साधना जगत की विशालता के बारे मैं इतना ही कहा जा सकता हैं की कभी भगवान् बुद्ध के शिष्य आनंद ने उनसे पूछा था की उसका स्वयं का ज्ञान कितना हैं फिर भगवान् का ज्ञान कितना हैं और आखिर सम्पूर्ण ज्ञान कितना हैं , भगवान् बुद्ध ने हस्ते हुए कहा की जितने वृक्ष इस सम्पूर्ण जंगल में हैं उनसभी के कुल पत्ते बराबर सम्पूर्ण ज्ञान राशि हैं, मैं जिस पेड़ के नीचे खड़ा हूँ उतनी मेरी ज्ञान राशि हैं ओर इस पेड़ के जितने पत्ते नीचे गिर पड़े हैं उतनी तुम्हारा ज्ञान हैं . ठींक यही बात साधना क्षेत्र पर भी पूर्णत: से लागु होती हैं ,
एक और जहाँ शमशान साधना हैं दूसरी ओर अघोर साधना हैं फिर चाहे वह सात्विक हो या तामसिक हर जगह इन साबर मन्त्रों का प्रचलन पाया जा सकता हैं . ऐसी क्या विशेषता हैं इन मन्त्रों की ..
जब वैदिक कर्म काण्ड युक्त मंत्रो का काफी प्रचलन हो गया पर उसके ज्ञाता अनेकों बातों पर इतना अधिक जोर देते थे की विद्या सुपात्र के अभाव में समाप्त से होती जा रही थी वही दूसरी ओर युग धर्म के अनुसार लोग भी जितनी सुचिता रखा चाहते थे नहीं रख प् रहे थे तब इस विडम्बना को देखते हुए भगवान् शिव ने इन मन्त्रों की रचना की जो की अपने आप में अद्भुत हैं कीलित भी नहीं हैं सरल हैं श्रेष्ठ हैं तीव्रता युक्त हैं साथ ही साथ इन की सिद्धिता करने के लिए कोई साधारण तयः कोई विशेष नियमों की आवश्यकता भी नहीं हैं.
ये इतने सरल हैं पर कई बार उच्च कोटिके तंत्रज्ञों को भी इनकी प्रभाव क्षमता को दख कर दाँतों तले अंगुलिया दबाना पड़ जाती हैं. क्या इनकी क्षमता मात्र कुछ छोटी क्रियाओ तक ही हैं , नहीं ऐसा नहीं हैं यक्षिणी साधना से लेकर उच्च कोटि की महा विद्या साधना भी इनके माध्यम से संपन्न की जा सकती हैं .
जन मानस का विश्वास हैं की गुरु गोरखनाथ द्वरा यह मंत्र प्रचलित हुए कई लोगो का विस्वास ये भी हैं की इसी परंपरा में चर्पटीनाथ ने यह प्रचलित किये हैं पर जो भी हो इन मंत्रो की प्राचीनता ओर प्रभावशालिता पर किसी भी प्रकार का संदेह तो किया जा ही नहीं सकता हैं .
इन मनीषियों ने अनथक श्रम करके ऐसी विधिया सामने प्रस्तुत की जिनकी तो कोई सानी ही नहीं नहीं. आप में से जिन्होंने पत्रिका के पुराने अंको में शाहों के शाह : साबर शाह " लेख पढ़ होगा वह ये तो बखुब जानते होंगे की , लड़की से लड़का बना देना, पुरे नगर को एक जगह से दुसरे जगह पंहुचा देना , भुत प्रेतों से अपने घर के कार्य करवाना ओर भी कई चमत्कार उन्होंने दिये थे ओर उनकी विधिया भी पूर्णता के साथ बताई थी.
पर कुछ विशेष नियम या ऐसे कहे की महत्वपूर्ण नियम भी जान लेने चाहिए ,
क्योंकि साधना को कभी भी आसानी से लेना नहीं चाहिए वह से सर्व काल से गंभीरता का ही विषय हैं , फिर जितना हम उसे अच्छे से लेंगे उतना ही परिणाम हमारे मनोकुल प्राप्त होंगे.
