Monday, May 23, 2011

Some essential point in daily poojan



जीवन में सुद्रढ़  आधार  के लिए साधना की भूमिका से तो कोई भी इनकार नहीं कर सकता , पर साधना  मैंभी कुछ तो आधार भूत या मूल भूत बाते हैं  जिनका के बारेमें हर साधक  को ध्यान रखना ही चाहिए. . पूजन प्रारभ करतेही साधक सर्व  प्रथम  गणेश   पूजन फिर भैरव  पूजन फिर सदगुरुदेव पूजन फिर इष्ट पूजन का क्रम तो सभी पालन करते हैं ही   ,  पर  कभी सोचा हैं की भैरव पूजन  क्यों   या गणेश     पूजन  हि क्योंयह बात तो सभी जानते  हैं की  भगवान गणेश पूजन  तो प्रथम तः करना  ही चाहिए  हैं क्यों कि पौरा णिक कहानी इस सन्दर्भ की तो सभी जानते हैं
हमारे पूजन में  इन देव का  स्थान तो होना  चाहिए
1.   श्री  गणेश
2.   भैरव
3.   लक्ष्मी  
एक एक कर इन तथ्य को लेते हैं गणेश  न केबल प्रथम पूज्य बल्कि  वे गणो के अधिपति भी हैं ओर प्रथम चक्र  मूलाधार चक्र को गणेश चक्र भी कहा जाता हैं . गण का एक अर्थ इन्द्रिय भी हैं  मतलब सभी इन्द्रियों के अधिपति  बे ही हैं  .जीवन में हर इन्द्रियों पर निर्त्रण रहे इससे क्या श्रेष्ठ  तथ्य  क्या हो सकता हें  जीवनमें बुद्धि चातुर्यता  बहुत अनिवार्य हैं ही और इसके  बिना जीवन को किस दिशा मेंले जाना हैं कैसे पता चलेगा .सही  या गलत सभी  का निर्धारण  तो बुद्धि ही करती  हैं , आर्जित धन  का सदुपयोग के साथ  ही  साथ जीवन की कमियों  को दूर करने के लिए तो भगवान् गणेश के वरदायक स्वरुप  का दैनिक पूजन के साथ   उनका मात्र जप भी जरुरी तथ्य  हैं   . वह उनके कृपा  के  बिना  कहाँ से आएगा .  .

भैरव  पूजन की अनिवार्यता तो अनेक साधक नहीं जानते हैं या उसकी  आवश्यकता  नहीं समझते हैं , सदगुरुदेव जी ने हनुमान साधना में यहाँ तक कहा हैं की बिना भैरव  की कृपा  प्राप्त करे बिना हनुमान  जी की साधना सफल नहीं हो नहीं सकती . जीवन में भी आपत्ति उद्धारक  तत्व तो  भगवान भैरव का ही हैं, सदगुरुदेव जी ने "भैरव उपासना" में कहा हैं  ....साधना  प्रारंभ करते समय घरपर किसी का बीमार पड जाना, घरमें लढाई  झगड़े प्रारंभ होनाया  कोई  भी नयी बाधा का  सामने आना इस बात का परिचायक हैं की हमने भैरव साधना  का महत्त्व नहीं समझा हैं. यदि किसी को भैरव स्वरुप के तामसिक होने पर आपत्ति हैं तो वह  "स्वर्णाकर्षण  भैरव" की साधना  कर सकता हैं यह स्वरुप भगवान् भैरव का न नेबल  धनप्रदायक हैं बल्कि पिता के स्वरुप में भी बे हैं अब साधक को क्या चिंता ,.... 
  

