प्रिय मित्रों,
जीवन के वह क्षण अद्भुत ओर दुर्लभ होते हैं जब हम श्री गुरुदेव जी के श्री चरणों मैं बैठने का सौभाग्य हमें मिल पाता हैं
आने वाली २३ feb को हम दिल्ली गुरुधाम में ,जिस स्थान को श्री सद गुरुदेव जी ने अपनी सदेह उपस्थिति से गरिमामय ,तपस्यामय .उर्जामय ओर साथ ही हम सब के लिए साक्षात् तीर्थमय बनाया हैं, उसी पवित्र ओर शिष्यों के लिए सर्वोपरि स्थान पर श्री गुरुदेव त्रिमूर्ति भगवान् के दर्शन लाभ हेतु उन्हीके चरणकमलो में उपस्थित होकर आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए , हम सभी वहां होंगे ही .
किसी भी शिष्य के लिए तो सर्वोपरि श्री सदगुरुदेव का ही स्थान होता हैं. फिर जहाँ उन्होंने भौतिक लीला संपन्न की थी ओर अभी भी कर रहे हैं , उसका महत्त्व तो समझने के लिए शिष्य तो होना ही पड़ेगा.
बस हम सभी तो ये ही कहेंगे
“ महापुरुष तो जन्म लेंगे ही सूना न जहाँ होंगा ,
पर मेरे सदगुरुदेव निखिल सा दूसरा कहाँ होगा ........"
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Dear friends,
Those moment ,which are filled with divinity because of sitting in the presence of divine lotus feet of Gurudev are very, very rear,
On coming 23 rd feb. we will be in Delhi Gurudham,( the place that made Garimay, tapsyamay and urjamay by Sadgurudev ji physical presence, and now become the holiest place for all of us, ) to have this divine opportunity to meet in person to shri Gurudev Trimurti ji and have blessing and luck to touch their lotus feet.
Sadgurudev presence and he is too has a very high place in any shishy heart and life. To understand this feeling and the importance of such moments and place .
one must first have to shishy only than he can understand….
We all now say only this.
“ महापुरुष तो जन्म लेंगे ही सूना न जहाँ होंगा ,
पर मेरे सदगुरुदेव निखिल सा दूसरा कहाँ होगा ........"
(Great person will come in this world and world be not be without them
But like ,our beloved sadgurdev nikhil, no one in else in the whole universe….)
****ANURAG SINGH****
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