“Tantra does not run according to
expectation of fools”
“Tantra is not the battle-ground for
cowards”
“If you are not resolute towards words
uttered by you or resolution taken by you, then Tantra will not permit you to
experience it”
“ I
GET WHAT I WANT “
These principles
are my life…….because the day I stepped in to field of Tantra , it was not
grand welcome by Master rather he told me the above things and gave me two
alternatives-
1.
I could have walked out of room, where there was everything which a person need
for a comfortable life.
2.
I could have sat there and given the acceptance that I will try my level best
to follow these principles in life……and I did the same.
And the decision taken by me in that
moment is today writing a golden chapter in my life. My Master has made me do
not the high level sadhnas but the highest level sadhnas and he is still making
me do but one such sadhna after doing which nothing is left…………Is there any
such padhati. Master only smiled and told “There
is no place of Impossible in Tantra….”
And one day Master gave me one such
prayog after doing which I am still as much amazed as I was that time when I
saw results of that prayog getting fructified and that fructification still persists
That Unfailing Vidhaan and My
experience
Master while telling me this Vidhaan
told that it is one such unfailing Vidhaan in field of Tantra which if done
successfully can make person’s life Dev-like wealthier, prosperous and complete
in all respects. And in order to test the prayog, I did the prayog with this
intention that money in my BANK ACCOUNT does not fall even one rupee below one
fixed amount (which was amounting to Lakhs that time) and it has been happening
in last 3 years.
I am working in
one MULTI NATIONAL company at very high post but when I did the prayog then I
did not had this job. But Sadgurudev know that within one year from doing the
prayog, every-year I got the new opportunities and the amount fixed by me came
into my account. For example, in the first year I was completely free, I was
not having any job, nearly one year was about to pass by when I had done the
prayog then suddenly one day I got offer from NEWZEALAND
UNIVERSITY to teach ONLINE
IELTS and I got fixed amount in advance which was same what I
desired. Every year something or the other will happen before the end of prayog
that even after taking money out of account, my account howsoever still had
that money which I fixed while doing prayog for the first time.
This was my
experience but if any brother and sister want to do this prayog then-
1. He/she can get
riddance from any type of inner disease.
2. Unlimited
wealth is attained.
3. Those brothers and sisters who are facing unemployment-related problems,
they can get desired job.
4. doing this prayog can also provide children.
And the list goes on…..There is
nothing which cannot be attained by doing this one prayog
For doing this prayog just you need is
Praan-Pratishtith Shri Yantra made from Sanskarit Parad (Parad purified by
doing sanskars)
This prayog can be
done on 16 December or New Year. Therefore those brothers and sisters who also
want to do this prayog, they should arrange for Praan-Pratishtith
Shri Yantra made from Sanskarit Parad.
“Nikhil Pranaam”
“ तंत्र मूर्खों की अपेक्षाओं पर नहीं चलता “
“
तंत्र कायरों की रणभूमि नहीं है “
“
यदि तुमने अपने कहे शब्दों और अपने संकल्प के प्रति दृढ नहीं हो, तो तंत्र तुम्हे
खुद की अनुभूत करने की अनुमति नहीं देगा “
“ I GET WHAT I WANT “
ये सूत्र मेरे जीवन की धरोहर हैं.....क्योंकि जिस दिन मैंने
तंत्र के क्षेत्र में पैर रखा था तो मास्टर ने मेरा कोई भव्य स्वागत नहीं किया था,
अपितु मुझे अपने सामने बिठा कर ये बाते कहीं थी और साथ ही साथ दो विकल्प दिए थे –
1.
मैं उस कमरे से
उठकर बाहर जा सकती थी, जहाँ वो सब था जो एक अच्छा जीवन जीने के लिए किसी भी
व्यक्ति को चाहिए होता है.
2.
मैं वहां बैठी रहकर इस बात की स्वीकृति दे सकती थी की मैं
उनके द्वारा बताए गए हर सूत्र को अपने जीवन में उतरने की अपने स्तर पर पूरी कोशिश
करूंगी.....और मैंने यही किया
और मेरा एक पल में लिया गया वो निर्णय आज मेरे जीवन का
स्वर्णिम अध्याय लिख रहा है. मेरे मास्टर ने मुझे उच्च नहीं उच्चतम साधनाएं करवाई
हैं और करवा भी रहे हैं पर एक ऐसी साधना या क्रिया जिसे करने के बाद कुछ शेष ना रह
जाए......क्या ऐसी कोई पद्धति होती है. मास्टर सुनकर सिर्फ मुस्कुराए और बोले “ तंत्र मैं असंभव का कोई स्थान नहीं हैं..... “
और एक दिन मास्टर ने मुझे एक ऐसा प्रयोग दिया जिसे सम्पन्न
करने के बाद से आज तक मैं उतनी ही हैरान हूँ, जितनी उस समय हुई थी जब मैंने उस
प्रयोग के नतीजे को सार्थक होते हुए देखा था और वो सार्थकता ज्यों की त्यों आज तक
कायम है.