 दैनिक पूजन में  इस स्तुति  को शामिल किया जा सकता हैं. "
कपाली कुंडली भीमो भैरवो भीम विक्रमः |
व्यालोपवीती कवची शूली शूरः शिवप्रिय :||
एतानी  दश नामानि प्रातः  रुत्थाय  यः पठेत
भैरवो यातना न स्याद  भयं  क्वापि न जायते||
 लक्ष्मी  तत्व के बारे  में यही कहा  जा सकता हैं की  जीवन में धन सबकुछ नहीं हैं पर  बहुत कुछ  भी हैं , दैनिक आव्स्कयाताओ की पूर्ति  के लिए ओर उच्चता पर  जाने के लिए  इसकी उपयोगिता को न कभी नकारा गया हैं  न कभी जायेगा .  लक्ष्मी तत्व का एक रूप धन हैं  पर ओर भी उनके रूप आके जीवन में आये  पर जरुरत  तो  धन की ही पहले हैं तोलक्ष्मी पूजन के साथ ही साथ एक मंत्र श्रीगुरुदेव जी से प्राप्त करे जो आप दिन प्रतिदिनके पूजन में जप  करते हुए  अपने लक्ष्य तक पहुँच सके .|
धन आये पर  श्री गणेश कृपा से आपके पास वह रुक भी तो पाये केबल धनागम से कुछ न  होगा उसे आपके पास रुकना भी  चाहिए. दैनिक  पुजन  में इन्सभी का अपना महत्त्व हैं .
ज्योतिषी दृष्टी  से :
किसी भी साधक  का नवम भाव या भाग्य भाव किसी भी कारण से  कमजोर हो , या दूसरा धन आग्मंका भाव  या  लाभ व् भवमें  किसी भी प्रकार  की समस्या  हो उनके लिए तो  श्रीगणेश  ओर लक्ष्मी  के मन्त्र  का  जप तो उनकी दैनिक उपासना  में तो होना ही चाहिए .
सभी जिनके  लग्न या लंग्नेश कमजोर होगे उन्हें तो जीवन में बार बार  कठिनाइयो का सामान तो लगातार कर्ण पड़ता हैं ही ओर अनेको बार अपमान जनक स्थितिया उनके सामने बार बार आती ही रहतीहैं उस सब के निराकरण के लिए , गुरुदेव त्रिमुर्तिजी से आज्ञा प्राप्त करे ओर लक्ष्मी गणेश से  संबंधित मंत्र को प्राप्त करे ही.   
वे सभी साधक  जिनके दशा या  महादशा  किसी  भी ढंग से बारहवे भाव या व्यय भाव से जुड़ रहे हो उनके लिए भी यह दो देव की साधना दैनिक जीवन में  लाभ कारी होगी ही .

साथ ही साथ  साथ जीवन में कही हमारे घर में किसी दिन  हमारे  द्वारा धन जो कमाया  गया हैं वह य हमारी बहुमूल्य  चीजे  कहीं चोरीना  होजाए  इसका तो डर तो सभी को रह ता हैं , सदगुरुदेव जी ने इस बारे में एक छोटा सा प्रभावी मन्त्र  मन्त्र रहस्य में दिया हैं जिसका एक बार रात्रि  में उच्चरण ही आपको चोरो के उत्पात से बचाता हैं .
जले रक्षतु वराहः स्थले   रक्षतु वामनः |
अटव्या     नारसिहश्च सर्वतः पातु केशवः||
जले रक्षतु नंदिशः स्थले   रक्षतु भैरवः  |
अटव्या वीर भद्र श्च सर्वतः पातु शंकर :||
अर्जुन : फाल्गुनो जिष्णु किरीटी स्वेत वाहन:|
विभ्त्सुर्विजय: कृष्ण : सव्यसाची  धनजय ||
तिस्त्रो भार्या कफलास्य  दाहिनी मोहिनी सती |
तांसा स्मरण : मात्रेण  चोरो गच्छसि  निष्फल: ||
कफल्लक : कफल्लक : कफल्लक : 