यु तो सफलता के लिए बहुत से कारण हो सकते हैं ओर इसी तरह असफलता के लिए भी कहा जा सकता हैं , आएये हम एक एक कर कुछ नियम पर बात करे ...
1. इन साधनाओ को कभी भी रात या दिन में किया जा सकता हें .हाँ जहाँ पर विशेष रूप से समय का निर्देश दिया गया हो वहां अवश्य ही पालन करें.
2. इन साधनाओ को पीले रंग के वस्त्र धारण कर करे , पर किसी साधना विशेष में उसके वस्त्र के निर्देश का पालन करे .
3. धूप ओर लोहबान का अपना ही महत्त्व हैं
4. गुरु पूजन ओर गुरु ,मंत्र के महत्त्व को आप नकार नहीं सकते हैं इसका तो अपना ही महत्त्व हैं
5. हर साधना के पहले ओर बाद में सदगुरुदेव पूजन हरहाल में करें ही
6. साधना के लिए न केबल अपने गुरु देव पर ,साधना सामग्री पर, विधिपर बल्कि अपने पर भी उतना ही विश्वास होना ही चाहिए ही.
7. साबर साधनों को ऐसे तोकभी भी किया जा सकता हैं पर यदि विशिष्ट दिवस पर या विशिष्ट महूर्त पर किया जाये तो विशेष सफलता प्राप्त ही हैं.
8. साबर साधनों से सम्बंधित दीक्षा भी यदि प्रप्त्कारले तो सोने में सुहागा की स्थिति भी निर्माणित हो जाती हैं .
9. साबर यन्त्र की स्थापन भी जरुर करे.
10. यु तो व्यापार या नौकरी कार्य भी किया जा सकता हैं उसके लिए कोई प्रति बन्ध नहीं हैं ,
11. यदि दो साबर मंत्रो सिद्ध करने जा रहे होतो उनके साधना प्रयोग एक के बाद एक न करे बल्कि कुछ घंटे का अंतराल जरुर रखे .
12. साबर साधनाओ में भय की स्थिती नहीं आती हैं पर यदि आये तो आसन ना छोडे नहीं , न ही भयभीत हो.
13. कुछ साधनाओ में गायत्री मन्त्र जप उस दौरान न करे .
14. यदपि साधनाओ में सफलता पर यदि प्रथम प्रयास में कुछ कारणों से नहि मिल पाए तो पुनः पुनः प्रयास करे .
15. नवग्रह या दशा अन्तर्दशा अनुकूल न चल रही हो तो तबभी साधना में असफलता नहिमिल पाती हैं तो नवग्रह को अनुकूल करने की साधनाओ परभी ध्यान रखे ही .
16. साबर साधनाओ के माध्यम से किसी को भी कष्ट पहुचने का प्रयास न करें ,न ही वशीकरण विद्या का प्रयोग अपनी स्वार्थता के लिए न करे. इस हाल में वह मंत्र निष्फल हो जाता हैं वह देव भी रुष्ट होकर आपके विरूद्ध होजाते हैं ,
17. ग्रहण काल तो भाग्य से ही मिल पता हैं ओर उसे साबर साधना में यदि उपयोग करे यदि किसी का मानस हैं तो वह अत्यंत श्रेष्ठ समय होता हैं .
18. यदि मुस्लिम मंत्रो का प्रयोग हो तो ध्यान रखे की उनमें माला उलटे ढंग से फेरी जाती हैं ओर वज्रासन में बैठना होता हैं .ओर धोती की जगह ,लुंगी का प्रयोग होता हैं.
19. सुचिता ओर शुद्धिता की विशेष अनिवार्यता तो नहीं रहती पर किसी भी साधना में यह करना ठीक ही रहता हैं .
