Sunday, April 29, 2012

धन प्राप्ति का सरल साधना विधान


व्यक्ति  नही..धन   लक्ष्मी  महत्वपूर्ण हैं  कम से कम आज समाज   मे जो   अवस्था  हैं उसे  देख कर तो यही लगता   हैं , और   यहाँ  तक  कि
 ऋग्वेद भी कहते हैं   कि  सभी   गुण लक्ष्मी पर  ही   आश्रित  रहते हैं .

यहाँ तक कि आचार्य चाणक्य
  नीति  वाक्य मे  कहते हैं  कि
 “मैं और मेरी विद्या भी  वही  हैं  पर एक धन न  होने के कारण  मेरा समाज  मे सम्मान भी नही  हैं
 धन प्राप्ति के लिए ही   और  जीवन  को  सुचारू  रूप  से  गतिमान बनाये  रखने   के लिए     कोई भी   आज के  जीवन मे   इसकी   उपयोगिता  से  इनकार नही कर  सकता हैं . पर बढती  हुयी  आवश्यकताए   व्यक्ति  को नए  नए  तरीके धनोर्पाजन  के   देखने के लिए  विवश करती हैं पर  सभी  मे  आपको सफलता  मिले  यह भी  तो जरुरी नही हैं .
पर साधना यही पर एक  ओर रास्ता    प्रदर्शित करती हैं ..जो  की  जीवन  के लिए  आवश्यक  इनपरिस्थितियों   को  कहीं  जयादा  आपके लिए  अनु कुल बना   देती हैं .

जहाँ एक
  ओर बृहद   साधनाए  हैं  वहीँ  दूसरी ओर  कुछ  कम अवधि की  साधनाए   भी हैं .

पूज्य  सगुरुदेव जी का  स्पस्ट   कथन  रहा हैं कि लक्ष्मी प्राप्त  के लिए    साधक को लगतार छोटी छोटी सा साधनाओ    को  करते  रहना   ही चाहिये   यह कहीं  ज्यादा  अनुकूल  सिद्ध  हुआ   हैं .
और   जब आज  महगाई    अपने  उच्चतम आयाम  को स्पर्ष कर रही  हैं तब कैसे   धन की  दृष्टी से सफल  रहा  जाए   यह भी  तो  एक  बहुत बड़ा  प्रशन    बन गया हैं .अनेको यन्त्र   विधान और साधनाए   आज  हमें  उपलब्ध हैं    पर     दो  साधनाए   आपके  समक्ष   रख  रहा हूँ  निशचय  ही आपको  सफलता    प्राप्त  होगी .
 पहली  तो कनक  धारा   यंत्र से    सबंधित हैं ,यह  वास्तव मे  यन्त्र राज कहा  जा  सकता हैं,सैकडो  ह जारो  के  द्वारा   यह  यन्त्र   प्रशंशित हैं , और  इसके  स्थापना  मात्र से  घर मे  अनुकूलता   आने  लगती हैं. अगर   कोई  इस यन्त्र  के सामने रोज  एक पाठ   कनक धारा स्त्रोत के करते  जाए तो  कर्जे   और अन्य    अपमानजनक   अवस्था   उसके जीवन मे  आ  ही नही सकती हैं . और यदि  इस  महायंत्र के सामने   यदि   


ध्यान :
सरसिजनियले  सरोज हस्ते , धवलत्माकुश  गंध माल्य  शोभे
भवति हरि  वल्लभे   मनोज्ञे ,त्रिभुवन भूति  करी प्रसाद मह्यम ||

कनक धारा   मंत्र  :: 


  वं   श्रीं   वं   ऐं  ह्रीं   श्रीं  कलीं   कनक धाराए  स्वाहा.

 एक नियम   बना  कर  जितनी माला संभव  हो  करे उतनी माला जप हर  दिन करेंउतना  ही अच्छा  ही  होगा .और अधिक  अनुकूलता   आपको  अनुभव होगी ,अन्य कोई नियम नही हैं .दिशा  पूर्व  या  उत्तर    तथा  माला  कोई  भी   हो सकती  हैं . आसान या वर्स्ट  अगर अपीले रंग के हो  तो     उचित हैं अन्यथा   जो आपके पास   उपलब्ध हो .
  दूसरा विधान :
साधक  यदि   निम्न मंत्र को अपने  दैनिक   पूजन मे  शामिल कर ले    और मनो योग  पूर्वक  करे  तो   बहुत  जल्द  ही उसे   अनुकूल     वातावरण प्राप्त होने लगता   हैं .
मंत्र :
 श्रीं   श्रीं   लक्ष्मी   देहि   कुबेराय   ओं  नम |
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Not the person……but the wealth is important. At least we can say this , looking at the condition of society today. Even the Rig-Veda says that “all qualities depend only on wealth”
Even the Acharya Chanakya says in Neeti Vakya that
“Both Me and my knowledge are there but due to lack of wealth, I am not respected in society”
For the attainment of wealth and for the smooth life, nobody can ignore the importance of it in today’s life. But ever-growing needs compel persons to look for new ways to earn the wealth but everyone will get success, it is not necessary.
But here sadhna shows one more way……which makes the situations, critical for your life, to be favourable.
Where there are high-order sadhnas then on the other hand we have short-duration sadhnas.
Poojya Gurudev has clearly said that for attainment of wealth, sadhak should keep on doing short-2 sadhnas. This has proved to be more fruitful.
And when today inflation is touching highest dimensions then who can be called successful from wealth point of view has become a big question…Various yantra process and sadhna are available to us today but I am putting forward two sadhnas in front of you all. Definitely you will get success.
First one is related to Kanakdhara Yantra. In reality, it can be called king of yantras. It has been appreciated by hundreds and thousands of sadhaks. And merely establishment of it brings fortune in the home. If someone chant Kanakdhara Stotra in front of this yantra dailythen debt and other humiliating situations cannot come in his/her life.And if someone in front of this Maha yantra….
Meditation (Dhayan) :

SarsijniyeleSaroj Haste, DhavalatmakushGandhMaalyShobhe
BhavtiHariVallabheNamogye,TribhuvanBhuti Kari Prasad Mahyaam ||

Kanakdhara mantra::
Om VamShreemVam Aim Hreem Kleem Kanakdharaayswaha.

Make it a rule to chant this mantra as much as it is possible. Chanting same number of rosary everyday will be better and you will feel more fortunate. There are no other rules. Direction can be east or north and rosary can be anyone. Aasan, if it is of yellow colour then it is correct else you can use the one which is available.

Second Method:
If Sadhak include the below mantra in daily poojan and chant it with dedication then very soon he starts getting favourable circumstances.

Mantra:
Om Shreem Shreem Lakshmi Dehi Kuberaay Om Namah |

 ****NPRU****

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