Saturday, February 26, 2011

Safety in Alchemy




प्रिय मित्रों ,
इतना कुछ alchemy  science  के बारे  में  लिखा जा रहा हैं  इस ब्लॉग के माध्यम से, पर हमेशा की तरह  किसी भी  विज्ञानं  के आधार भूत सावधानिया नहीं भूलना चाहिए , इस लिए  इस पोस्ट को हिंदी में अनुवादित करके आपके समक्ष  पुनः  यह  रखा जा रहा हैं.

1.   ये विज्ञानं या इसकी क्रियाये हमेशा किसी भी कुशल मार्ग दर्शक / विशेषज्ञ  के  निर्देशन में ही की जाना चाहिए , अन्यथा  थोड़ी सी असावधानी  आपके  जीवन के लिए  खतरा भी हो सकती  हैं .
2.   किसी भी तरह से पारे या पारा  का भक्क्ष्ण  नहीं करे क्योंकि ये बेहद धातक  जहरीला पदार्थ हैं ,सबसे पहले  पारे को संस्कारित करके  एक स्टार तक लाना पड़ता हैं जिसे पारद  कहते हैं ,और फिर उसे बीज जारित पारद भस्म  को केबल पाने गुरु के मार्ग निर्देशन में  कब और कितन ओर कैसे खाना  हैं . करना चाहिए, किसी भी हालत में आप  ये कोशिश स्वयं करे, इसे हमेशा ध्यान रखे ही.
3.   यहाँ इस ग्रुप /ब्लॉग  तो इस दिव्य विज्ञानं  के बारे में अवगत ओर परिचित करा रहा हैं .बिना किसी  भी कुशल निर्देशन  के इसको करना धातक  हो सकता हैं .
4.   सिद्ध पारद का मतलब , वह पारा जो की शुद्ध  हो ,अर्थात  पुर्णतः  अशुद्धियाँ  रहित हो, और आप  निम्लिखित सावधानी तो हमेशा पालन करे ही.
.

कृपया  बारम्बार ये ध्यान रखे की mercury  या पारा के शुद्धिकरण से सम्बंधित  कोई भी प्रक्रिया  में ,जब  तक आपको इस बारे में  अत्याधिक  अनुभव हो गया हो ओर सम्बंधित सारे उपकरण हो , आपको आगे नहीं बढ़ना चाहिए .पारा कोई रसोई घर में काम आने वाली वस्तु  नहीं हैं . खुले हांथो से मतलब सीधे ,बिना  दस्ताने पहने इसे स्पर्श करें , आपको ये मजाक  में  लगेगा  परन्तु धीरे धीरे  ये इकठ्ठा  हो कर एक हानिकारक स्तर तक पहुच जायेगा .यदि ये कहीं गिर गया हैं तो इसे तत्काल इकठ्ठा कर ले  यदि इसकी थोड़ी सी मात्रा गिरी हैं तो इसे स्पंज  के माध्यम से इकठ्ठा कर  सकते हैं.
किसी भी जल से भरे  जार में ,ऐसा  पारा को इकठ्ठा करके जो की  उपयोगमें नहीं हो सकता हैं ,इकठ्ठा कर ले  ,अच्छे से  जार को बंद करके एक तरफ रख ले और इसे  सिंक में फेकने की अपेक्षा किसी भी  स्क्रैप व्यापारी को  बेच सकते हैं .इसी तरह की प्रक्रिया  किसी भी टूटे हुए थर्मामीटर   के पारे  ओर कांच  के  बारे में भी कर  सकते हैं.ध्यान  रहे इसकी आंशिक  ठोस  जैसा दिखने के बाद भी ये विस्फोटक और  इसकी अद्रश्य  ध्रूम  बेहद हानि कारक होती हैं .

अब असिड (ACID)  या अम्ल  के बारे में बात करते हैं .
हमेशा  अम्ल को पानी /जल में मिलाना चाहिए , कभी भी इसका उलटा यानि  जल को अम्ल में  मिलाये .
ऐसा क्यों ..
ऐसा इसलिए हैं की  पानी/जल  किसी भी तेज अम्ल के संपर्क में  आकर  बहुत की जल्दी से गरम हो कर  चारो तरफ उच्च्लने लगता हैं ,जिससे की किचेन में उपस्थित आप को  नुक्सान  हो सकते हैं

 तो इसलिए अम्ल /असिड को बहुत ही सावधानी से धीरे धीरे जल में मिलाना चाहिए.

