तंत्र एक ऐसा विज्ञान है जिसमे एक निश्चित प्रक्रिया करने पर एक निश्चित शक्ति का निर्माण होता है जो की एक निश्चित कार्य को पूर्ण करता है. इस प्रकार कोई एक प्रक्रिया का एक परिणाम निश्चित रूप से प्राप्त होता ही है. लेकिन इच्छित परिणाम के लिए एक विशेष प्रकार की प्रक्रिया को अपनाना पड़ता है. इस प्रकार साधक अपने जीवन मे दिव्यशक्तियो की सहायता से अपने लक्ष्य की और गतिशील रहता है. प्रस्तुत लेख मे दिनचर्या से सबंधीत कुछ एसी प्रक्रियाओ को दिया गया है जो की साधक के रोजमर्रा के जीवन मे आने वाले कष्टों का निराकरण कर के उसे एक उच्चकोटि का जीवन प्रदान करता है. साधक चाहे तो इन प्रक्रियाओ मे से कोई भी प्रक्रिया या सभी प्रक्रिया कर सकता है. ज़रुरी नहीं है की सब प्रक्रियाए की ही जाए. साधक के लिए जो भी प्रक्रियाए संभव हो उसे करना चाहिए. इसके अलावा इसमें दिनों की संख्या नहीं है, साधक चाहे तो इसे एक दिन से ले कर उसे जितने दिन तक या फिर आजीवन भी करना हो तो कर सकता है. अनुभव मे आया है की इन प्रक्रियाओ से कई व्यक्ति ने लाभ उठाये है. आशा है की इन सरल प्रक्रियाओ को अपना कर साधक अपने लक्ष्य की और तीव्र गति से आगे बढ़ सकेगा .
१) सुबह ब्रम्हमुहूर्त मे पहले ५ प्रकार से अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास साधक स्फटिक माला से “ॐ नमो नारायणाय” मंत्र की १ माला करे तो कुछ हो दिनों मे मन को अमोध शांति की प्राप्ति होती है. इस मे साधक का मुख पूर्व दिशा की तरफ रहे. साधक किसी भी वस्त्रों का प्रयोग कर सकता है. साधक को यह प्रयोग सूर्योदय से पूर्व ही सम्प्पन कर लेना चाहिए.
२) सूर्योदय के समय व्यक्ति सूर्य को जल का अर्ध्य देते समय “ ॐ घृणीं सूर्य आदित्य श्रीं” मंत्र का जाप करते हुए अर्ध्य दे तो धन सबंधित समस्याओ का समाधान प्राप्त होता है.
३) तुलसी तथा अन्य वृक्षों मे सुबह के समय पानी डालते हुए, “ विष्णु पत्नी नमो नमः ” का जाप करते हुवे पानी डाला जाए तो घर का यश तथा वैभव बना रहता है.
४) सुबह के समय नास्ता या कुछ खाने से पहले अगर किसी गाय को “ ॐ महागौरे आरोग्य देहि देहि नमः ” का जाप करते हुवे कुछ खिला कर खाया जाए तो घर से रोग दूर रहते है तथा आरोग्य की प्राप्ति होती है
५) सुबह काम के लिए घर से बहार निकालने से पहले अगर व्यक्ति “ दूं सर्व दुर्गति नाशय दुर्गाभ्यो नमः ” का इक्कीस बार उच्चारण कर के जाए तो विघ्न नहीं आते है
६) शाम के समय एक दिया और पानी का ग्लास पूजा स्थल या फिर जहा पर पिने का पानी रखा गया है उसके आस पास मे “ सर्व पितृभ्यो नमः प्रेत मोक्ष प्रदोम्भवः ” का मन ही मन ३ बार उच्चारण कर रखा जाए और उसके बाद जब दिया बुज जाए तब वह पानी किसी वृक्ष मे अर्पण कर दिया जाए. यह प्रक्रिया करने से पितृ कृपा बनी रहती है तथा समस्त पितृ दोष से मुक्ति मिलती है
७) रात को सोने से पहले ११ बार निम्न मंत्र का उच्चारण कर सोने पर स्वप्न मे भय नहीं रहता तथा सुख पूर्वक नींद होती है. “ अंजनीगर्भसम्भूताय कपिन्द्रोसचीवोत्तम् रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमंत रक्ष सर्वदा”
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Tantra is the science where a specific energy is developed by applying a specific process which results in completing a specific result. This way with every specific process, one specific result is gained. But for the desired result, one needs to go through with specific process. This way, sadhak remains ahead towards the goal in the life with blessings of the divine powers. In this article, few processes in regards to day to day life are given which can grant great life to sadhak by solving troubles of the routine life. Sadhak can do any process or all process from the given processes according to their wish. It’s not essential that one is supposed to do all the processes. Sadhak should do as much as process which are possible to do. Apart from this, there is no day count in these processes; sadhak can do the process for one day, many days or for whole life. It is experienced that with these processes many persons received benefits. It is hope that by adopting these easy processes, sadhak will move ahead rapid to the goal of the life.
1) Sadhak should do the 5 types of anulom vilom pranayama in the bramha muhurata and then after one should chant 1 round of the mantra “Om namo Naaraayanaay” with Sfatik rosary (crystal) this gives complete peace of mind in few days. In this process, face of the sadhak should be toward East direction. Sadhak can use any cloths. Sadhak should complete this process before sunrise.
2) At the time of sunrise while offering water (Ardhya) to god Sun if one chants mantra “ Om Ghrunim Surya Aaditya Shreem” then solution related to money is gained.
3) While pouring water to the plants and basil in the morning is one chants mantra “Vishnu patni Namo Namah” then prosperity of the house becomes firm.
4) Before breakfast or before eating anything in mornig if one offers something to eat to the cow by chanting the mantra “ Om MahaaGaure aarogya dehi dehi Namah” then diseases goes far from the house and health could be gained.
5) Before going out for any work in the morning if one chants mantra “ Doom Sarv Durgati Naashay DurgaaBhyo Namah” for 11 time then there comes no troubles and obstacles in work.
6) One lamp (lighted) and glass of water should be placed by reciting mantra “ Sarv PitruBhyo Namah Pret Moksham Pradombhavah” 3 times at worship place or the nearby place where drinking water is kept and when the lamp gets off one should offer that glass of water in some tree. By doing this, blessings of the paternal remains and freedom from all the pitrudosha could be gained.
7) Before sleeping if one chants the following mantra for 11 times then there remain no troubles of bad dreams and nice sleep could be gained. “ AnjaniGarbhSambhootaay KapindroSachivottam RaamPriyaNamastubhyam Hanumant Raksh sarvadaa”
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2 comments:
Priya npru team, kripya ye batayen ki 5 prakaar se anuloom vilom praanayam kaise kiya jaata hai.....jai gurudev...
Aur bhaiyya ye bhi bataayein ki agar ghar mein klesh -jhagda aadi chalte ho aur shanti kam ho uske nivaaran ke liye bhi ek achook laghu prayog bhi de dijiye...
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