Make small balls of wheat flour on Friday. After that write “SHREEM” by
saffron on it by silver or pomegranate pencil. Make at least 7 such balls.
Maximum any number of balls can be made. If after writing “SHREEM”, it is not
properly visible or if saffron spreads, then there is no point to worry. Balls
should be small; size of them should not be more than that of gram. After that
go to pond or river and feed the fishes by them. By doing like this, one
attains the blessing of Maha Lakshmi and sadhak gets rid of financial problems.
On any Poornima day, bring one coconut. Make Swastik on it by
vermillion. After that wrap this coconut with red cloth and rotate it in the
whole house. After that, go to banks of any river or ocean and take off your
shoes/slippers. This procedure has to be done barefooted. Pray to Lord Vishnu
for removing ill-fortune and establishing peace and happiness in family,
mentally recite omnamobhagawatevaasudevaay11 times and immerse the coconut. There is
increase in peace and happiness in home by doing it.
On any Wednesday
night or on the first day of Shukl Paksha, take root of jasmine or piece of it.
At the time of sunset, offer dhoop and do its poojan. Afterpoojan, sadhak
should sit facing North direction without clothes and reciteomvashamaanayphat 108 times without using any rosary. This procedure can be done anywhere but during
mantra Jap, sadhak should not be seen by anyone. After doing this procedure,
sadhak should wear this piece by binding it in thread and by putting it inside
amulet. Person should wear it up till morning. In Morning sadhak should take
that piece out of amulet or untie that bounded piece, take honey in one
container and drown that amulet in it.After that throw away the honey and
immerse the amulet or root in river, pond or ocean. Obstacles related to
enemies are resolved by doing it and even hard-heart enemy takes step towards
becoming friend.
On any Sunday
Morning, at the time of sunrise, fill up one bowl with pure water. Now sadhak
should sit under sunlight and reciteomhreemsuryaayNamah108
times. There is no Vidhaan of any rosary, aasan or dress. Direction should be
east. Sadhak should do the mantra Jap while looking at his own shadow in the
container. After it, mentally pray to Lord Sun for your progress and offer that
water to any tree or plant. Sadhak attains progress in all respects.
On any
auspicious day, take one leave of peepal tree and put it in front of you. Write
“HREEM” on it by vermillion. After it, put one supaari on that Hreem beej. After
it, sadhak should mentally chant Hreem as much as possible, at least it should
be chanted 108 times .After it sadhak should place that leaf and supaari in any
uninhibited place or immerse it.Sadhak gets solution to problems which he is
facing or unknown apprehension.
================================================शुक्रवार
के दिन आटे की छोटी छोटी गोलियाँ बनायी जाए, उसके बाद उन गोलियों पर केसर से ‘श्रीं’ चांदी
की कलम से या अनार की कलम से लिखे. एसी कम से कम ७ गोलियों को बनाए. ज्यादा कितनी
भी बनाई जा सकती है. ‘श्रीं’ लिखने के बाद अगर वह अच्छे से दिखाई नहीं देता या फिर केसर फ़ैल जाए तो
चिंता की बात नहीं है. गोलीयाँ छोटी हो, चने के आकार से बड़ी ना हो. फिर इन गोलियों
को किसी तालाब या नदी पर जा कर मछलियों को खिला दे. इस प्रकार करने पर महालक्ष्मी
की कृपा प्राप्त होती है और साधक की धन सबंधित समस्याओ का निराकरण होता है.
किसी भी
पूर्णिमा के दिन एक नारियल को लिया जाए, उस पर कुमकुम से स्वस्तिक का निर्माण करना
चाहिए. इसके बाद उस नारियल को लाल वस्त्र में लपेट कर पुरे घर में घुमाएँ. इसके
बाद इस नारियल को ले कर नदी या समुन्दर किनारे ले कर जाए और अपने जूते चप्पल उतार
दे, यह क्रिया नंगे पाँव होनी चाहिए. अपने दुर्भाग्य की निवृति के लिए या घर में
सुख शांति के लिए मन ही मन भगवान विष्णु को प्रार्थना कर ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ (om namo bhagawate vaasudevaay) का मन ही मन ११ बार उच्चारण कर के उस नारियल को प्रवाहित कर
दे. इससे घर में सुख शांति की वृद्धि होती है.
किसी भी
बुधवार की रात्री में या शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को चमेली की जड़ या उसका एक टुकड़ा
ले. सुर्यस्स्त के समय उसको घूप दे कर उसका पूजन करे. पूजन के बाद साधक उत्तर दिशा
की तरफ मुख कर के बैठ जाए तथा निर्वस्त्र हो कर उसके सामने बिना किसी माला के ‘ॐ वशमानय फट’ (om vashamaanay
phat) का १०८
बार उच्चारण करे. यह क्रिया कहीं पर भी की जा सकती है लेकिन मंत्र जाप के समय किसी
की नज़र साधक पर न पड़े. यह क्रिया कर लेने पर साधक को वह टुकड़ा किसी धागे में बांध
कर या तावीज़ में भर का पहन लेना चाहिए. सुबह तक उसे धारण करना चाहिए. सुबह तावीज़
को निकाल कर या बांधे हुवे टुकड़े को खोल कर किसी पात्र में शहद ले कर उसमे वह
तावीज़ डुबो दे. उसके बाद शहद को फेंक दे और तावीज़ को या जड़ को नदी, तालाब, समुन्दर
में विसर्जित कर दे. इससे शत्रुबाधा का निराकरण हो जाता है और कठोर ह्रदय शत्रु भी
वश हो कर मित्रता के लिए हाथ बढ़ा देता है.
किसी भी
रविवार के दिन प्रातः सूर्योदय के समय एक कटोरे में शुद्ध पानी भर लेना चाहिए. अब
सूर्य प्रकाश में बैठते हुवे साधक को ‘ॐ ह्रीं सूर्याय नमः’ (om hreem suryaay namah) का १०८ बार उच्चारण करे. इसमें माला आसान
वस्त्र आदि का कोई विधान नहीं है. दिशा पूर्व हो. साधक को उस पात्र में रखे पानी
में अपने ही प्रतिबिम्ब को देखते हुवे मंत्र जाप करना है. इसके बाद मन में अपनी
उन्नति के लिए भगवान सूर्यदेव को प्रार्थना करे और उस पानी की किसी वृक्ष या पौधे
को अर्पित कर दे. साधक की सभी द्रष्टि से उन्नति होती है.
किसी भी
शुभ दिन में पीपल का एक पत्ता ले तथा उसे अपने सामने रख दे. उसके ऊपर कुमकुम से ‘ह्रीं’
लिखे. उसके बाद उस ह्रीं बीज पर एक सुपारी रखे. इसके बाद साधक मन ही मन ‘ह्रीं’ का
उच्चारण जितना भी संभव हो उतना करे. कम से कम १०८ बार करना ही चाहिए. इसके बाद
साधक उस पत्ते को तथा सुपारी को किसी एकांत स्थान में रख दे या प्रवाहित कर दे.
साधक को अपने ऊपर आई हुई विपदा से या अज्ञात आशंका से समाधान प्राप्त होता है.
****NPRU****
2 comments:
chandaal yog ke baare me vistrit jankaari or upaye batae.
priy bhai is yog ke baare me isi blog par aur tantra kaumudi free e mag me bhi diya hua hain aap wahan par read kar len.
..smile
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