साधना जीवन का प्रारंभ ही था और सदगुरूदेव के साहचर्य में निरंतर साधनाओं के गूढ़ रहस्यों से परिचित होकर प्रयोग करने का आनंद ही अद्भुत था. परन्तु एक दुःख हमेशा मन को सालता रहता था की मैं हर शिविर में सम्मिलित नहीं हो पाता था और कई बार उस ज्ञान से वंचित रह जाना पड़ता जो की सदगुरूदेव उस शिविर में सम्बंधित साधना पक्ष के रहस्यों को उधेड़ने के लिए प्रवाहित करते . बालपन था और साथ में ही थी मासूमियत .इसी कारण कई बार मैं नादानी में सदगुरूदेव या वरिष्ठ गुरु भाइयों के समक्ष अपने कौतुहल को प्रश्नों के रूप में रखता . वरिष्ट गुरुभाई तो कई बार झुंझला जाते और उत्तर देने में आनाकानी करते पर सदगुरूदेव हमेशा प्रसन्नचित्त मन से मेरे कौतुहल को शांत करते . एक बार भी ऐसा नहीं हुआ जब मैंने अपनी जिज्ञासा उनके समक्ष रखी हो और उन्होंने उसे शांत न किया हो.
ऐसे ही एक बार जब मैंने जब सदगुरूदेव से ये कहा की सदगुरूदेव अर्थाभाव के कारण मैं प्रत्येक शिविर में भाग नहीं ले पाता हूँ और इस वजह से मैं उस बेशकीमती ज्ञान से वंचित रह जाता हूँ जो की आपने उस शिविर में प्रदान किया होता है .........
नहीं मेरे बेटे ऐसा नहीं है , मुझे भली-भांति ज्ञात है की धन की कमी या उसका आभाव जीवन के विविध सुखों से वंचित कर देता है . परन्तु मेरे शिष्यों को प्रगति पथ पर बढ़ने में ऐसी कोई बाधा न आये जिससे वो मुझ तक न पहुच पाए या फिर उन्हें किसी चीज को तरसना पड़े ...इसलिए मैं धन प्राप्ति और मनोकामना पूर्ती के लिए लगातार शिविरों में प्रयोग करवाता रहता हूँ –सदगुरूदेव ने कहा .
परन्तु हे मेरे प्राणाधार मैंने पुरानी पत्रिका और पुस्तकों को भी देखा है मुझे कुछ समझ ही नहीं आ पाया की मैं कौन सा प्रयोग करूँ जिससे मुझे अर्थाभाव के कारण आपके अनमोल साहचर्य से वंचित न रहना पड़े .... और ये कहकर मैं रोने लगा .
गुरुदेव ने मेरे सर पर हाथ फेरते हुए कहा की – ऐसे बहुत से प्रयोग हैं . परन्तु एक ऐसा भी प्रयोग है जिसे मैंने कई बार परखा है और हमेशा इसे उतना ही प्रभावकारी पाया है . इस प्रयोग के प्रभाव से १-२ दिन नहीं बल्कि ३० दिनों तक निरंतर धन मिलता रहता है . अन्य साधनाओं का क्रम लंबा होता है और स्थायित्व के लिए क्रियाएँ भी जटिल होती हैं . अतः ये समय उचित नहीं है . देख आने वाले समय में बहुत से शिविर होने वाले हैं और उनमे बहुतेरे रहस्य प्रकट होंगे जो अभी तक अत्यधिक गुप्त रखे गए थे. और मैं चाहता हूँ की मेरा प्रत्येक शिष्य उसमे भाग ले और जीवन को पूर्णता दे . ये ज्ञान आगे दुबारा नहीं मिल पायेगा ,क्यूंकि किसी एक ज्ञान तक ही मैं सीमित नहीं रखना चाहता हूँ अपने शिष्यों को. अभी तू समयानुरूप उसी साधना को कर ले उस साधना को मैंने कई साल पहले शिविर में करवाया था. और जिसने भी इस प्रयोग को किया भले ही थोड़ी बहुत त्रुटि हुयी हो तब भी इसका फल मिलता ही है .
क्या मुझे इसका पूर्ण विवेचन मिल जायेगा – मैंने आंखे नीचे किये हुए सकुचाकर कहा.
