आखें तो जीवन का सौदर्य हैं इसके बिना सौंदर्य की कल्पना की ही नही
की जा सकती हैं.आप किसी भी व्यक्ति को देखें आपकी दृष्टी सबसे पहले उसकी
आखों पर ही जाती हैं.. साधना क्षेत्र मे तो अनेको नेत्र दृष्टी की बात आती हैं ...जिसमे दिव्य नेत्र , आत्म
नेत्र , आकाश नेत्र , गगन नेत्र , ब्रह्म नेत्र , ब्रम्हांड नेत्र की भी
बात आती हैं पर भौतिक नेत्रो की आवशयकता और उपयोगिता को कोई भी नकार
नही सकता हैं .साधरणतः जब जन्म कुंडली मे सूर्य या चंद्र किसी कारण वश कमजोर
होते हैं और दूसरे भाव या बारहवे भाव मे पाप ग्रहों की उपस्थित या
दृष्टी के कारण आई न्यूनता के का रण भी नेत्र रोशनी मे कमी आने लगती
हैं .
जब अनेको आधुनिक चिकित्सीय उपाय करने के बाद भी यदि नेत्र के रोग
या दोष दूर नही हो रहे हो तो अब साधना का उपाय ही शेष रहता हैं. इस
नेत्र रोग की निवृति के लिए कुछ उपाय आपके सामने हैं .आधुनिक विज्ञानं की
उपलब्धियों को नकारा भी नही जा सकता तो एक तरफ उसका भी सहारा लिया जाना
चाहिए साथ ही साथ साधना उपाय पर भी ध्यान देना चाहिए
.
- सुबह उठकर अपने मुंह मे पानी भर ले और ठन्डे पानी से आखों मे छीटे मारना चाहिए .यह बहुत लाभ दायक पाया गया हैं .
- गाजर और पालक की भाजी का जूस तो यदि संभव हो तो हर दिन एक एक कप पीना ही चाहिए यह आखों के लिए बहुत लाभ दायक रहा हैं .
- सुबह उठकर सूर्य भगवान को अर्ध्य भी देने का क्रम बना ले , भले ही इसकी उपयोगिता समझ मे आज ना आये पर आखों कि ज्योति के अधिपति सूर्य , चंद्र हैं अतः सूर्य अर्ध्य से समस्या के समाधान मे बहुत सहायता मिलाती हैं.
- दैनिक जीवन मे सुर्योपंसना के महत्त्व को समझना चाहिए . सूर्य देव से संबंधित कोई भी मंत्र को अपने जीवन मे महत्त्व अवश्य दें .कम से कम ११ माला मंत्र जप तो करे ही ..क्योंकि अन्य आवश्यकताए अपनी जगह हैं पर आखों के साथ ....
- चाक्शुश्मती स्त्रोत के पाठ को तो अनिवार्य रूप से अपने जीवन मे एक भाग बना ही ले . यह बहुत ही लाभ दायक और अनेको से प्रशंशित रहा हैं आसानी से यह स्त्रोत किसी भी धार्मिक दूकान मे मिल जाता हैं .
- पितृ दोष के कारण भी यह समस्या बन जाती हैं ,तो इस दोष की शांती के लिए साधनात्मक उपाय जो कि कई बार आये हैं उनका उपयोग अवश्य करें .अनेको लोगों को पितृ दोष शांती या श्राद्ध कर्म करने पर स्वत ही कई रोग को दूर होने मे अनुकूलता मिले लगी . इस ओर भी ध्यान रखे यदि आपको चिकित्सीय य्पाय के बाद भी कोई लाभ नही मिल पा रहा हो .
- कई बार अनेको उपाय करने के बाद भाई सफलता या नेत्र रोग या दोष दूर नही हो रहे होते हैं क्योंकि ग्रह वाधा या ग्रह दोष का बहुत प्रभाव जो कि किसीभी चिकित्सीय उपाय को सफल नही होने देता हैं इस अवस्था मे सूर्य और चंद्र के तांत्रिक मंत्रो का जप खासकर स्वयं करना , बहुत लाभदायक माना गया हैं .इस बात को भी गंभीरता से लेने चाहिए .
- जब तक बहुत अधिक आवश्यक न हो या चिकित्सक ने न बोला हो हर समय चश्मा नही लगाये रखना चहिये .यहाँ मेरा तातपर्य आखें के व्यायाम से हैं कि यदि आपका चिकित्सक आपको आखों के व्याम करने कि इजाज़त देता हैं तो तो यह व्यायाम को करना ही चहिये .
- सबसे महत्वपूर्ण विधि ::सदगुरुदेव जी ने १९९४ या १९९५ मे एक लेख “मंत्र तंत्र यन्त्र विज्ञानं ”मे जिसका शीर्षक मे आखों से चश्मे उतरना का था वेलेमिक व्यायाम पद्धिति के बारे मे विस्तार से बताया था , उसे भी अपने जीवन मे लाये .यह भी बहित अधिक महत्वपूर्ण पद्धिति रही हैं .
