"राम लक्ष्मण सी जोड़ी हैं इन भाइयों की" अब आजकल कहाँ सुनने में आता हैं एक समय यह आशीर्वाद तो घर के अग्रज और वयो वृद्ध सभी को देते थे पर आज इस आधुनिकता ने पता नहीं कितने रिश्ते की गरिमा और स्नेह और आपसी सद्भाव की बलि ले ली हैं और जो कुछ रिश्ते अभी भी हैं वह भी धीरे धीरे अपन अस्तित्व वचाने केलिए सघर्ष रत हैं, . कहाँ और किसके पास समय हैंकि इन शब्दों के अर्थ में पड़े जब सभी अपना स्वार्थ ही पहले देख रहे हो तब ..
पर यह भी तो सच हैं की जीवन में परिवार में व्यतिगत ता में सामजिकता में अपने भाई का स्नेह और योगदान यदि लगातार मिलता जाए तो आजकल यह वरदान स्वरुप ही हैं, और यदि किसी कारण या अकारण वश भाई ही विरोध में खड़ा हो जाये तब आपकी परेशानी कई गुना बढ़ सकती हैं, यहाँ तक की यही भाइयों की आपस न मिलना घटना का परिणाम विभीषण का अपमान लकापति रावण के लिए ही कितना घातक बना, रावण की हार में विभीषण का कितना सहयोग रहा हमसभी जानते हैं ही.
पर साधना हमारे इस जीवन की प्रतिकूलता जैसे यदि भाई हमारा शत्रु हो गया हो तो अब से हमारे अनुकूल हो जाय और यदि अनु कूल होतो वह सदैव हमारे अनुकूल ही रहे इस हेतु कोई मार्ग दिखाती हैं???,,क्यों नहीं अनेको ऐसे प्रयोग हैं जो इस समस्या को बनने देते ही नहीं और आपका जीवन ज्यादा सुखमय और प्रसन्नता मय हर दृष्टी से हो जाता हैं.
एक बात सदैव ध्यानमे रखना चाहिए की साधना यदि बड़ी होगी और अनेक उसमे हो या कुछ कठिन विधान हो तभी फलदायक हो ऐसा कदापि नहीं हैं वस्तुतः हम सरल साधनाए ज्यादा मनोयोगता पूर्वक और ज्यदा सफलता पूर्वक कर सकते हैं और इन छोटी छोटी सफलता से उत्साहित होकर हम एक बड़ी छलांग भी लगा सकतेहै.
घर के एकांत कोने को पहले अच्छी तरह से साफ कर ले और संभव हो तो गोबर से लीप ले, और उस पर जब वह सुख जाए तो आटे से एक त्रिकोण बना ले फिर इसके बीच में अपने उस भाई का नाम लिखे जिसे आपको अपने अनुकूल करना हैं और फिर इस लिखे गए नाम पर सिदुर छिडके और इसी नामके ऊपर कम्बल का आसन बना कर बैठ जाये और प्रतिदिन 108 बार मंत्र जप करना हैं और संभव होतो घी से हवन भी भी. और जब तक आपके भाई से आपका पहले जैसे हार्दिक सम्बन्ध न हो जाये आप यह प्रयोग लगातार कर सकते हैं
मंत्र :
विनोन तप योग सरन्क्ता सतोप विषटांग
रक्त चन्दन लिप्तांगा भक्ताना च शुभ प्रदम,
****************************************************************************************
Thses brothers pair looks like Ram , Lakshman is very hard to listen in thses days ,due to growing materialization and modern society self centeredness many of the relation Is not as in original form/nature as it should be. , and many relation are in breathing his last . since when everyone is only looking /concern for his own and not having time for other than how thses relationship even between very close can flourish.
But its very easy understand that if one receive cooperation from his own brother than achieving success not only in professional world but in social and in personal life is quite easy. and if our own brother is creating problem for us than one can also imagine the problem he has to face in every aspect of life . its well known facts that the result or our come of brothers fight/ non co operation often produces worst .
But is there any way so that we can always enjoy the co operation from our own brothers or if our relation is not so good so that will be converted in very healthy one.??? Why not there are so many prayog that creates such an environment so developing chances of friction between brothers becomes very less.
One should always note down or remember this facts that if sadhana has some long duration or having some very difficult mantra or some very great procedure than only that will be more effective ,,no no there is no such rules. The real facts is , we can do simple and easier sadhana with much more ease and comforts. And slowly and slowly we can jump over for the big success in sadhana life too.
Thoroughly clean any one corner of your home where people least go. and also clean through cow dung .(gobar). When floor become dry , make a triangle (through flour / aata ) and in between that triangle , write down the your brother’s name than sprinkle sindur over that. And place your kambal aasan on that and sit down and daily you have to chant 108 times this mantra and if possible some hawan with ghee .till you experience co operation from your brothers.
Mantra :
Vinon tap yog sarankta satop vistaang
Rakt chandan liptaanga bhktana ch shubh pradm
****NPRU****
for our facebook group-http://www.facebook.com/groups/194963320549920/
2 comments:
Dear NRPU what material we have to use to write brothers name. flour or chandan
dear brother, you can use flour for writing brother name .
smile
Anu
Post a Comment