वो अचूक विधान और मेरा अनुभव
मास्टर ने इस विधान को समझाते हुए बताया था की तंत्र के
क्षेत्र में यह एक ऐसा अचूक विधान है जिसे अगर सफलतापूर्वक कर लिया जाए तो एक
साधारण व्यक्ति का जीवन देव तुल्य धन, धान्य, वैभवशाली और हर दृष्टि से सम्पूर्ण
हो सकता है और तब उस प्रयोग को परखने के लिए प्रयोग को मैंने इस मंशा से सम्पूर्ण
किया कि मेरे BANK ACCOUNT एक नियत राशि ( उस समय
के हिसाब से मैंने लाखों में सोची थी ) से कभी भी एक रुपया कम ना हो और पिछले 3 सालों से ऐसा हो भी रहा है.
मैं एक MULTI NATIONAL कम्पनी में एक ऊँचे पद पर आसीन हूँ , पर जब मैंने ये
प्रयोग किया था तब मेरे पास ये जॉब नहीं थी, पर सदगुरुदेव जानते हैं प्रयोग को
किये हुए एक साल पूरा होने से पहले ही मुझे हर साल कहीं ना कहीं से नए – नए अवसर
मिलते और मेरे खाते में मेरे द्वारा नियत राशि आ जाती.....जैसे पहले साल मैं
बिलकुल फ्री थी, कोई जॉब नहीं थीं मेरे पास, प्रयोग को किये हुए लगभग एक साल होने
वाला था कि एक दिन अचानक NEWZEALAND UNIVERSITY से ONLINE IELTS पढ़ाने की ओफर आ गयी और
अडवांस में मुझे एक निश्चित राशि भी प्राप्त हुई जो उतनी ही थी जितनी मैंने चाही
थी और हर साल प्रयोग की समाप्ति तक कुछ ना कुछ ऐसा होता ही है कि खाते से पैसे
निकालने के बाद भी उस में उतनी राशि कैसे भी करके रहती ही है जो मैंने पहली बार
प्रयोग सम्पन्न करते समय बोली थी.
ये तो था मेरा अनुभव पर आप में से यदि कोई भी भाई बहिन इस
प्रयोग को करता है तो-
1.
वो किसी भी किस्म के आंतरिक रोग से मुक्त हो सकता है.
2.
असीम धन की प्राप्ति होती है.
3.
जिन भाई बहनों को नौकरी की दिक्कत है उन्हें मनचाही नौकरी
मिलती ही है.
4.
इस प्रयोग को करने से सन्तान प्राप्ति होती है.
अब कितना लिखूं कुछ भी तो ऐसा नहीं है जो इस एक प्रयोग को
करने के बाद आपको ना मिले....
बस
इस प्रयोग को करने के लिए आपके पास संस्कारित पारद से निर्मित
प्राण प्रतिष्ठित श्री यंत्र होना चाहिए.
इस प्रयोग को 16 december या नव वर्ष पर किया जा सकता है,
इसीलिए यदि आप में से जो भाई बहिन भी इस प्रयोग को सम्पन्न करना चाहते हैं वो
सामग्री के नाम पर केवल पारद से निर्मित प्राण प्रतिष्ठित श्री यंत्र की व्यवस्था कर लें.
“निखिल प्रणाम”
****ROZY
NIKHIL****
****NPRU****
5 comments:
but prayog kya kerna hai??
दीदी, आप कृपा करके प्रयोग भी बताने की कृपा करें । एक चीज और ... मेरे पास गुरूधाम से मंगाया हुआ एक पारद श्रीयंत्र तो है पर मुझे ये पता नहीं है कि वो संस्कारित पारद है या नहीं ... आप कृपया करके थोडा सा मार्गदर्शन कर दें तो मेहरबानी होगी ...
sanskarit shree yantra kaha se prapt hoga plz ye bataye.
yah shiv ling lani ki liyi kitni rashi dani hi
Didi. Prayog kya krana hai. Batane ki kripa kare vo bhi samay rahtye kyoki disambar suru ho raha hai.
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