तंत्र
पथ के षट्कर्म मे विद्वेषण प्रयोग भी एक अजूबा है. इस क्रम के अंतर्गत सबंधविच्छेद
की उद्देश्य पूर्ति हेतु कई प्रकार के प्रयोग है. आज के युग मे सभी व्यक्तियो को
विद्वेषण प्रयोग की नितांत आवश्यकता होती ही है लेकिन कई बार कौनसे प्रयोग को अमल
मे लाया जाए ये उल्जन हो जाती है. इसके पीछे का कारण ये है की हमने हमारी संकृति
मे निहित महानतम तंत्र पक्ष का अभ्यास नहीं किया है. विद्वेषण का प्रयोग पुरातन
काल मे राजघरानों मे होता आया है, यहाँ तक की कई राजा अपने शत्रुओ के बिच मे लड़ाई
करवाने के लिए अपने राज तान्त्रिको से अनुष्ठान करवाते थे. इस विद्या के भी कई
पक्ष है जिसमे अनेको प्रकार के विद्वेषण सामिल है. लेकिन यहाँ आज के युग मे जो
नितांत उपयोगी विद्वेषण है उसकी चर्चा करेंगे. कई बार देखने मे यु आया है की
व्यक्ति किन्ही परिस्थितियो के वश बुरी संगत मे उलजता है और अपना जीवन बर्बादी की
और अग्रसर कर देता है. इस स्थिति मे घर परिवार के लोग व्यक्ति को समजाने की कोशिश
मे लगे रहते है लेकिन कई बार यह समजाना फलीभूत नहीं होता और फिर बाद मे भयंकर
परिणाम सामने आते है. इसके अलावा इस नूतन युग मे युवतियों को बहला फुसला कर कई
व्यक्ति उनकी जिंदगी से खिलवाड़ करने से भी नहीं चुकते. कई बार यु भी देखा गया है
की पति या पत्नी के लग्न्नोतर सबंध मे कोई परपुरुष/स्त्री का ग्रहण लगता है तब
पुरे परिवार का जीवन दुखमय बन जाता है.
विद्वेषण के इस क्रम का
अर्थ है की व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से सबंध विच्छेद कर देना. यु प्रयोग करने पर
दोनों व्यक्ति मे एसी परिस्थिति का निर्माण हो जाता है की उन दोनों का सबंध टूट
जाता है. इस प्रयोग के सहारे कई घर उजडने से बचाए जा सकते है. सदगुरुदेव ने कई बार
इन प्रयोगों को विविध व्यक्तियो से सम्प्पन करवाया है और हाथो हाथ परिणाम स्वरुप
उन सभी व्यक्तियो को अपनी खुशहाल जींदगी वापिस मिली है. इस क्रम मे ध्यान देने
योग्य बात ये है की जिन दोनों व्यक्तियो पर भी प्रयोग किया जाए उन्हें प्रयोग के
बारे मे पता नही चलना चाहये. ना ही एसी कोई सूचना उनतक पहोचे की उन पर ऐसा प्रयोग
हो रहा है या किया जा रहा है.
व्यक्ति
के पास अगर दोनों व्यक्ति के फोटो हो तो ज्यादा अच्छा है, अगर यह संभव न हो तो
दोनों के पहेने हुए वस्त्र के टुकड़े भी लिए जा सकते है. उन को अपने सामने बुधवार
की रात्रि मे किसी पात्र मे ले और उन पर व्यक्तियो के नाम काजल से लिखे. फोटो या
वस्त्र अगर उपलब्ध ना हो तो दो छोटे पत्थर ले और उन पर दोनों के नाम लिखे. उसके
बाद निम्न शाबर मन्त्र की वहा पर बैठे बैठे २१ माला मंत्र जाप करे. इसमें गधे के
दांतों की माला का प्रयोग होता है जो की सामान्यतः इस युग मे अत्यधिक कठिन है इस
लिए काले हकीक की माला का प्रयोग किया जा सकता है. क्रम की दिशा दक्षिण रहे तथा
वस्त्र आसान यथा संभव काले रंग के हो. यह क्रम तिन दिन तक करे.
ओम खं फलाने को फलाने से विद्वेषय विद्वेषय मारजटा
आदिपुरुषाय हूं
इस
मंत्र मे दोनों जगह जहा फलाने है वहाँ इच्छित व्यक्तियो का नाम लेना चाहिए. याद
रखे की पहला नाम वो रहे जिसके लिए प्रयोग किया जा रहा है और दूसरा नाम उस व्यक्ति
का हो जिससे सबंध अयोग्य है और नुकशानदायक.
3 दिन पुरे होने पर चौथे दिन फोटो, वस्त्र या पत्थर को पानी मे
विसर्जित करने के लिए ले जाए और दोनों चीजों को एक दूसरे की विपरीत दिशा मे
विसर्जित करे. साथ ही साथ माला भी विसर्जित कर दे.
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In the path of tantra vidweshan is also wonder task under shat
karma. Under this subject there are many
type of processes exist to fulfil wish of relation cut off. In today’s era
every human beings stays in need of such prayog but many times it acts a big
confusion on selecting the prayoga. The reason behind this, is, we did not
studied properly tantra side of our great tradition. Vidweshan prayog was used
by royal families in ancient time, even many kings were applying rituals from
royal tantric for the vidweshan processes on enemies. This factor of tantra too
has many processes under which many type of vidweshana exists. But here the
discussion is about the basic vidweshana need in today’s time. Many times it has been seen that with
different situations and circumstances human gets involved in bad company of
people and ruins his life. In that situation family members keeps on trying to
make person understand but many times that does not work and thus this results
in tremendous implications. Apart from these, in today’s modern era people
do not hesitate to ruin the life of girls by diverting them on wrong side.
Sometimes it has also been seen that the after marriage life of a person gets
highly disturbed when some other person enters in married male or female and
that way life of the whole family gets disturbed.
This side of vidweshan deals with dissolution
of the relations. Thus by doing the prayog, the circumstances forms in such a
way that relation of the two people gets end. With the help of this prayog many
families could be saved before it gets ruined. Sadgurudev many time have made
people complete such processes and as a quick result people have gained their
happy life back. Very important point related to this experiment is on whom so
ever both the person the prayoga is done should not be aware about the prayoga;
Neither those should receive any message that such experiment or is process
being carried out on them.
It’s better if one is having photograph of
those two people, if it is not possible one can take piece of their cloths.
Place that in some vessel on Wednesday night in front of you and write the name
of them with soot. If photo or cloth is not available one can take two small stones and
write name on it. After that sitting there complete 21 rounds of the following
shabar mantra. In this rosary is taken of donkey’s teeth which is almost
impossible in today’s time so black hakeek rosary could be brought in use.
Direction should be south and cloths & aasan should be black in color if
possible. Process should be done for three days.
Om kham falaane ko
falaane se vidweshay vidweshay maarjataa aadipurushaay hum
On the place of word falaane one should take name of desired
person this way on both place one should take name of disered person one
followed by another. Remember the first name should be of the person for whom
the process is being carried out and on the second place name of the person
should be taken of the person with whom relation is inappropriate.
When three days gets completed, one should
drop take photo/cloth/ stone to drop and both should be dropped in different
direction. Rosary should also be dropped with that.
****NPRU****
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1 comment:
aapne samay nahi bataya ??
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