क्यों नहीं – सदगुरूदेव ने मुस्कुराकर कहा और तुरंत ही एक सेवक को बुलाकर एक कैसेट लाने के लिए कहा.
थोड़ी ही देर में मेरे हाथों में वो कैसेट था . और घर पहुंचकर मैं सीधे अपने कमरे में जाकर उस कैसेट को सुनते हते आत्मसात करने लगा . कितने सरल शब्दों में सदगुरूदेव ने रहस्यों का अनावरण किया था .
उचित समय पर मैंने सदगुरूदेव द्वारा विवेचित प्रयोग को संपन्न किया. रात्रिकालीन इक दिवसीय उस साधना में अनुभव जैसा कुछ था ही नहीं क्यूंकि आपको उसके क्रम को ही संपन्न करने से फुरसत नहीं मिलेगी. बस उस क्रम को निर्धारित समय में पूर्ण करना ही लक्ष्य था . और आखिर उसे पूरा कर ही लिया.
इतना थक चूका था मैं की वहां बैठे बैठे ही सो गया . अब इंतज़ार था तो सुबह का ............
दोपहर हुए फिर शाम भी..... अभी तक तो कुछ नहीं हुआ था, परन्तु कोई संदेह भी नहीं था मष्तिष्क में . इतना कुछ देख लिया था सदगुरूदेव के साहचर्य में की संदेह का तो सवाल ही पैदा नहीं होता. शाम तो बीती पर रात नहीं बीत पाई .धन मिला और इतना मिला जो की उस समय मेरे लिए तो बहुत था . और ये क्रम चलता रहा पूरे एक माह तक , हाँ ये अलग बात थी की प्रभाव-शक्ति नित्य घट रही थी और घट रही थी नोटों की संख्या भी (हा हा हा हा ) पर ये तो सदगुरूदेव ने पहले ही बता दिया था की साधना का प्रभाव दिन ब दिन कम होता जाता है .और धन राशि भी . पर ये सत्य है की धन तो मिलता है चाहे माध्यम कोई भी हो. मुझे भी मिला और एक बार नहीं बल्कि दो बार मैंने साधना की और दो माह तक ऐसा होता रहा . मुझे शिविर के लिए जरुरत थी और शिविर जाये बिना मैं रह नहीं सकता था,एक अजीब सा जूनून रहता था सदगुरूदेव से मिलने के लिए. मैं विद्यार्थी था ,घर से पैसे मिले ऐसा हमेशा संभव नहीं हो पाता था. पर इस प्रयोग के बाद मेरे शिविर जाने के लिए घर पर निर्भरता खत्म हो गयी थी .
खैर प्रयोग के बाद जब पहली बार शिविर गया तो मैंने सभी प्रयोगों में भाग लिया . शिविर के मध्य सत्र समाप्ति पर जब मैं सदगुरूदेव से मिलने गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा की –अब तो तुझे कोई चिंता नहीं है ना.
सिवाय अश्रु भरे नयनों के मेरे पास कोई जवाब ही नहीं था.
भले ही उसके बाद मैंने कई धन प्राप्ति के और आर्थिक उन्नति से सम्बंधित प्रयोगों को किया. पर जितनी बेफिक्री उस प्रयोग से मुझे मिली थी उसे शब्दों में बताना मेरे वश में ही नहीं है. सदगुरूदेव द्वारा बताये गए, लिखे गए सभी प्रयोग अद्भुत प्रभाव युक्त हैं . इसलिए क्यूंकि प्राणों का मंथन कर उन्होंने इन प्रयोगों को अपना ज्ञान बल व आशीर्वाद दिया हुआ होता है.एक भी ऐसा प्रयोग मैंने नहीं देखा जो उन्होंने निर्देशित किया हो और वो असफल हुआ हो. विविध गूढ़ तंत्र-शास्त्रों का मैंने गहराई के साथ अध्यन किया है. उनमे वर्णित सूत्र होते हैं और न ही सही मन्त्र विधि .
परन्तु जो भी प्रयोग सदगुरूदेव प्रदत्त या लिखित मैंने किये उनमे पूर्ण लाभ मिले ही मिले.
