Wednesday, May 10, 2017

छिन्नमस्तकाम व्ज्राविरोचिनी स्वाहा


यस्यां प्रभवात शान्तं समेधाम







जय सदगुरुदेव /\
स्नेही स्वजन !
 आप सभी को छिन्नमस्ता जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं –
माँ छिन्नमस्ता भगवान शिव का ही प्रकृति स्वरुप है अर्थात शिवा
समस्त समस्याओं को पल भर में छिन्न भिन्न करने वाली एक मात्र महाविद्या...
शरीर को वज्र की कठोर करने वाली-
राजकीय बाधा से मुक्त कर विजय दिलाने वाली—
शत्रुओं से रक्षा करने वाली—
किसी भी प्रकार से तंत्र बाधा से मुक्त रखने वाली—
सुख संपत्ति प्रदान करने वाली—
महा शमशान की अधिष्ठात्री—
शमशान की सभी साधनाओ को निर्विघ्न पूर्ण करने वाली इस महाविद्या के अवतरण दिवस पर साधना सम्पन्न कर अपने जीवन को निष्कंटक करें, और सुखी सम्पन्न जीवन का आगाज करें |
इन्ही शुभकामनाओ के साथ---
साधना पथ अग्रसर होने वाले साधकों के लिये अति महत्वपूर्ण साधना है ये  साधना उन साधकों को के लिए जिन्हें साधना पूर्ण करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है | साधना मार्ग में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए अति उत्तम है |
साथ हि तंत्र बाधा शत्रुओं से सुरक्षा और अनेकों आयामों को प्रदान करने वाली साधना है इस साधा को संपन्न करने पर साधक सभी दृष्टियों से सुखी समपन्न होता है वह स्वयम में इतना सक्षम और प्रभावी हो जाता कि शत्रू पक्ष सदैव भयभीत रहता है और साधक उस पर हमेशा प्रभावी रहता है |
इस साधना में साधना सामग्री में सिर्फ लाल आसन लाल वस्त्र और काली हकीक माला ही चाहिए यदि यंत्र हो तो उत्तम अन्यथा छिन्नमस्ता पिक्चर भी चल जायेगा | बस आप सब साधनाएं करें यदि समयाभाव के कारण प्रतिदिन ना भी  करें तब भी विशेस तिथित्यों अवश्य करें हमेशा उर्जा मिलती रहेगी,
स्नान से फ्री होकर दक्षिण मुख हो बैठे जो व्यक्ति पूर्ण सात्विक मेरा मतलब है दक्षिण मार्गी है वैष्णव हैं वे उत्तर हो कर बैठें और घी का दीपक लगावें बाकि सरसों के तेल का दीपक हि लगेगा |
देवि का ध्यान करें –
भास्वन्मंडल मध्यगाम निजशिशिछिन्न विकीर्णानल,
स्फरास्यम प्रपिबद्ध्गलात्स्वरुधिर वामे करे विभातीम |
याभास्क्तरतीस्मरोपगिताम सख्यो जिने गकिनी ,
वार्णिन्यो परिद्रश्यम कलितां श्री छिन्नमस्तां भजे |
यंत्र पर कुमकुम चढाते हुए पांच बार मूल मन्त्र का उच्चारण करें एवं अक्षत चढाते हुए पूजा करे |
अब काली हकीक माला से निम्न मंत्र की ७५ माला जप संपन्न करें |
ॐ ह्रीं ग्लों सर्व दारणाये फट्
OM HREEM GLAUM SARVA SARV DARNAYE FATTA
इसके बाद पूर्णता हेतु २१ दिनों तक एक माला प्रतिदिन करें |
साधना में पूर्ण सफलता प्राप्त हो ऐंसी शुभ कामनाओं के साथ –
रजनी निखिल

निखिल प्रणाम

 

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