घंटाकर्ण महावीर की उपासना जैन धर्म में कहीं अधिक होती हैं ,और यह अत्यधिक प्रभावशाली देव माने गए हैं .इनके यन्त्र के अनेको बिभेद मिलते हैं जो की अपने आप में ही एक अद्भुत तथ्य हैं .और हर यन्त्र से संबंधित एक से एक सरल और उच्च कोटि की साधनाए ...जिनका अपने आप में कोई सानी नही .. पर अभी भी वे सारे विधान जो अत्यधिक चमकृत करने वाले हैं साधको के सामने आना बाकि हैं .
कभी कभी परिवार में ऐसे उपद्रव प्रारम्भ हो जाते हैं जिसका कोई कारण ही समझ में नही आता , बस अचानक ही कल तक सब सामान्य था और आज पर क्या हो गया . कई बार इसकी कोई वजह समझ में आती हैं तो कई बार नही....
बहुत बार इन उपद्रवो के होने का कारण किसी किसी व्यक्ति द्वरा हमाँरे ऊपर कोई प्रयोग कराया भी हो सकता और ऐसे कतिपय तान्त्रिको से आज यह समाज भरा पड़ा हैं . और अब सब से तो बच नही जा सकता हैं.कभी कभी ग्रहों के दोष से भी परिवार में अनेको घटनाये होने लगती हैं जिनको कोई सुखद नही कहा जा सकता हैं .
पर जब भी ऐसी समस्या आये तो अपने रक्षार्थ यह सरल सा प्रयोग आप करे आप के लिए यह लाभ दायक सिद्ध होगा....
मंत्र : ॐ महामाया घंटाकारिणी महावीरी मम सर्व उपद्रव,ग्रह पीड़ा हवा बयार,किया कराया,चढा चढ़ाया,नाशन कुरु कुरु स्वाहा ||
सिद्ध करने की विधि सिर्फ इतनी हैं ही किसी भी शुभ महूर्त में इस मंत्र का ११०० बार जप कर ले किसी भी माला से , आसन वस्त्र पीले हो तो ठीक हैं और दिशा पूर्व या उत्तर की होना चाहिए . बाद में गुगुल की छोटी छोटी गोलिया बना ले उन्हें देशी घी में अच्छे तरह से डुबो ले फिर उनसे हवन करे . वह भी १०८ बार .
बाद में जब यह सिद्ध करने की प्रक्रिया पूरी हो जाए तब जब ये समस्याए आये तो नित्य १०८बार गूगल और घी से हवन करते रहे....यह सरल प्रयोग हैं कोई ज्यदा ताम झाम भी नही हैं . यह आपके परिवार में आ रही अनेको वाधाए दूर करने में लाभ दायक ही सिद्ध होगा .
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The worship of Ghantakarn mahaveer is found much in jain dharm . and he is considered very famous and powerful dev. There are many types of his yantra found and this s is very amazing facts that the sadhanaye related to that are sill come in to the light .
Sometimes so many activities starts in our family ,and behind that is not able to understandable , it seems very difficult to understand that till yesterday everything is normal but what happened today., sometimes reason behind that is not clearly known . Many times all these trouble are happened because of malefic activities of some tantric and many of such tantraik is easily available now a days . but we can not escape all these, when such problem occurs , than do this prayog for your protection and for remedy too.
Sometimes because of malefic planet situation these problems occurs .and these event are not consider very welcome one .
Mantra : om mahamaya ghantakarini mahaviri mam sarv updrav, grah peeda hawa byaar, kiya karaya ,chadha chadhaya , nashan kuru kuru swaha |
The process :in any auspicious day do jap of this mantra 1100 times and with any mala if that be of hakeek than its fine, and clothes and asan colours should be yellow one .direction may be east or north one. When mantra jap be completed than prepare small ball of gugual and thoroughly dip in ghee and do havan with these ball, only 108 times.
This is the mantra sidhdikaran process end . and whenever you or them member of your family faced the problem do havan with gugual and ghee only 108 times. This is very easy prayog not required much things an surely this helps a lot removing the problem .
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