खैर जिस प्रयोग का मैंने उल्लेख किया है वो पूरा प्रयोग “श्रीं बीज साधना” के नाम से कैसेट में है . और आज भी गुरुधाम में प्राप्त है. मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूँ की इस कैसेट को अपने तथा अपने वंशजों के लिए सुरक्षित रखें और आप जब तक इस प्रयोग को संपन्न करें और खुद इसका प्रभाव भी देखें. सिर्फ पढ़ें नहीं बल्कि करके सत्यता देखें. मैंने पाया है आप भी प्राप्त करं् और भाग्य को सराहे की आज भी ये ज्ञान सुरक्षित है. आशा करता हूँ की ललक कर आप इन साधनाओं को अपनाएंगे और जीवन की कमियों को न सिर्फ दूर करेंगे बल्कि पूर्णता भी प्राप्त करेंगे. है ना........
(सिर्फ मैं ही क्यों आप सभी अपने साधनात्मक अनुभव व विवरण लिखें. ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है . मैंने साधनात्मक अनुभव के लिए कहा है न की दैनिक जीवन में अनुभव के लिए क्योंकि सदगुरूदेव से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में चमत्कार होता रहता है.पर हमारा उद्देश्य साधनाओं के जगत में अन्य गुरु भाइयों का अनुभव जानना भी है और प्रेरित करना भी. मैं जिन भी साधनाओं के बारे में या क्रियाओं के बारे में बताता या लिखता हूँ उन प्रयोगों की सत्यता के प्रमाण मेरे पास होते हैं यहाँ संयोग नहीं प्रमाण को आधार माना जाता है और साधनाओं की प्रमाणिकता को सबके सामने रखना ही तो सिद्धाश्रम साधक परिवार की स्थापना का लक्ष्य है)
****ARIF****
ऐसे ही एक बार जब मैंने जब सदगुरूदेव से ये कहा की सदगुरूदेव अर्थाभाव के कारण मैं प्रत्येक शिविर में भाग नहीं ले पाता हूँ और इस वजह से मैं उस बेशकीमती ज्ञान से वंचित रह जाता हूँ जो की आपने उस शिविर में प्रदान किया होता है .........
नहीं मेरे बेटे ऐसा नहीं है , मुझे भली-भांति ज्ञात है की धन की कमी या उसका आभाव जीवन के विविध सुखों से वंचित कर देता है . परन्तु मेरे शिष्यों को प्रगति पथ पर बढ़ने में ऐसी कोई बाधा न आये जिससे वो मुझ तक न पहुच पाए या फिर उन्हें किसी चीज को तरसना पड़े ...इसलिए मैं धन प्राप्ति और मनोकामना पूर्ती के लिए लगातार शिविरों में प्रयोग करवाता रहता हूँ –सदगुरूदेव ने कहा .
परन्तु हे मेरे प्राणाधार मैंने पुरानी पत्रिका और पुस्तकों को भी देखा है मुझे कुछ समझ ही नहीं आ पाया की मैं कौन सा प्रयोग करूँ जिससे मुझे अर्थाभाव के कारण आपके अनमोल साहचर्य से वंचित न रहना पड़े .... और ये कहकर मैं रोने लगा .
गुरुदेव ने मेरे सर पर हाथ फेरते हुए कहा की – ऐसे बहुत से प्रयोग हैं . परन्तु एक ऐसा भी प्रयोग है जिसे मैंने कई बार परखा है और हमेशा इसे उतना ही प्रभावकारी पाया है . इस प्रयोग के प्रभाव से १-२ दिन नहीं बल्कि ३० दिनों तक निरंतर धन मिलता रहता है . अन्य साधनाओं का क्रम लंबा होता है और स्थायित्व के लिए क्रियाएँ भी जटिल होती हैं . अतः ये समय उचित नहीं है . देख आने वाले समय में बहुत से शिविर होने वाले हैं और उनमे बहुतेरे रहस्य प्रकट होंगे जो अभी तक अत्यधिक गुप्त रखे गए थे. और मैं चाहता हूँ की मेरा प्रत्येक शिष्य उसमे भाग ले और जीवन को पूर्णता दे . ये ज्ञान आगे दुबारा नहीं मिल पायेगा ,क्यूंकि किसी एक ज्ञान तक ही मैं सीमित नहीं रखना चाहता हूँ अपने शिष्यों को. अभी तू समयानुरूप उसी साधना को कर ले उस साधना को मैंने कई साल पहले शिविर में करवाया था. और जिसने भी इस प्रयोग को किया भले ही थोड़ी बहुत त्रुटि हुयी हो तब भी इसका फल मिलता ही है .
