आज के जीवन में धन की महत्ता से इनकार नहीं किया जा सकता हैं , पर यह धन का आगमन हो कैसे , कुछ को तो व्यापार अपने परिवार से मिला हैं तो कुछ स्वतः ही इस और आकर्षित हो जाते हैं पर बहुसंख्यक वर्ग तो एक नौकरी किसी तरह मिल जाए उसी पर ही निर्भर करता हैं .. पर भले ही कितनी रोजगार के अवसर मिल रहे हो या सामने आ आरहे हो पर एक रोजगार मिलना या नौकरी मिलना इतना भी आसान कहाँ ?
जब माता पिता की गाढ़ी कमाई के सहारे उच्च शिक्षा प्राप्त करके भी कोई मार्ग सामने दिख न रहा हो तब क्या किया जाए ..और कितने इस मानसिक स्थिति में असामाजिक रास्ते पर भी चल पड़ते हैं .
पर जब कोई मार्ग न दिख रहा हो तो आप सभी जानते हैं की सदगुरुदेव जी ने एक रास्ता दिखाया हैं वह हैं साधना का .. अगर हम इस पर चलना चाहे क्योंकि अपने प्रयास तो करके देख ही चुके हैं और बुद्धिमान वही हैं जो दूसरों की गलतियों से सबक लेता हैं न की हर बात पर जिद करके बैठ जाए की जब मुझे होगा तभी मैं मानुगा .
और जब साधना की बात आती हैं तब उसमे कोई संक्रिणता वाली बात ही नही आती की , यह उस मार्ग की या इस मार्ग की या इस धर्म की या उस धर्म की हैं ... जब सबका रक्त लाल हैं जब सबके आसूं एक जैसे हैं तब कम से एकं ज्ञान के क्षेत्र में तो यह बिभेद हटा दे .
आप सभी मुस्लिम मंत्रो के चमत्कार से भली भांति परिचित हैं ही और हमने तन्त्र कौमुदी में अनेको बार उच्च स्तरीय प्रयोग आपके सामने रखे हैं जो जीवन की दिशा बदल कर आपको एक सामान्य से दीन हीन से एक साधक के स्तर तक ला पाने में समर्थ हैं .अगर हम करना चाहे तो ....
सदगुरुदेव कहते हैं की पहले घर में आटा दाल हो तब ही बड़ी बातें शोभा देती हैं , जब घर में ही अकाल हो तब बड़ी बड़ी बात करने से फायदा क्या हैं , और उन्होंने तो यहाँ तक कहाँ की जब उनका एक भी शिष्य यदि भूखा सोता हैं तो सदगुरुदेव की आखों में नीद कहाँ आ सकती हैं .
उन्होंने अनेको प्रयोग हमारे सामने रखे हैं पर हम या तो और अच्छा …..और सटीक . और सरल ….. और प्रभावशाली की राह देखते रह जाते हैं और जो कर सकते हैं व ह भी नहीं करते हैं .पर इस अवस्था को न आने दे , जो प्रयोग सामने हैं वह भी एक अति महत्वपूर्ण हैं अगर इसे मन से ... बिस्वास से ... और निष्ठा से करते हैं तो ....
यह विधान अनेको तंत्र ज्ञाताओ के द्वारा परीक्षित हैं और बहुत लोक प्रिय भी हैं पर यह तथ्य तो इसकी प्रभावकता को समझाता हैं की यह आपके लिए क्या कर सकता हैं ...
रात्रि ६ से ९ बजे के बीच पूर्ण शुद्धता के साथ एक आसन (किसी भी रंग का ) पर बैठ कर अपने इष्ट को याद करे .फिर इस मंत्र का जप २१ बार करे .
मंत्र
"अल्ल्हुमसल्ले अला मुहम्मदिन अला अल मुहम्मदिन वबारिक वसल्लिम "
“Allhumslle ala muhammden ala al muhammdin vabarik vasllim”
जैसे ही आप २१ बार उच्चारण कर लेते हैं इसके बाद
आप मंत्र
"या गफूरो "
“yaa gafuroo”
का आपको उच्चारण करना हैं १० माला . इसके बाद पुनः जो मंत्र २१ बार किया हैं उसका २१ बार उच्चारण करना हैं मतलब सपुटित करना हैं.
और यह प्रक्रिया २१ दिन आपको लगातार करना हैं .
आवश्यक निर्देश :
· मुस्लिम मंत्रो के जप में माला उलटी फेरना होती हैं , मतलब माला का एक एक दाना सामने की ओर आता जायेगा .
· दूसरी महत्वपूर्ण बात की यदि आप लुंगी पहन कर करते हैं और सिर पर मुसलमानी टोपी जो की बाज़ार में आसानी से मिल जाती हैं उसे धारण कर के करे तो और भी अच्छा , रंग कोई भी चलेगा .
· तीसरी महत्वपूर्ण बात की यदि आप वज्रासन की अवस्था में मन्त्र करे तो यह और भी परिणाम जल्दी दे पायेगा क्योंकि जिस तरह का मंत्र हैं उसके नियम बहुत जरुरी तो नहीं हैं पर यदि बताये गए हैं तो निरर्थक नहीं हैं .
· और हमेशा की तरह सदगुरुदेव पूजन और गुरु मंत्र जप साधना के प्रारंभ और अंत में हमेशा एक अनिवार्य प्रक्रिया हैं यह तो आप जानते हैं ही .
पूरे बिस्वास के साथ करे , निश्चय ही सदगुरुदेव जी के आशीर्वाद से आपके जीवन में आजीविका की कमी यदि हैं तो वह दूर होगी .
****NPRU****
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