जय सदगुरुदेव, /\
स्नेही स्वजन !
बहुत दिनों से इस कार्य को गति देने कि
प्रयास था किन्तु कुछ कामों में उलझे रहने के कारण कर ही नहीं पा रही थी किन्तु
ऐंसा धर्म शास्त्रों का कथन है कि हजार कार्य छोड़कर भी गुरु कार्य को प्राथमिकता
देनी चाहिए किन्तु मेरी मजबूरियां थी अतः हे गुरुवर मुझे क्षमा करें इस देरी हेतु
/\
इस अकिंचन पर कृपा करें और सामर्थ्य
प्रदान करें कि आपके द्वारा मुझे प्रदत्त कार्य को गति दे सकूँ |
भाइयो , वर्तमान में सदगुरुदेव से
सम्बंधित चीजें अधिकांशतः नेट पर है , उन दिव्य विभूति के बारे में मै भी बयां कर
सकूँ इतना सामर्थ्य मेरा नहीं है लेकिन गुरु आदेश है, तो कार्य आगे बढ़ाना हि है
अतः शुरुआत तो करना ही है तो ---जय सदगुरुदेव /\
परम हंस स्वामी निख्लेश्वरानंदजी महाराज
(डा. नारायण दत्त श्रीमाली जी)
एक अकेला
व्यक्तित्व, जो समस्त साधना शक्तियों को समेटे हुए हैं
लाखों
करोड़ों के मार्गदर्शक, हिमालायवतविराट व्यक्तित्व, साधनाओं के मसीहा, सागर जैसी
गहराई, मन्त्र सृष्टा योगी, सिद्धाश्रम के आधारभूत आयुर्वेद, रसायन विज्ञान और
सूर्य विज्ञान जैसी गुप्त विधाओं को पूर्ण प्रमाणिकता के साथ जीवन्त करने वाले
अनन्यतम योगी, तंत्र, मन्त्र और यंत्र के साथ साबर साधनाओं का मसीहा |
वो
साधनाए जो कभी भारत में विलुप्त हो गयीं थी उनको न केवल प्रकाश में लाये अपितु
उनके अनेक आचार्य बना डाले –
परकाया
प्रवेश ,हादी विद्या, कादी विद्या, मदालसा सिद्धि वायुगमन सिद्धि, कनक धारा सिद्धि,
सूर्य विज्ञान मृत संजीवनी विद्या आदि .... इसके अलावा अनेक सन्यासी और तंत्र के
आचार्यों को प्रकाशित करने वाले भी आप ही थे |
“मुझे अत्यधिक ख़ुशी है और गौरान्वित हूँ कि मै आपकी शिष्य हूँ और आपके
स्नेह की पात्र बनी...”
मुझे
पता है अनेकों के मन में सवाल उठ रहे होंगे कि अचानक सदगुरुदेव का परिचय क्यों
? तो उत्तर ये कि अभी वर्तमान में कुछ नए
लोग हमारे ब्लॉग और ग्रुप से जुड़े हैं जिन्हें नहीं पता उनके लिए है इसलिए समय समय
पर ये अपडेट भी जरुरी है J
आज
होली के इस शुभ अवसर पर कुछ श्रंखला प्रारम्भ कर रही हूँ जैसे ब्लॉग पे आवाहन चालू
किया गया था.. इसमें मेरी साधना यात्रा और अनुभव के कुछ सुनहरे पल के साथ आपके लिए
कुछ नयी साधना प्रयोग भी होंगे |
क्रमशः
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***रजनी निखिल***
*** NPRU***
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