Wednesday, March 18, 2009

चंडाल योग का प्रभाव

मानव जीवन को प्रभावित करने वाले ९ ग्रहों में राहू अकस्मात् घटने वाली घटनाओं का चाहे वो अच्छी हों या फिर बुरी का सबसे बड़ा करक है और काल सर्प जैसे तथा कथित योग की तुलना में इसका चंडाल योग कही ज्यादा भयानक है। राहू अत्यधिक अस्चार्य्जनक प्रभावों से भरा हुआ ग्रह है जो की कई गुणों के साथ साथ विभिन्न दोषों से युक्ता है.पाप ग्रहों में तो इसका स्थान ऊपर है ही. चंडाल योग का निर्माण कैसे होता है?...... ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ब्रहस्पति पर इसकी पूर्ण द्रिस्थी या युति होने पर इस योग का पूर्ण सृजन होता है .क्या आपने कभी सोचा है की राहू का स्वरुप कैसा है...... इस छाया ग्रह का पौराणिक मान्यता के अनुसार शीश ही है धड है ही नही, अब आप ही सोचे की दुष्ट बुध्ही यदि ज्ञान से भरी होगी तो वह ज्ञान बुरे कार्यों के लिए ही प्रयुक्त होगा. इस प्रकार यह राक्षस बुद्धि ब्रहस्पति जैसे ज्ञान डाटा के प्रभाव से प्राप्त जातक की बुद्धि को भी उलट कर रख देता है.और ऐसे में वह विकृत ज्ञान क्या अनिष्ठ नही कर सकता? चंडाल योग के फल स्वरुप भाग्य हीनता ,मंद बुद्धिता,असंतोष व घावों की वृद्धि होती है. जातक इस योग के कारन जब भी किसी महत्वपूर्ण कार्य को संपन्न करने के लिए तयारी करता है अचानक उसके कार्यों में विघ्न आने लगते हैं.जिससे कार्य को वो सही तरीके से कर ही नही पता जबकि उसकी तयारी सटीक होती है. बुद्धि को अपराध की और अग्रसर करने में इस योग का स्थान महत्त्वपूर्ण है.क्यूंकि ये योग असंतोष का करक योग है .और तो और एक साधक यदि इस योग का शमन किये बगैर कभी भी अध्यात्मिक उचट को प्राप्त नहीं कर पता, आसन की अस्थिरता , मंत्र जप में मन का न लग्न, साधना काल में ग़लत व गंदे विचारों का उपजना , साधना से मन का उचाट हो जाना भी इस योग का महत्वपूर्ण लक्षण है. व्यक्ति अथक प्रयास कर उन्नति की और जाना चाहता है पर एकदम मंजिल के करीब पहुच कर असफलता की प्राप्ति इसी योग के प्रभाव से होती है .मित्र व जीवन साथी के द्वारा विश्वाश घाट की स्तिथि का ये जनक योग है . जीवन में आए प्रगति के अवसरों को nasht करने का कार्य यही योग करता है।
इस योग से मुक्ति के लिए सदगुरुदेव से ग्रह बाधा निवारण दीक्षा और राहू की अनुकूलता के लिए गुरु निर्देशित अनुष्ठान या चंद्र मौलिश्वर प्रयोग को पारद शिवलिंग पर करने से पूर्ण अनुकूलता प्राप्त होती है और जीवन में नकारात्मक अकस्मात का परिवर्तन सकारात्मक अकस्मात में हो जाता है .

1 comment:

soniquespark2000 said...

kripya karke chaandal yoga ko koi doosra saral upay bhi bataye ...