स्वप्न तो हर व्यक्ति को आते ही हैं , और हर व्यक्ति स्वप्न देखना चाहता हैं .जो शुभ कारी हो...सुंदरता युक्त हो ……पर यह आज तो भली भांति जाना पहचाना तथ्य हैं की मानव मन के दो भाग होते हैं ..एक तो चेतन और एक अवचेतन .....चेतन जिसमे जो लगातार दिन प्रतिदिन हम सीखते जाते हैं वह समाते जाता हैं ..पर यह सब हमारी विचार .... हमारे संस्कार ..हमारी सोच के अनुसार ..या पर निर्भर करता हैं पर अब्चेतन मन मे तो कितने जीवनों की अनंत सुचनाये से युक्त हैं और यह स्वपन ........ यह सब तो अबचेतन मन का ही तो कमाल हैं, जो की वास्तव मे अनंत सूचनाओ का भण्डार हैं , वह जैसे ही चेतन मन शांत हुआ यह अपना खेल प्रारंभ कर देता है तो कभी भूत काल सबंधित तो ......कभी भविष्य काल के ..पर स्वप्न किस काल सबन्धित हैं यह जानना इतना भी आसान नही ...
पर कुछ स्वपन की बाते सामान्य दैनिक जीवन ........ तो कुछ की अलौकिक जगत से सबंधित होती हैं . पर यदि सुबह सुबह कुछ ऐसा दिख जाए जो हमारे लिए भय कारक हो ..भले ही वह वास्तविकता न हो .पर हमारा मन पूरे दिन भर परेशां रहता हैं . की कही कुछ ऐसा न हो जाए .
अगर जितना मानव उपलब्धिया प्राप्त करते जाता हैं उतना ही वह भय का भी अपने लिए सृजन करते जाता हैं .और यह बहुत सामान्य सा तथ्य हैं पर ..अपने ही किसी प्रिय जन के बारे मे कोई अशुभता स्वपन मे दिख रही हो तो वह मन और भी परेशां होने लगता हैं .
प्रातः काल के स्वप्न का परिणाम जल्दी मिलता हैं इसके कारण न मालूम हम कितने न परेशां रहते हैं .फेसबुक मे Nikhil alchemy ग्रुप मे इस स्वप्न ज्योतिष विषय पर एक श्रंखला प्रारंभ हुयी हैं साथ ही साथ यन्त्र का निर्माण कैसे किया जाना चाहिए इस पर भी कुछ पोस्ट आपके सामने आने वाली हैं तो समय और ना लेते हुए सीधे ही विधान आपके सामने हैं..
इस यन्त्र का निर्माण किसी भी शुभ दिन कर सकते हैं . सिर्फ अष्ट गंघ का प्रयोग इसके निर्माण के लिए स्याही के रूप मे करना हैं साथ ही साथ .. यंत्र लेखन के लिए अनार की लकड़ी का प्रयोग किया जाना चहिये ..
जब यह यन्त्र का निर्माण हो जाए तब किसी भी धातु के ताबीज के अंदर इसको रख कर उस ताबीज को अपने गले मे धारण कर ले . निश्चय ही इन बुरे और भयानक स्वप्न से आपको रा हत मिलेगी ही .........हाँ यह तो आपको पता हैं की जब भी यंत्र का निर्माण किया जाये उसकी धूप दीप से पूजा ........... मतलब सबसे पहले आप बिना कटा फटा भोज पत्र ले ले ..और सारी आवश्यक क्रियाये जैसे सदगुरुदेव पूजन और अन्य चीजे कर ले . फिर पूर्ण प्रसन्नता से भोज पत्र पर इस यंत्र का अंकन या लेखन कर ले .और धूप से पूजा भी .और् सदगुरुदेव जी से अपने कार्य की सफलता के लिए प्रार्थना तो सर्वोपरि हैं .
पर यह तो आपको याद ही होगा की हम हर साधना कार्य मे फिर चाहे वह यन्त्र लेखन ही क्यों न हो ..प्रारंभ और अंत मे सदगुरुदेव पूजन और गुरु मंत्र जप तो करते हैं ही .अब इस बात को बार बार लिखने या बताने का कोई औचित्य तो हैं नही .यह तो आप सब बखूबी जानते हैं ....और इस प्रयोग को करें और सफलता पाए .
Every person see dreams
and every person want to see the dreams that are auspicious …..that are
beautiful …….but today this is well known fact that human mind has two
parts….one conscious and one subconscious…..Conscious in which all which is
learnt by us continuously every day is filled in ….but all this depends on our
thought-process….our sanskars…….our thinking. But the subconscious mind is
filled with infinite information of so many births and this dream……all this is miracle of subconscious mind only which in
reality is storehouse of infinite information. As and when the conscious mind
becomes calm, it starts playing its part so sometimes past related…..sometimes
future related…..But dreams are relating to which timeframe, knowing it
is not that much easy…
But the things in some dreams
are related to our daily life……..and some are related to supernatural world.
But if we see something in the early morning which is dreadful for us….maybe
it’s not reality but still whole day we remain worried that such things does
not happen to me…..
More the
person attains achievements, more fear he starts creating for himself. And this is a very normal fact but….if you see any
ominous thing regarding your near and dear ones, then your mind get more
anxious.
Results of the
Morning’s dream come fast. For this reason, so many of us remain worried. One Series has been started on Swapna Jyotish (Dream
Astrology) in Nikhil Alchemy Group on Facebook. Side by side how the yantras
has to be constructed; some posts relating to it are also going to come in
front of you all. So without taking more time, process is in front
of you all.
This Yantra can be made
on any auspicious day. You have to use only asthgandh as ink for making this
yantra. Side by side……stick of pomegranate is to be used for writing on yantra.
When this yantra has
been made, then place this yantra in amulet of any metal and wear it in your
neck. Definitely you will get relief from these bad and dreadful dreams………Yes
you already know this thing that when this yantras has been made, its poojan
with dhoop and deep has to be done….meaning first of all you take one Bhoj
patra having no cuts and tears ….and do all the essential activities like
Sadgurudev poojan etc. Then with full joy, write or mark this yantra on Bhoj
patra .And then poojan with dhoop also. And praying to Sadgurudev for success
in this work is foremost.
****NPRU****
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