- अब यंत्र जगत से ......आप दिए हुए यंत्र को बना ले और अपने पूजा स्थान मे रख ले ..धीरे धीरे आपकी नेत्रो का दोष दूर होते जायेगा .यह बहुत सरल हैं पर अनेको विद्वानों का परीक्षित रहा हैं .इस यन्त्र को अष्ट गंध से कागज पर बना ले और अपने पूजा स्थान पर रख ले .. .
पर हमें ध्यान देना हैं कि यह बहुत अधिक महत्वपूर्ण हैं कि हम
यन्त्र जगत के उपाय के साथ जो जूस और अन्य बाते लेख मे हैं उस पर भी
ध्यान रखा जाए तो निश्चय ही नेत्र रोग दूर करने मे सफलता मिलेगी ..अगर आप
चाहे तो ब्लॉग या तंत्र कौमुदी पत्रि़का मे दिए किसी भी मनो कामना या मनो
बांछित कार्य समपन्न करने वाले प्रयोग को कर के भी लाभ उठा सकते हैं
.
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Eyes are the beauty of life.
Without them, beauty can never be even imagined of. When you see any person,
first thing that you see is his/her eyes only. In sadhna field we talk of so
many eye visions like Divya Netra (Eyes) ,Aatm Netra, Aakash Netra, Gagan
Netra, Brahm Netra, Brahmand Netra but we can’t ignore the need and importance
of physical eyes. Generally when sun and moon, by
any reason are weak in horoscope and when malefic planets are present or
aspecting second or twelfth house, then there can be deterioration of vision in
eyes.
When in spite of doing modern medical
treatments, we are not able to get rid of eye related problems, then only the
way of sadhna is left. Here are certain ways to get rid of eye related problems.
We can’t ignore the importance of modern science so on one hand we should take
assistance of it also. Side by side we should also concentrate on the sadhna
way.
1)
After getting up
in the morning, fill your mouth with water and sprinkle
cold water on your eyes. This has been found quite beneficial.
2)
If possible, drink
one cup of juice, made by pulp of carrot and spinach.
This is very beneficial for your eyes.
3)
Develop
the habit of offering water to the sun (
called arghya in Hindi).May be today we can’t understand its importance but the
fact is sun and moon are the supreme deity of vision. Therefore offering water
to sun helps a lot in solution to this problem.
4)
We should
understand the importance of sun-worship in our daily life. Always give importance to mantra related to sun god in your life.Atleast chant 11 rosary of the mantra…..because every
need is important but with eyes…….
5)
Make the reading
of Chakshushmati Stotra as a necessary part of
your life. This has been highly beneficial and highly acclaimed too. One can
get this easily from any religious bookstore.
6)
This problem can
also be due to Pitra dosh (problem due to
ancestor), so try the sadhna solution for pacifying it, which has come earlier
multiple times. Many people have got relief automatically from various diseases
after doing Pitra dosh or Shradhkarma (karmas done to pacify the problems due
to ancestor)……….Also keep this in mind when you are not getting any relief from
medicines.
7)
Sometimes, even after
doing so many remedies we are not able to get rid of eye related problems and
diseases .This is due to the high influence of Grah
Badha (Planetary problem) which does not allow any medicinal remedy to
be successful. In such a condition chanting tantric
mantra related to sun and moon by person himself is considered to be
very beneficial. One should take this point seriously.
8)
Till the time it
is not very-2 necessary or your doctor has not told you, you should not always
wear spectacles. Here what I mean is exercise of eyes. If your doctor allows
any exercise of eyes, then one should do that exercise.
9)
Most
Important Process:
Sadgurudevji has given one article in 1994 or
1995 in “Mantra Tantra Yantra “by the title “Hoe to get rid of spectacles from
eyes”. In that, he told in detail about the Velemic exercise process. Bring it
in your life. This has also been a very important system.
10)Now
from yantra world……..Make the yantra given above and keep in in your worship
room. Gradually your eye problem will start vanishing. This is very easy but
has been tested by many scholars. Make the yantra by asthgandh on piece of
paper and keep it in worship room.
But we have to
keep one thing in mind that this is very important that along with the solution
given from yantra world, we should also focus upon the juice and other things
given in the aricle.Definitely, it will help in getting rid of eye problems. If
you want, you can also take benefit from any wish fulfilling process given in
blog or Tantra Kaumadi magazine.
****NPRU****
2 comments:
jai gurudev bhaiyya, jaisa ki aapne bataya hai ki is yantra ko banakar pooja ghar mein rakh le to aapki drishti dosh door ho jayega ..agar ghar mein ye problem kisi aur ko ho to kya is yantra ko pooja ghar mein rakhne matra se usko bhi laabh hoga ya us ke liye aur kuchh karna padega..thoda late poonch raha hun sorry bhaiyya. ...wait for ur reply
jai gurudev bhaiyya, jaisa ki aapne bataya hai ki is yantra ko banakar pooja ghar mein rakh le to aapki drishti dosh door ho jayega ..agar ghar mein ye problem kisi aur ko ho to kya is yantra ko pooja ghar mein rakhne matra se usko bhi laabh hoga ya us ke liye aur kuchh karna padega..thoda late poonch raha hun sorry bhaiyya. ...wait for ur reply
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