क्या मुझे इसका पूर्ण विवेचन मिल जायेगा – मैंने आंखे नीचे किये हुए सकुचाकर कहा.
क्यों नहीं – सदगुरूदेव ने मुस्कुराकर कहा और तुरंत ही एक सेवक को बुलाकर एक कैसेट लाने के लिए कहा.
थोड़ी ही देर में मेरे हाथों में वो कैसेट था . और घर पहुंचकर मैं सीधे अपने कमरे में जाकर उस कैसेट को सुनते हते आत्मसात करने लगा . कितने सरल शब्दों में सदगुरूदेव ने रहस्यों का अनावरण किया था .
उचित समय पर मैंने सदगुरूदेव द्वारा विवेचित प्रयोग को संपन्न किया. रात्रिकालीन इक दिवसीय उस साधना में अनुभव जैसा कुछ था ही नहीं क्यूंकि आपको उसके क्रम को ही संपन्न करने से फुरसत नहीं मिलेगी. बस उस क्रम को निर्धारित समय में पूर्ण करना ही लक्ष्य था . और आखिर उसे पूरा कर ही लिया.
इतना थक चूका था मैं की वहां बैठे बैठे ही सो गया . अब इंतज़ार था तो सुबह का ............
दोपहर हुए फिर शाम भी..... अभी तक तो कुछ नहीं हुआ था, परन्तु कोई संदेह भी नहीं था मष्तिष्क में . इतना कुछ देख लिया था सदगुरूदेव के साहचर्य में की संदेह का तो सवाल ही पैदा नहीं होता. शाम तो बीती पर रात नहीं बीत पाई .धन मिला और इतना मिला जो की उस समय मेरे लिए तो बहुत था . और ये क्रम चलता रहा पूरे एक माह तक , हाँ ये अलग बात थी की प्रभाव-शक्ति नित्य घट रही थी और घट रही थी नोटों की संख्या भी (हा हा हा हा ) पर ये तो सदगुरूदेव ने पहले ही बता दिया था की साधना का प्रभाव दिन ब दिन कम होता जाता है .और धन राशि भी . पर ये सत्य है की धन तो मिलता है चाहे माध्यम कोई भी हो. मुझे भी मिला और एक बार नहीं बल्कि दो बार मैंने साधना की और दो माह तक ऐसा होता रहा . मुझे शिविर के लिए जरुरत थी और शिविर जाये बिना मैं रह नहीं सकता था,एक अजीब सा जूनून रहता था सदगुरूदेव से मिलने के लिए. मैं विद्यार्थी था ,घर से पैसे मिले ऐसा हमेशा संभव नहीं हो पाता था. पर इस प्रयोग के बाद मेरे शिविर जाने के लिए घर पर निर्भरता खत्म हो गयी थी .
खैर प्रयोग के बाद जब पहली बार शिविर गया तो मैंने सभी प्रयोगों में भाग लिया . शिविर के मध्य सत्र समाप्ति पर जब मैं सदगुरूदेव से मिलने गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा की –अब तो तुझे कोई चिंता नहीं है ना.
सिवाय अश्रु भरे नयनों के मेरे पास कोई जवाब ही नहीं था.
भले ही उसके बाद मैंने कई धन प्राप्ति के और आर्थिक उन्नति से सम्बंधित प्रयोगों को किया. पर जितनी बेफिक्री उस प्रयोग से मुझे मिली थी उसे शब्दों में बताना मेरे वश में ही नहीं है. सदगुरूदेव द्वारा बताये गए, लिखे गए सभी प्रयोग अद्भुत प्रभाव युक्त हैं . इसलिए क्यूंकि प्राणों का मंथन कर उन्होंने इन प्रयोगों को अपना ज्ञान बल व आशीर्वाद दिया हुआ होता है.एक भी ऐसा प्रयोग मैंने नहीं देखा जो उन्होंने निर्देशित किया हो और वो असफल हुआ हो. विविध गूढ़ तंत्र-शास्त्रों का मैंने गहराई के साथ अध्यन किया है. उनमे वर्णित सूत्र होते हैं और न ही सही मन्त्र विधि .
