आप सभीके साथ कुछ बाते हम शमशान कार्यशाला से सम्बन्ध में रखना चाहते हैं , हमारे जानकारी में यह तथ्य आया हैं की इन कार्यशाला ओं के विषय में कुछ भ्रान्तियां फैल रही हैं, कुछ ऐसे तथ्य सामने आये हैं की हम बिना गुरुदेव त्रिमुर्तिजी से अनुमति मिले ही यह आयोजन करने जा रहे हैं.
हमने अपने पहले के पोस्ट में यह पहले ही बता दिया था, की हम प्रयास रत हैं की इस कार्यशाला को आयोजित करने के लिए हमें पूज्य गुरुदेव त्रिमूर्ति जी से अनुमति मिलेगी तभी होगी, तो मित्रों , यदि अनुमति नहीं मिलेगी तो यह आयोजित भी नहीं की जाएगी. इसके बारे में कोई दूसरे बिचार हैं ही नहीं.
क्या हमने पहले आयोजित की पारद कार्यशालाओं में अनुमति ली थी ?
क्यों नहीं हमने जोधपुर जा कर पूज्य गुरुदेव श्री कैलाशचन्द्र जी से हम सभी कार्यशाला प्रारंभ होने के पहले उनसे उनके निवास स्थान पर गए थे , उनसे दिव्य आशीर्वाद रूपी दीक्षा भी हम सभी ने उनसे प्राप्त की थी, उस कार्यशाला में भाग लेने वाले अधिकांश व्यक्तियो ने श्री गुरुदेव जी से रशेश्वरी दीक्षा व अन्य दीक्षा भी इस सन्दर्भ मैं प्राप्त की थी, यही नहीं हमने कार्यशाला समाप्त होने के उपरान्त हम सभी पुनः श्री कैलाश गुरुदेव जी के चरण कमलो मेंअपनी कृतज्ञता व्यक्त करने साथ ही साथ की हम हम सभी पर अपना आशिर्वाद वे सदैव बनाये रखे की प्रार्थना करने गए थे , ओर पूज्य पाद श्रीकैलाश गुरुदेव जी ने अपनी असीम कृपा से हमें आशिर्वाद दिया भी.
ओर उस कार्यशाला के द्वितीय चरण जब आयोजित हुआ तब भी हम पूज्य पाद श्रीकैलाश गुरुदेवजी के लगातार संपर्क में रहे हैं, और उनकी पूरी जानकारी ओर आज्ञा से ही हमने दूसरी कार्यशाला का आयोजन किया , पर इस बात की सत्यता आप सभी कैसे मानेगे, प्रथमतः पूज्य गुरुदेव श्रीकैलाश चन्द्र श्रीमाली जी से स्वयं आप जान सकते हैं . ( में यहाँ क्षमा चाहूँगा कहने के लिए , की हमारे पास कोई लिखित प्रमाण नहीं हैं, क्या अब हमें गुरु वाकया की सत्यता आप मेंसे कुछ को दिखने के लिए लिखित प्रमाण की आवश्यकता होगी , ओर मन लिया जाये कभी यह संभव भी होगया ,तो क्या हर बार हम ये करेंगे ,संभव भी नहीं हैं .,क्योंकि कुछ लोगों को विस्वास नहीं हैं ,हमें अपने गुरुदेव त्रिमूर्ति जी / सदगुरुदेव जी जी के विस्वास पर भरोषा हैं ही.फिर जब मंत्र मूलं गुरु वाक्य कहाँ गया हैं तब ये हम ये कैसे कर सकते हैं .)
दूसरी बात यह हैं की हमारेसाथ भाग लिए हुए सभी गुरुभाई स्वयं इस तथ्य के प्रमाण हैं .
अभी कामख्या कार्यशाला के पहले हम सभी लगभग २५/३० व्यक्ति(गुरु भाई ) दिल्ली गुरुधाम में पूज्य पाद श्रीकैलाश गुरुदेव जी से मिलने गए थे, ओर हम सभीने अपनी ओर से एक पारद शिवलिंग श्री गुरुदेव को समर्पित किया .ओर उनसे अपने कार्यों के लिए सदैव हमें आशीर्वाद के लिए प्रार्थना की , पूज्य पाद जी ने सभी व्यक्तियोंके सामने हमसभी को गुरु कार्य करने की ओर इस पथ परचलने की आज्ञा ओर आशिर्वाद्प्रदान किया था.
आप सभी के लिए हम यहाँ सामने रखना चाहते हैं , सदगुरुदेव जी के आदेशानुसार( सम्राटाभिषेक दीक्षा शिविर ) ओर उससे भी पहले भी हम सभी, तीनो पूज्य पाद गुरुदेव जी से लगतार दीक्षा प्राप्त करते रहे हैं ओर आज भी करते आये हैं .हजारों साधकों के साथ हमने अपने प्राणाधार सदगुरुदेव जीको वचन दिया था की जैसे सदगुरुदेव जी का आदेश हैं तीनो गुरुदेवजी कीआज्ञा पालन हमहमेशा करेंगे ओर इन तीन गुरुदेव जी अतिरिक्त कोई भी दीक्षा देने का अधिकारी नहीं होगा).
