दीपावली का आगमन होने
को हैं ,सभी धन लक्ष्मी के आगमन
की तैयारी में व्यस्त हैं ही , चारो ओर सारा
संसार मानो उत्सव की तैयारी में लगे दिख
रहे हैं, न केबल बच्चे से
बल्कि बड़े बुजुर्ग
और न केबल छोटे व्यापारी से बल्कि बड़े
बड़े व्यापारिक संस्थान के
मालिक भी , भला कौन नहीं चाहता की उसका
जीवन धन धान्य से भरा पूरा
रहे. भले माँ महालक्ष्मी के १००८ स्वरुप हो पर
यह धन लक्ष्मी वाला स्वरूप
तो जीवन का आधार हैं ही क्योंकि
अगर जीवन हैं तो धन की आवश्यकता से न कोई
योगी …..न ही
कोई साधारण मानव
अपना मुख कैसे मोड़ सकता
हैं .
पर जीवन की
यहभी कटु सच्चाई हैं की जिसके
पास धन नहीं हैं उसके लिए
त्यौहार का क्या महत्त्व पर वह फिर भी आशा
रखता हैं की देखो इस बार शायद ..
पर मानने से कभी भाग्य
बदलता ,, यही तो हम
सालो सालसे ही करते
आ रहे हैं और वेसे के वैसे ही रह जाते हैं , हम सबको साधना का मूल्य तो समझना
पड़ेगा ही ..
पर इसके साथ एक और
बात सदगुरुदेव कहते हैं की अगर किसी
को सर दर्द हो रहा
हो और वह सारी मेडिकल की किताब खोल
कर पढने बैठ
जाय तो क्या लाभ अभी तो यदि एक गोली उसका काम कर सकती हैं तो वही ही उपयोगी
होगी न..
मेरा कहने का मतलब आज के इस जीवन में जब
इतना पढने के बाद भी मनो बांछित जॉब भीं
न मिल पा रहा हो , और सारे प्रयत्न
भी मानो निष्फल से होरहे हो तब व्यक्ति
जब थक हार कर साधना
की तरफ देखता हैं तो यहाँ भी सलाह देने वाले एक
से एक बड़े बड़े अनुष्ठान और महगी
प्रक्रिया उसे बताते हैं
बिना सोचे की वह
कैसे कर पायेगा ,
यब क्या उसके पास
कोई ओर रास्ता नहीं हैं,
क्यों नही अनेको ऐसे
सरल प्रयोग हैं जिन्हें
कोई खर्च भी नहीं हैं और बहुत कम
समय के क्यों न हम वह करे
,, और उसका प्रभाव
देख कर अपने जीवन को फिर
एक सुगठित तरीके से आगे साधना के मार्ग पर ले जाए न की
बड़ी बड़ी बाते की यह साधना और वह साधना ..... यह सब तो मन को बहलाने की कोशिश
हैं जीवन की कठोरता को भी
स्वीकार करें यह गुण
और योग्यता होनी
ही चाहिए
और एक ऐसा ही सरल
प्रयोग
मंत्र :
काली कंकाली महाकाली ,सुख सुन्दर जिय
ब्याली , चार वीर
भैरव चौरासी ,बता
तू पूजूं पान
मिठाई , अब बोले काली की दुहाई ||
साधारण नियम : जो
संभव हो उसका पालन
करे ,
उदाहरणार्थ : संकल्प ,सदगुरुदेव
पूजन, गुरु मंत्र जप
, निखिलेश्वरानंद
कवच का फिर जप .
आसन , वस्त्र संभव
हो तो पीले ….यही तो जो आपकी इच्छा हो ,
यह एक साबर मंत्र
प्रयोग हैं तो धुप अगरबत्ती का
प्रयोग और भी उचित रहेगा
हाँ दिशा जरुर
पूर्व रहेगी और जप समय प्रातः काल
होगा साथ ही साथ हर दिन
मात्र 56 बार ही जप करना हैं
जब तक सफलता नहीं दिखाई दे तब तक इसे करते जाये ,सरल प्रयोग हैं और समय भी बहुत कम
लगता हैं और श्रद्धा
विस्वास से किये गए इस प्रयोग का
पहल आपको सदगुरुदेव जी की कृपा से
अवश्य ही मिलेगा .आप शीघ्र से रोजगार
युक्त हो कर सफल हो .
****************************************************************
Now , the
time of festival of light is approaching
,and every body is busy in preparing for
that ,from children to older one and
from small business man to the owner of
big industrial houses , who do not want to have the blessing of
goddess lakshmi in his life . though goddess lakshmi has 1008 form
but her form as a dhan lakshmi is considered more important
by all of us, since,
till we have life
we cannot deny the
importance of finance .and this
is equally applicable to common
person to even yogies.
But this is also a
bitter truth that if one does not have
money than what is the use of festival to him.
But still he keeps some wish that
may be in this year..
But where the
luck changes merely
by thinking / believing?, and
that’s what we are continuously doing
from so many years but still standing on the same place . so we
do need to understand the value of sadhana..
And one more thing
that Sadgurudev used to say that if someone is suffering from the headache
and if that fellow advised to read medical book
to understand that , what Is the
use , means where one small tablets ..
if works … than ,, that will be more
useful .
Here my meaning is that
even studied a lot and is
not getting the job as he wants and all hi s/her efforts are failing and when
he has no other potion person
than look towards this sadhana field for
hope, and here also , if he has
been advised to go for big sadhana
and expensive prayog, than how he can do..
Is there any way??.
Why not there are
many simple but effective prayog
and that do not require for
any expensive thing or great
amount of time , but if you do and get successful than you can plan rest of your much better way with ease, but initially going for
big big/lengthy sadhana is not a
justifiable and wise step, one must accept the
ground reality of life
And here is the
prayog
Mantra ;
Kali kankali
Mahakali ,sukh sundar jiy byali ,chaar
veer bhirav chourasi ,bata tu
pujun paan mithayi ,ab bole kali ki
duhayi ||
General rules:
Follow the general rules applicable for
sadhana like sankalp , than
sadgurudev poojan ,guru mantra jap and
than this prayog,
No restriction on aasan, clothes’ color , but if possible than yellow will be
fine. this is the sabar prayog so
if possible than dhoop agar batti should be used .
Off course direction
will be east and time
for jap will be early
morning and you have to
do only 56 times reciting of this mantra daily , and do it
continuously till you get success, if you do this simple prayog so
with the blessing of Poojya Sadgurudev ji , you will
definitely get success to get
a job
you want.
****NPRU****
No comments:
Post a Comment