यदि अम्ल /असिड  के बिना काम नहीं चल सकता हैं तो  अम्ल को पूर्ण सावधानी  से इस्तेमाल करे .अपने लिए face   visior  ( कारखाने में  उपयोग किये जाते ,चेहरा  को बचने वाला  उपकरण ) ,रबर के दस्ताने , प्लास्टिक या रबर के apron  का  उपयोग  करें ही , आप को ये सब  अजूबा लगेगा पर उससे तो अच्छा होगा यदि असावधानी से आपके चेहरा  जल जाये.

यदि आप hydrofluoric acid  /अम्ल  प्रयोग में लाते हैं तो  आपको  अत्याधिक सावधानी का पालन करना चाहिए  हीयदि यह आपकी त्वचा पर गिर जाये तो बहुत ही मुस्किल होगा इसका प्रभाव ख़त्म करना . और बेहद जव्लन  युक्त होगा .

इसी तरह से Glacial acetic acid's  इसकी ध्रूम /धुआं फेफड़ों  के अंदर के  tissue  cell  जला देता हैं , आप खुद ही सोच सकते हैं की  इसकी ध्रूमका  क्या परिणाम होगा.

ये केबल एक्स्ट्रा  स्ट्रोंग वेनेगर  ही नहीं होगाकिसी भीअसावधानी वश  साधारण से असिड आपकी त्वचा पर कभी गिर जाये तो घबराये नहीं  तल्कल उस  पर जहाँ ये गिरा हैं  ठंडा पानी  लगातार डाले
 यदि आप कोई  आधुनिक रसायन शास्त्र से सम्बंधित  हैं तो   कोई भीneutralising agent. बनाने  के बारे भी सोचे .सन ४० के दशक मैं एडिन्बर्घ  विश्वविद्यालय के  ORGANIC  CHEMEISTRY  के प्राध्यापकमहोदय  की आंखोंमें सल्फुरिक अम्ल गिर गया .केबल अपने छात्रों  को बताने के लिए  कितना neutralising agent  जरुरी होगा इसका असर समाप्त करने की लिए ,उन्होंने  अम्ल का  प्रभाव  तो असरहीन कर दिया पर  उन्हें अपनी आखं  भी खोनी पड़ी . ठन्डे जल का अपना   ही असर   ही होता हैं .
यदि फिर से अम्ल गिर गया हैं तो परेशान हो  अपने पास  एक विशेष प्रकार की मिटटी  बिना उपयोगी  की हुए  मिटटी जिसे kitti  litter  कहा जाता हैं रखे ,यदि आपके पास neutralising agent  हैं जैसे  bicarbonate of soda, या  चाक इसे आराम से गिरे हुए फर्श पर डाल दे . इसके बाद आप इसपर kitti  litter  डाल दे . जबताके ये पूरी तरह से अवशोषित  कर ले . रबर के दस्ताने पहिन कर , इसे अच्छे से साफ  करके  प्लास्टिक dust  bin  में डाल देइस पुरे मत्रिअल को प्लास्टिक के बैग में डाल कर  कहीं जमीं में दवा दे . फिर उस फर्श की जगह को अच्छी तरह से   पानी डाल डाल कर गीले कपडे / mop  से साफकर ले आसाह हैं की कोई भी ये ध्यान रखेगा की क्या अभी थोड़ी देर पहले हुआ था .
यदि आपको कभी असिड को मिलाना   पड़े ही तो , असिड  को  हमेशा पानी में ही मिलाना चाहिए के नियम का उल्लघन किया जा सकता हैं  . चेहरा को बचाने वाला  और दस्तानेउपकरण धारण करे. ठन्डे  पानी का नल को इतना तेज  से खोल दे की पानी उछले   नहीं  . धीरे धीरे बहुत कम मात्रा  अम्ल की  पानी  में मिलाये ., बहुत ही धीरे से . सावधानी से  , आप सुरक्षित  रहेंगे ही .
 अब में सोचता हूँ की आप ये सावधानी रखेंगे तो  आप  सुरक्षित  अपने प्रक्रिया  के दौरान  रहेंगे ही
***********************************  