परन्तु जो भी प्रयोग सदगुरूदेव प्रदत्त या लिखित मैंने किये उनमे पूर्ण लाभ मिले ही मिले.
खैर जिस प्रयोग का मैंने उल्लेख किया है वो पूरा प्रयोग “श्रीं बीज साधना” के नाम से कैसेट में है . और आज भी गुरुधाम में प्राप्त है. मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूँ की इस कैसेट को अपने तथा अपने वंशजों के लिए सुरक्षित रखें और आप जब तक इस प्रयोग को संपन्न करें और खुद इसका प्रभाव भी देखें. सिर्फ पढ़ें नहीं बल्कि करके सत्यता देखें. मैंने पाया है आप भी प्राप्त करं् और भाग्य को सराहे की आज भी ये ज्ञान सुरक्षित है. आशा करता हूँ की ललक कर आप इन साधनाओं को अपनाएंगे और जीवन की कमियों को न सिर्फ दूर करेंगे बल्कि पूर्णता भी प्राप्त करेंगे. है ना........
(सिर्फ मैं ही क्यों आप सभी अपने साधनात्मक अनुभव व विवरण लिखें. ये हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी है . मैंने साधनात्मक अनुभव के लिए कहा है न की दैनिक जीवन में अनुभव के लिए क्योंकि सदगुरूदेव से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में चमत्कार होता रहता है.पर हमारा उद्देश्य साधनाओं के जगत में अन्य गुरु भाइयों का अनुभव जानना भी है और प्रेरित करना भी. मैं जिन भी साधनाओं के बारे में या क्रियाओं के बारे में बताता या लिखता हूँ उन प्रयोगों की सत्यता के प्रमाण मेरे पास होते हैं यहाँ संयोग नहीं प्रमाण को आधार माना जाता है और साधनाओं की प्रमाणिकता को सबके सामने रखना ही तो सिद्धाश्रम साधक परिवार की स्थापना का लक्ष्य है)
****ARIF****
5 comments:
Jai Gurudev
Bhaiaji you are doing a great job i wonder how you manage all of your work ! along with blog writing. From where energy comes.
If possible i would like to live with you under ur guidence for sometime to enhance my spiritual power.
thanks Mohinder
अगर आपको "श्रीं बीज साधना" की CD चाहिए तो आप कृपया गुरुधाम जोधपुर (राजस्थान)
से संपर्क करे .
Jodhpur Gurudham at Jodhpur, India:
Narayan Mantra Sadhana Vigyan,
Dr. Shrimali Marg,
High Court Colony,
Jodhpur 342001, Rajasthan, India
phone no.: (0291)-2433623/2432209
(0291 is STD code for Jodhpur)
@Sachin ji- gurudham jodhpur mein kleem-beej sadhana ki cd toh hai per shreem-beej sadhana ki cd nahi hai......wahan ke gurubhai bata rahe the ki ab shreem beej sadhana ki cd nahi banatee[i called them on 30th may 2011].........please help, i want to do that sadhana..please please help
अगर आपको "श्रीं बीज मंत्र " का सही उच्चारण करना है तो यह विडियो देखे
http://www.youtube.com/watch?v=Uq370TY_RkM
और श्रीं बीज मंत्र साधना के अनुभव जानने हेतु यहाँ विसिट करे
http://shreemarakara.wordpress.com/2011/04/24/our-shreem-brzee-group-wealth-chanting-session-returns-30-april-2011-9-am-to-5-pm-singapore-%E2%80%93-all-are-welcome/
T.P. bhai Jai Gurudev.. Shreem Beej Sadhna ki C.D. ab "Shree Mahalakshi Sadhna" k nam se aati hai.. Delhi Siddhashram se be prapt kar skte hain..
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