Tuesday, February 7, 2012

पूर्ण बाधा निवारक धूमावती नृसिंह प्रयोग(POORN BADHA NIVARAK DHOOMAVATI NRISINH PRAYOG)


व्यक्ति अपने जीवन काल मे विवध प्रकार की बाधाओ से ग्रस्त रहता है. चाहे वह धन सबंधी हो, ऐश्वर्य, आरोग्य, परिवार या किसी भी सन्दर्भ मे. ज्यादातर व्यक्ति अपनी समस्या का समाधान खोजने की कोशिश करते है और फिर कुछ ही समय मे समाधान की वजाय समस्या को ही अपना लेते है. इस प्रकार अनेक बाधा जीवन का भाग ही बन जाती है और व्यक्ति इस प्रकार के बोजिल जीवन को अपना लेना ही श्रेयकर समजता है. यह किसी भी प्रकार से उच्चित नहीं है. हमारी संस्कृति ने हमें घुटने टेकना नहीं सिखाया है. बल्कि हमें प्रकृति का ही आसरा ले कर के समस्याओ को दूर करना सिखाया गया है. विजयश्री का तिलक लगाना संजय गया है. लेकिन यह केसे संभव हो सकता है? हमारे देश की महान साधना प्रणाली मे व्यक्ति के हर एक समस्या का समाधान दिया हुआ ही है. देवी शक्तियो का आसरा ले कर अपने जीवन को योग्य दिशा मे गतिशील करना उसको संवारना हमारा हक़ है. हमारे पूर्वजो ने भले ही सामान्य जीवन को महत्व दिया है लेकिन न्यून जीवन को नहीं. व्यक्ति अपने जीवन मे आने वाली हर बाधा को पार करे तथा जीवन की रिक्तता को दूर कर पूर्णता को अंगीकार करे इसी लिए साधना मार्ग का प्रचलन हुआ था.
कई बार हम देखते है की परिवार मे अचानक से विविध प्रकार की बाधाए और समस्याए आने लगती है. चाहे वह परिवार मे मदभेद हो या रोगग्रस्त रहना हो या फिर शत्रुओ के षड्यंत्र हो. और जब एक का समाधान निकला जाता है तब अनेको समस्या वापस से सामने आ जाती है. इस प्रकार के वातावरण मे व्यक्ति का जीवन अत्यधिक दुखमय हो जाता है की आखिर इन समस्याओ का समाधान किस प्रकार से किया जाए. इस प्रकार की समस्याए सामने आने का कारण व्यक्ति के ग्रह दोष, वास्तु दोष, कर्म दोष तथा तंत्र प्रयोग भी हो सकता है. जब व्यक्ति इस प्रकार की समस्याओ से ग्रस्त हो जाए तो उसे देवी शक्ति का सहारा लेना ही चाहिए. जब हमारे पास हमारे हमारी साधनाओ की शक्ति है तो हम किसी भी प्रकार की बाधा को दूर कर ही सकते है. जरुरत है श्रद्धा की, विश्वास की और सदगुरुदेव मे समर्पण भावना की.
यह प्रयोग महाविद्या माँ धूमावती तथा नृसिंह देव का सायुज्ज प्रयोग है. देवी धूमावती नित्यकल्याणमई है. तथा अपने साधको को हमेशा अभीष्ट प्रदान करती है. साधको की बाधाओ का शमन कर उनका कल्याण करती है. दूसरी तरफ भगवान नृसिंह समस्त षड्यंत्रो का नाश कर साधको पर आई आफतो तथा जीवन की न्यूनता को दूर करते है. यह प्रयोग इस प्रकार अपने आप मे अत्यधिक महत्वपूर्ण प्रयोग है.
इस प्रयोग को साधक किसी भी दिन शुरू कर सकता है समय रात्री काल मे १० बजे के बाद का रहे. दिशा पूर्व रहे.
साधक को लाल वस्त्र धारण करने चाहिए. लाल आसान पर बैठना चाहिए. साधक अपने सामने देवी धूमावती तथा भगवन नृसिंह का चित्र स्थापित कर तेल का दीपक लगे तथा समस्त बाधाओं की निवृत्ति के लिए प्रार्थना करे. उसके बाद मूंगा माला से साधक निम्न मंत्र की २१ माला जाप करे.
धूं धूं समस्त बाधा निवारणाय सिंहमुखाय फट्
साधक यह क्रम ७ दिन तक करे उसके बाद माला को प्रवाहित कर दे. साधक को योग्य परिणाम साधना काल मे ही दिखने शुरू हो जाते है.
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People remains trapped in various obstacles during life. Rather it may be in relation of wealth, prosperity, health, family or in other relation. Majority of the people tries to find solution for the trouble but in very short span of time they adopt problem instead of seeking for solution. This way, many of the troubles and obstacles becomes part o the life and people take it granted to live with these troubles. This is not deserved in anyway. Our tradition does not teach us to compromise with troubles. Rather we have been taught to remove the troubles by taking the help of the nature. To win. But how it is possible? In our valuable tradition of the sadhana, solution related to every trouble has been mentioned. It is our right to take help from the divine power and modulate the life in the right and appropriate way. Our ancestors have given importance to the normal life but never for the life with troubles. Sadhana way was indicated with a reason that person may overcome trouble and obstacles and fulfil the deficiency in the life to achieve totality.
Many times we see that many troubles and problems start shooting all of a sudden in the family. It may be internal problem of the family or health related issues or it may be traps of the enemies. And when solution for the one problem is found then many other problem starts knocking the door. Such type of atmosphere makes the life sad of the related person that how these troubles could be removed. Reason behind such problems may be various dosha like grah dosha, vastu dosha, karm dosha and some time tantra prayoga also. When one is suffering from such situation, person should take the divine help. When we have powers of sadhana with us, we should be confident to remove every trouble. What basic thing needed is faith, trust and devotion toward sadgurudev.
This prayog is merged of mahavidya mother Dhoomavati and Lord Nrusimha. Goddess is always welfare provider. And always bliss her devotee with desired results. She bless by removing all the troubles. On other hand God Nrusimha removes all the traps & problems and removes the deficiencies in the life. This way, the given prayog is very important.
This prayog could be started on any day. Time should be after 10 in the night and direction should be east.
Sadhak should wear red cloth and sit on the red aasan. Sadhak should establish pictures of goddess Dhoomavati and God Nrusimha in front of him and should light lamp of the oil praying to remove all the obstacles troubles and problems of the life. After that one should chant 21 rounds of the following mantra with Munga Rosary.
Dhoom Dhoom samast Baadhaa Nivaaranaay SinhMukhaay Phat
sadhak should continue this process for 7 days after which the rosary should be dropped in river. Sadhak will start looking desired results in sadhana duration only.
   

                                                                                               
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2 comments:

  1. great,bahut hi achchhi sadhna aapne di hai.hum aapke shukraguzaar hain ke itni badhiya sadhna aapne hum gurubhaiyon ke saamne rakhi.HUM ARIF BHAI,RAGHUNAATH AUR ANURAG KUMAR GAUTAM JI KE HRADAY SE ATI ABHAARI HAIN JAI SADGURUDEV.

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