आज के लिए बस इतना ही ......
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No one can deny the importance of sadhana in running smooth life. But sadhana also need some basic  foundation point so that it can also run smoothly . and every sadhak must be careful about that ..   every sadhak follow the system like first shree Ganesh poojan than bhairav poojan than Sadgurudev poojan and after that person’s isht poojan but be ever thought that why it is necessary to  follow the way. This every body know that why shree Ganesh poojan is a first place necessary , every body remember the mythological story related to that .
 In our daily poojan following divine forces must have a place..
1.     Shree Ganesh
2.     Bhairav
3.     lakshmi
we are considering all the essential one by one.. Bhagvaan Ganesh  not only  first dev whose poojan is a must on the first place. But also  he is the pati (lord of) gan or senses , the first kundalini chakra is known as muladhar chakra or Ganesh chakra , as you knew gan means sense so who can control the sense  means  lord of that , if one person can control all his senses than what is the great thing will be that., knowledge and wisdom and intelligence can not be under estimated  other how we can decide in which direction we have to proceed. Wrong or right is decide by out wisdom. What ever we have earned how that should be use and where , this all be decide by the buddhi or intelligence, and that is possible only through the blessing of Bhagvaan Ganesh.  
What is the necessity of bhairav poojan many sadhak not properly understand, neither think that it is essential, Sadgurudev ji  in hanuman s sadhana audio cassettes says that without the blessing of  bhairav even hanuman sadhana can not be successful. This bhairav tatv is the  aaptti uddhrak in our life.  Sadgurudev says in “bhairav sadhana’ that when we start any sadhana in our home some one our near one falls sick or ill , or family tension reaches to top most level , such type problem comes so that sadhak can not start the sadhana on the time. This clearly shows that we could not understand the  utility or importance of bhairav sadhana in our life. if any one having problem with Bhagvaan bhairav tamsik form so that he can start the poojan of swarankarshana bhairav without any doubt, since this form of bhairav will enrich your life with wealth and not only this he is having the form of father, than no need to worry of any kind.
You can include this small stuti  in your daily poojan.
Kapali kundalubheemo bhairavo nheem vikramah|
Vyalopiti kavachi shuli shurah shiv priyah||
Atani dash namani pratah rutthay yah pathet |
Bhairvo yatna na syad bhayam kwapi na jayte||
 Only thing  says about the lakshmi tatv is that though  the money is not everything but  it more than many thing , to reach higher status and solve many problem of the life the importance of this cannot be estimated. one of the form of lakshmi is money yes other form may also come but this form of money is today needed most. Have a mantra from Poojya paad Gurudev Trimurti ji and side by side poojan do the jap of that so that you can reach your goal easily.
 Suppose money start following to you  but if that is not stationery than what is the use of that.  You must have study flow  incoming of money and something  you are able to save. That’s why in daily poojan all theses are necessary,
Astrological view:
 If any sadhak has weak ninth bhav reason may be any or second bhav means bhav of finance incoming also weak , for them it is must to have Ganesh and lakshmi mantra in their daily poojan.
And those one who have weak lagna or lord of the ascendant they have to continuously facing all type of trouble and adversary in his life , to remove all these bad thing they must seek advice and instruction from Poojya paad Gurudev Trimurti ji. and get lakshmi Ganesh mantra.
And all those sadhak who are running under any dasha or mahadasha related to 12th  house or vyay bhav,  they also will find the mantra of theses two divine power much help full to them.
 We always having worry that our hard earned property may not be get stolen, to remove that fear Sadgurudev ji provide a very small in matra rahasy just a single chant of this amantra in night you will be save from thief
Jale rakshtu varahah sthle rakshtu  vamanah|
Atvya naarsinhhsch sarvatah paatu keshavah||
Jale rakshtu nandishah shthle rakshtu bhairavah|
Atvaya ver bhrdrasch sarvatah paatu shankarah||
Arjunah phalguno jisnu kiriti swet vahanah |vibhtsurvijayah krishanah savyasachi dhanjaya||
Tistro bharyah kaphlasy dahini mohini sati |
Taansan samreah  matren choro gachchhsi nishphalah||
Kaphallkah  Kaphallkah  Kaphallkah  

That enough for today…

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