ज्योतिष तो वह शास्त्र हैं जिसे दिव्यतम कहा जा सकता हैं और प्राचीन ग्रंथो में इस शास्त्र के पंडितो को .मर्मज्ञों ज्योतिर्विद कहा जाता रहा हैं और यह उचित भी हैं क्योंकि जो आने वाले समय को आपके सामने रख दे पहले से पथ प्रदार्शित कर दे वह एक प्रकाश किरण ही तो हैं जिस भविष्य में अभी पर्दा पड़ा हुआ हैं उसे भी वह अनावृत करने का साहस रखे .. वह हैं ज्ञान ...
और सदगुरुदेव जी के अनथक प्रयासों से भारतीय ज्योतिष का एक पुनुर थ्थान संभव हुआ जो की मनो गर्त में ही चला गया था हैं..और अनेको आज के उच्चस्थ ज्योतिष यह मानते भी हैं ..औरअनेको इस बात से सहमत भी हैं की उन्होंने जितना काम अकेले किया वह तो कई कई संस्थाए भी मिल कर नही कर पाती ...
१२० से ज्यदा उन्होंने केबल ज्योतिष पर ही अल्प मोलिय ग्रन्थ प्रकशित करवाए. उनमे से अधिकंश तो अभी भी प्राप्त हैं केबल इस दृष्टी कोण से की यह विधा जो सामान्य जन की पहुँच से दूर हो गयी हैं पुनः उस तक पहुँच जाए .
और आज परिणाम आपके सामने हैं हजारो की संख्यामे उच्च वर्ग के और पढ़े लिखे वर्ग के लोग भी विज्ञानं के प्रति न केबल दृष्टी कोण बदल रहे हैं बल्कि इसको सीखने के लिए आगे भी आ रहे हैं .
पर यह विज्ञानं चूँकि भविष्य से भी सबंध रखता हैं तो ज्योतिष का एक उच्च आचरण करने वाला हों चाहिए साथ ही साथ उसे कुछ ऐसी साधनों का भी ज्ञान होना चाहिए जो उसके भविष् कथन को बल प्रदान करे ..उसे अपने इष्ट की साधना का भी एक योग्य साधक होना ही चहिये .
एक बात जो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हैंकि उसे वाक् शक्ति संपन्न होना ही चहिये क्योंकि जो भी कथन उसके मुख से निकले वह निरर्थक न हो और सत्य भी हो .. इसके लिए सस्स्वती साधना से बढकर और क्या होगा ..
पर भगवती सरस्वती के भी अनेको मंत्र हैं और कौन सा मंत्र उसे जयादा खासकर ज्योतिष क्षेत्र में सहयोगी होगा इसका पता कैसे चले ...
हर साधना मंत्र भगवती सस्स्वती का मह्त्वपूर्ण हैं ही क्योंकि उनका ही मंत्र हैं पर यह जो मंत्र आपको दिया जा रहा हैं यह विशेष रूप से ज्योतिष क्षेत्र में काम करने वालो के लिए अद्भुत हैं .
मंत्र :
ओम नमो ब्रह्माणी ब्रह्म पुत्री वद वद वाचा सिद्धिम कुरु कुरु स्वाहा ||
साधनात्मक नियम :
ब्रम्ह महूर्त में सरस्स्वती मंत्र का जप मतलब सूर्योदय से दो घंटे पहले का बहुत उपयोगी माना गया हैं .
साधना काल में सफ़ेद वस्त्र और सफ़ेद आसन का ही प्रयोग करे और सफ़ेद हकीक माला से जप कहीं ज्यदा लाभ दायक होगा .
मंत्र जप संख्या १ लाख हैं इसमें दिन निर्धारित नही हैं , किसी भी शुभ महूर्त से मंत्र जप प्रारंभ कर सकते हैं और जब मंत्र जप पूरा हो जाये उसके बाद प्रतिदिन केबल एक माला मन्त्र जप ही पर्याप्त होगा .
यह मंत्र की साधना आपको ज्योतिष क्षेत्र में बहुत प्रवीणता दे सकती हैं अतः इस मंत्र जप को करने में लाभ ही लाभ हैं क्योंकि माँ सरस्वती का क्षेत्र तो बहुत विशाल हैं और उनकी कृपापात्रता मिल जाना कितना न सौभ्ग्दायक होगा .
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Astrology is considered a divine shastr and in ancient granth of astrology it I s mentioned that the expert in this ssceince wre called jyotirvid and that too are correct since those who are opening the secreat of future that is still in darkness or still mysterious surely ther have to be called jyotirvid.
Poojay sadgurudev devoted much time to again uplift ment of this science that which lost not only its credential but losses its authenticity too . and many of modern astrologer still aacept that his contribution to astrology a unique one and thatwhat many institution not able to do , thi s aperson alone did.
He has published more than 120 books only on astrology and that are not costly so that middle calss can easily purchase that and again the astrology reaches home to home .and many of those granth is stil available in the market .
And result is in front of us not only the people belongs to higher section of society but lerned one again considering this as a science and many com e for ward to learn this .
This science directly related to the future so the learner must be of a good character person . and he must knew of some good sadhana.that will help to give confidence to him while predicting . and also he must be a good sadhak of his isht .
On emost important thing I s that he must be aperson who is vak shakti sampann and whatever he speaks should not be useless. And become true .. and for that what will be more important than bhagvati saraswati sadhana .
There are many mantra of sarswati sadhana , which mantra will be more important for astrology section ..
Every mantra of her is important one since each one belongs to her , but here is the mantra that are considered vary useful for person intersted in astrology.
Mantra : om namo brahmani brahm putri vad vad vaacha siddhim kuru kuru swaha ||
Sadhanatmak rules :
Brahm mahurt times specially two hour before sunrise consider the best for this sadhana .
During mantra jap sadhak must wear white color cloths and use white color aasn , and jap mala if of white color hakeek so that will be much better.
Mantra jap should be 1 lakh . and for that days number is not decided . mantra jap can be started in any auspicious days when mantra jap completed than only one round of manta is sufficient .
Thi s mantra sadhana can give you much expertise is astrology field and this mantra sadhana is very helpful when you get blessing of mother divine than what more left fo r your success.
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1 comment:
Jai Sadgurudev ,, gyan ka kshtra sachmuch anant hai yesi yesi sadhnaein hai ki kalpna nahi ki ja sakti hai bhai apke ke prayaso ko salaam karta hun ki aap yesi vilakshan sadhna ko hamare beech la rahe hain....asli salaam to tahi hoga jab hum yesi sadhna ko mahoyog se karen...
jai gurudev
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