Dear brother,
Before replying to your question, first I want to make it clear on, certain points
1. Alchemy Science or Alchemical process and should be learned under the guidance and close supervision of an expert of this science otherwise it would become very danger for life.
2. One should not consumes/eat parad (parad ka bhakshan) since it’s a very toxic element .at first parad should be converted to samsakarit stage up to a level and be converted to Ash ( beej jarit parad ki bhasm) as per guru supervision . Only then, when and how much quantity is to be consumes is only prescribed by guru (A master).
3. The aim and objective of this Nikhil_Alchemy group`/blog is only to aware and introduction of this divine science .without proper supervision and carefulness all the process described in this book, here could turn to very harmful.
4. Siddh parad simply means that is not impure and should not be proved harmful /dengor to ones body.
Be carefull my dear brother.

plz point out and AGAIN and AGAIN read this massages. ....... ok
MERCURY. Beware of any process involving distillation of mercury unless you have had extensive training in such techniques and possess a fume hood and relevant equipment.
Mercury is no substance for the kitchen table chemist! Never handle it with bare hands. It may be fun but you'll absorb small amounts which accumulate until they reach harmful levels. Should you spill any, collect it immediately,you can absorb it in small quantities using a sponge. Squeeze the metal from the sponge into a jar
containing some water, cover, and set aside. Do not dispose off down the sink, try selling to a scrap dealer instead. Same applies with broken thermometers, sponge up any spillage and put the lot, along
with broken thermometer bits, into your water jar. Remember that despite its apparent solidity mercury is highly volatile and you can easily inhale the toxic fumes.
...........oh... ACIDS.
Never forget the old dictum inscribed on Enoch's
pillars (maybe) and in every sane textbook.
 ADD ACID TO WATER...NEVER WATER TO ACID!
Why? The water will heat up rapidly in contact with the denser acid and things will start spurting around your wife/mother's kitchen and all over YOU. And do add that acid very slowly to the water with full precautions.
Can't do without acids but handle them with care. Wear a full
face visor, (you can buy those as industrial face protectors), rubber gloves, and a plastic or rubber apron. You'll look odd but not half as much as you would with half your face burned off! If you must use
hydrofluoric acid be especially careful, this stuff can eat through glass. If it gets on your skin it is very difficult to remove completely and can cause severe ulceration. Glacial acetic acid's fumes are enough to spot preserve living tissue cells, imagine what it will do to the inner lining of your lungs if you inhale it.

It's not just extra strong vinegar. Should you accidentally splash any
acid on your bare skin don't panic, wash it away immediately with lots of cold running water. If you're a chem freak don't even think about preparing a neutralizing agent. The professor of inorganic chem. Is tryat the University of Edinburgh in the late 40's had a drop of sulphuric acid spurt into his eye. To show off to his students he calculated the relevant amount of neutralising agent required and washed the acid out.
He neutralised the acid O.K. but lost his bloody eye! Cold water, running fast O.K.?
If you spill the stuff once again don't panic. Keep a bag of kitty litter
around, unused naturally. If you've a neutralizing agent handy such as bicarbonate of soda, or even
ground chalk, scatter this liberally over the acid. No matter what you do you've ruined the floor already .Scatter kitty litter very liberally over the neutralized acid until it's all absorbed. Put on those rubber
gloves and carefully sweep the lot into a plastic dust pan. Pour into a plastic bag, and dump. Wash what's left off the floor area very thoroughly with a squeeze mop and lashings of water and hope
nobody notices the mess that's left. Blame it on the cat. If you must dispose of acid the acid to water rule can be suspended. Put on that visor and the gloves and get your cold water tap running fast, but not spraying around. Very carefully and slowly trickle small quantities of your acid into the water, be very .very slow and careful with this process and you'll be all right.
i know if u use this all tips so u safe dear in ur procedure. ......ok

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