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One upon a time Anand the disciple of Bhagvaan buddh asked to him that how much the total knowledge exists in this universe and what is his total knowledge and what about him. On listening this question , Bhagvaan buddh smile and said the total number of leaves exist in this forest , such is the number of knowledge and the total number of leaves on this tree ,inside that we are sitting is mu knowledge and the leaves falls on this tree is your knowledge. Same thing is applicable to sadhana kshetra. -
On one place where there is shamshan sadhana other place direction Aghor sadhana , either through saatvik way or tamsik ways , everywhere theses sabar mantra is found applicable . what is the specialty is of theses.
When vadaik mantra was in highly practices but the problem was their expert presses too much on various ritual , on because of that the knowledge , the exponent of the vidya are very few. And due to changing condition in person out look the purity of body and mind are not as it should be as per the vaidik mantra experts asked. On seeing this situation Bhagvaan shiv created theses mantra known as sabar mantra, they are a very special type , not keelit in any type ,easier one , highly effective, and for to have siddhita there is not any special rules regulation need to be followed.
They are so easy , many times even the higher savants of the sadhana field cannot believe on seeing the effectiveness of theses sabar mantra .and these mantra are not limited to only minor work but its range from yakshini sadhana to shamshan sadhana and from that to mahavidya sadhana.
In general people believe that theses mantra are available to general masses through guru gorakhnath , some people believe that in guru gorakhnath order one mahayogi charptinath ji created theses mantra and make available to common person, so reason may be any but one thing is that the validity effectiveness and uniqueness of thses mantra cannot be questioned.
Theses sadhana field giants’ discovered many process of theses sabar mantra , which is unparallel or unique , one cannot believe that. Those who had read the article named “sahaon ke shah sabar shah” appeared in old issue of mantra tantra yantra vigyan mag., already knew that the sadhana for changing the sex of girl to make her boy, or sadhana which can transfer the whole city from one place to another, and like getting work done through bhut prêt .so many sadhana of appeared completely.
But there are some simple rules one must know that.
Since should not be ever taken very lightly in any case .its always be very serious business. More we take seriously more our success rate .
There can be many cause for success so same is applicable for failure too . lets talk one by one some of theses.
1. Theses sadhans can be successfully completed on days or night time but where the time specified plz follow that.
2. Always wear yellows cloths until unless specifically asked for other color that.
3. Dhhop and lohvaanhas are having their effective role to play.
4. You cannot underestimate the guru poojan and guru mantra , theses are the bases for success.
5. Always do the Sadgurudev poojan before and after in any type of sadhana even in this too.
6. To get success in sadhana one must have faith unshakable in Sadgurudev, sadhana samgri, and its process and most importantly on himself.
7. As theses sadhana can be done on any occasion but if they can be done on specific time and specific mahurat than result would be better.
8. If one take Diksha of sabar sadhana related than this would be greatest things.
9. Must have install SABAR YANTRA .
10. You can do your business work and job , there is no restriction for that.
11. If you are interested to do two sadhana at one sitting or day than have some hours interval in between that.
12. There Is no fear condition in that during the sadhana time. But if it comes than do not even move your asan and not to be fear.
13. In some sadhana kaal time gayatri mantra jap is totally stopped .
14. If suppose not getting success in one attempt than do that sadhana again and again .
15. If planetary astrological period is not positive than sadhana success also in doubt, so one must also pay attention on this point
16. Never attempt any sadhana for harming other , specially like vashikaran vidya, in that if you do that , mantra get effect less and related deity become very angry upon you
17. Very fortunate one get grahan kaal if any one want to use it for sabar sadhana than its very good time.
18. While doing muslim mantra sadhana, do jap with rosary moving in reverse direction as to the normal way that means from inward to outward direction, and sit in vajrasan posture and instead of dhoti wear lungi as muslim brother used to wear.
19. Physical and inwardly purity not much matters but if applied here result will be much better.
Theses are the simple rules but in addition to that some sadhanatmak process are here which could help you to stand just in front of the success, what are they in any next articles
****NPRU****
1 comment:
मुझे सबर मंत्रो से अपना छायापुरुष (हमजाद )सिद्ध करना है क्या आप मुझे साबर मंत्र से छाया पुरुष साधना कैसे हो बता सकते है
kaushikpravin@yahoo.in
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