult then nor easy also. Isn’t it?
To understand the secrets of Surya Tantra, with permission of revered sadgurudev I was pursuing my sadhna at a lonely place nearby Bhaatwadi’s Bhaskareshwar mahadev mandir.U know this is that temple were martand surya perform his persistence for thousand years for that Mahakal shiv must be established in his both eyes.And on the same place Lord shiva appeared infront of Surya and fulfilled his wish.This place is very sacred and significant for Surya tantra seekers as the success rate increases if surya tantra are erformed at this holy place.
Well that’s altogether a different matter on which we ll disscuss later on.On the same timeperiod one saint was always used to come for bath in that bhaskar prayag.His face was astonishingly attractive and glowy.I also used to visit that place for offering Arghya to surya devta in early morning.Slowly he starts noticing me and answering my waves.He said- are u performing any sadhna here.I answered- Yes and explained briefly.gradually the conversation took place.One fine day I also asked him – Can I ask u a question? He said – Yaaa, whenever u crossover I feel various types of flowers fragrance of Gulab, chameli, Mogra, and mixed also spreads all over which doesn’t match with any perfume. So what do u think? what is it? Hmm as far as I know if any sadhak gets complete closeness with any yakshini then she bows her smell in form of symbol.
But this is not consists of only one yakshini’s smell rather it is a mixture of variety. I said hesitantly. Yes its truth, an dthis is also a truth that its not merely a symbol of a associate. Rather with my revered Kinkar Swami’s permission I romed around Himalayan Ranges and tested various yakshini sadhna at very secretful places since 30 years passed on. And whatever success I achieved in it is just sybol of such memories.Is their any easy way of sadhnas which would be favourable for common married person’s life also? Yaa, but the environment which is required for doing various sadhnas is not available at home. If the environment at house is spiritual then such sadhnas can be done but in a separate dedicated room.
And till the time the sadhna continues no one else should enter sadhna room.
Hmm ok.. Well what should be the routine maintain during sadhna period?
First of all understand very clearly that that it can be sidhh by Sadhna enthusiasm, Manly power and Pranashakti. If sadhaks keeps complete devotion on his Guru, Belief in sadhna, exact and right procedure knowledge, contriled energy, willfulness to siddhh the sadhna, Positive mental attitude and endless love leads u to the success for sure.Because Yakshinis are immencely attracted towards divine love.And if it’s a matter of Kayakalp then if sadhak siddh her then she opened a gate of Mental, Physical and financial treasure in his life.

If sadhak possess the honest dedication toward her then she remains with him forever as a lover. If sadhak doesn’t live long with her but wants all same qualities as yakshini’s possess to be in his partner or wife,in such case still she transfer such qualities due to the sadhaks passion, love, persistency and sadhna’s strength.Then sadhak’s marital life becomes full of happiness and love remain till end.Because the physical infatuation attraction converted into metal..Whatever he told me out of those sadhna processes, two of them I m explaining below – First one is for earning unexpected wealth via which the way becomes much easier in share market, business etc.from which sadhak himself can step up towards success and get money.
And the second sadhna is for having divine love in our life. And this is most important fact of life because today 92 % marital lives don’t possess a bird named love n attraction then how come happiness expected in life? As so many Husband-wive, lovers looses their attraction and love in very short span.Then how stability can be expected in such relationship. But due to this sadhna one can have complete physical, Mental and soul to soul attraction with damn density which is beyond imagination for whole of the life.( Only in this section all such secret procedures are mentioned by which complete success can be achieved.so just practice all tested experiments which will give u success.)

 Akasmik Dhan pradata swarna Yakshini Sadhna)
You can start this sadhna on any Friday night.Just take shower and wear yellow color cloth and come to sadhna room.here asan should also be of yellow color. Then sit on it facing toward noth direction.Then just establish the Yantra which u can order from gurudham and the mala ‘Ek Mukhi madhu rupen rudraksh’. Then enlighten the lamp. Thenafter do worship Sadgurudevji, Ganpatiji, and lamp and request all of them to give success in this sadhna. Then offer kum kum, dhup, flowers and tasteful sweet and do the rudraksh worship too and from yakshini mala do the 21 malas mantra chanting.This should be finish in next 11 days. Then tie that rudraksh in yellow clot and keep it in worship place onlyand whenever u want unexpected money then just do 5 malas of below mantra in night and then just sleep.In night only yakshini will tell u the procedure in dream from which u can get assured money.And if do it daily 1 mala while daily morning worship then various new sources get open for u.
Mantra isaim swarnayakshini mam karya sidhhim karee pratyaksham sidhhim swarna varsha aim aim namah

Purna Prem such praapti hetu pramada sadhna (For Complete love happiness a Pramada sadhna)
This sadhna also can be started from any Friday. In any lonely forest place or at sadhna room just have shower and wear red cloths and sit on red asan facing towards north direction and take will for completing this sadhna successfully. Then do guru, ganpati worship and request and get permission from them for giving u success and meditate
Dhyan – Keyur mukhyabharanabhirmaam, varaabhaye sanddhteem karabhyaam.
      Sankrandnadyaamar sevyapaadaam, satkanchnaabhaam pramdaam bhajaami.
मन्त्र - ह्रीं प्रमदे स्वाहा
Then place red cloths on wooden stand and then establish Purna Yakshini Sayujya Paarad Gutika.first offer water on it, then akshat(rice), flowers, lamp, sweets, dhup and do the pujan. Then do the Nyaas –
1.   Shakti Rishaye Nama Shirasi, gayatri chandse namah mukhe, pramada devtaaye namah hridaye, viniyogaaya namah sarvaange.
2.   Hraam angushthabhyaam namah hreem tarjaneebhyaam namah, hrain anamikaabhyaam namah, Hroum kanishthabhyaam namah, Hrhh kartalkarprushthaabhyaam namah.
3.   Hraam hridayaay namah, hreem shirase swaha, hum shikhaaye vashat, hrain kavachaaya hum, hroum netratrayaay vaushat, hrhh astraaya fat

Mantra Hreem pramade swaahaa.
If only qualities of devi u want to have in ur partner then chant above mantra for 21 malas per day for 14 day continuously. From this u will get ur wish.But u would also have to be so honest..Hnna? And if u want her as companion and complete appearance then do the same mantra again with complete procedure and do 6 lakhs mantra jap. For this u have to go to forest and day n night on daily basis 10 thousand mantra chanting should be done per day.Then only Paramada Goddess appears and completes ur wish.In emergency just do 11 malas mantra she ll do ur work.
Well above both sadhnas are personaly experienced by me.So with relax mindset just do this process.If you follow each n ever step with devotion then success is definitely urs..
****NPRU****

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