गुरु रहस्य सिद्धि साधना-
ऐंकार ह्रीमकार श्रींमकार गूडार्थ महाविभूत्या
ओमकार
मर्म प्रतिपादिनीभ्याम
नमो नमः श्रीगुरु पादुकभ्याम
गुरु चरणों की बात तो अलग ही जबकि गुरु
पादुकाओं में ही कई-कई रहस्य छुपे होते हैं,|
और उन रहस्यों को शिष्य अपनी साधना से अपने समर्पण से उजागर कर ही लेते हैं
ऐंसा ही एक अद्भुत साधना रहस्य | जो जीवन में अति आवश्यक हैं, गुरु तत्व के अनोखे
रहस्यों को इस साधना के माध्यम से जाना जा सकता है, और इसके बाद मेरे ख्याल से
अन्य साधना की आवश्यकता नहीं रह जाती | सदगुरुदेव के अवतरण दिवस पर क्यूँ न हम सभी
शिष्य इस साधना के माध्यम से उनके श्री चरणों तक पहुँच सकें | और अपना एक साधना
क्रम पूरा कर सकें इन्हीं विचारों के अन्तरगत ये साधना देने का मन बना है और चाहती
हूँ कि आप सभी इस साधना क्रम को अपनाएँ |
भाइयो बहनों! किसी कारणवश यदि आप प्रातः इस
साधना को नहीं कर पायें तो किसी भी गुरुवार के प्रातः ४ भी यानि ब्रह्म मुहूर्त
में भी कर सकते हैं या २१ ता. को भी |
प्रातः ५ से ७ के बीच स्नान आदि से विर्वृत्त
होकर पीले वस्त्र धारण करके पीले हि आसन पर उत्तर दिशा कि ओर मुह करके बैठे एवं
सामान्य गुरु पूजन व गौरी गणेश पूजन संपन्न करें तथा तट संकल्प बद्ध होकर गुरुदेव
से गुरुतत्व रहस्य सिद्धि की प्रार्थना करें एवं गुरु रहस्य सिद्धि माला से निम्न
मन्त्र की ५१ माला संपन्न करें | तदोपरांत कपूर से आरती करें व जप समर्पण करें |
|| ॐ ऐं
ह्रीं गुरुत्वै नमः ||
OM ANG
HREEM GURUTVE NAMAH
स्नेही
भाईयों व बहनों,
यह साधना मेरी अनुभूत साधना है और मैं दावे से
कह सकती हूँ इस साधना के बाद साधक को गुरु तत्व के रहस्योद्घाटन ना हो | यकीन न हो
तो स्वयं करके देखें व लाभ उठायें |
रजनी निखिल
***NPRU***
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