कृपया आजतक से सभी पोस्ट देंखें हमने तो हरसंभव जगह हमने सदगुरुदेव जी /पूज्य पाद गुरुदेव त्रिमूर्ति जी का श्री नाम दिया ही हैं, ओर किसी भी साधना या यन्त्र माला, ओर किसी भी दीक्षा के लिए हमेशा जोधपुर गुरुधाम में ही सम्पर्क करने को कहा हैं.
कार्यशाला में तो हम एक साथ बैठ कर जो भी सदगुरुदेव जी से हमने सीखा हैं उस ज्ञान का विचारविमर्श करना ही हैं तो हैं, कोई स्वयं गुरु बनना या इस जैसी मिलती कोई बात नहीं हैं , अब हमारेकथन की सत्यता आप जोभी हमारे गुरु भाई इन में भाग लिए हुए हैं उनसे प्राप्त करसकते हैं . किसी भी , कहीं भी , हमने अपने शिष्य धर्मं को नहीं छोड़ा हैं, न ही कभी अपनी मर्यादा को पार किया. सदैव सदगुरुदेव जी / पूज्य पाद गुरुदेव त्रिमुर्तिजी के श्रे चरणों में नतमस्तक रहे हैं. ओर रहेंगे भी.
क्या हम यह ज्ञान (चाहे वह पारद विज्ञानं हो , या सूर्य विज्ञानं या सम्मोहन विज्ञानं या अन्य हो अपने गुरु भाइयों से गुरु भाई बन कर भी बाते करना मानो एक अपराध जैसाहोगया हैंक्या .) क्या अपने गुरु भैयोंको इसके बारेमें एक शिष्य/गुरु भाइयों के रूप में बतलाना भी क्या एक अपराध जैसा हैं ऐसा कुछ गुरु भाई /बहिनों को लग रहा हैं .
ब्लॉग पर हमने हमेशा ही लिखा हैंकि इस सन्दर्भ में/ इस दीक्षा ने बारे में / या मार्ग दर्शन के लिए सदैव गुरुदेव त्रिमुर्तिजी से ही सम्पर्क करे . हमनेआज अपना पता तक भी नहीं दिया हैं, न केबल ब्लॉग बल्कि आप तंत्र कौमुदी के किसी भी पेज पर देख ले . कहाँ हमने कोई उल्लघन किया हैं.
हम इस बात को आपके सामने रखना चाहते हैं की ,यदि गुरुधाम में पारद कार्यशाला होना प्रारंभ यदि होजये तब हम भी इस कार्यशाला का आयोजन रोक देंगे, ठींक यही बात हैं सूर्य सिद्धिन्ता ,और अन्य कार्यशाला की भी हैं हम केबल वह विषय ले रहे हैं जिसके बारे में आज कोई क्यों नहीं बात कर रहा हैं हैं.ओर हम यदि वे विषय लेकर केबल कार्यशाला आयोजित करते हैं तब कोई यह अपराध तो नहीं होगा .और यदि गुरु धाम में यह कार्य प्रारंभ होता हैं तो हमारेलिये यह प्रसन्नता की बात होगी आज स्वर्ण तंत्र ,alchemy tantra तंत्र, स्वर्ण सिद्धि, जैसी किताबे आज उपलब्ध नहीं हैं, तो क्या ज्ञान को ऐसे हीनष्ट हो जाने दे न आजकोई भी सूर्य विज्ञान, पारद विज्ञानं के बारे में बता ना नहीं चाहता .
तीनो गुरुदेव हमारे लिए एक सामान पूजनीय हैं यही सदगुरुदेव जीकी आज्ञा थी, इसकारण हमने बार बार गुरुदेव त्रिमूर्ति जी शब्दका प्रयोग किया हैं. हम किसी भी गुरुदेव से आज्ञा ले कर आये, हमारे लिए तो तीनो ही गुरुदेव आदरणीय हैं ओर सदैव रहेंगे भी.
अब ओर आगे क्या लिखूं पूजनीय माताजी जोकि साक्षात् सदगुरुदेव भगवान् का स्वरुप हैं उनके श्री चरणों कमलो में विनम्र प्रार्थना हैं की हे माँ आप हमें आशीर्वाद दो की हम इसी तरह सदगुरुदेव जी के दिखाए रास्ते पर कार्यरत रहे ओर श्री माँ आपका वरद हस्त सदैव हमारे साथ रहे.
अब हम किस किस का मुख बंद करसकते हैं न ही इतना समय हमारे पास हैं ..अपने सदगुरुदेव जी / पुज्य पाद गुरुदेव त्रिमूर्ति जी के साथ परम पूजनीय माँ के आशीर्वाद पर , उनके श्री चरणों की छत्र छ्या तले हम तो कार्यशील हैं ही
*************************************************************************************
priy mitron,
here we are sharing some information regarding shamshan sadhana workshop , as we are aware of that there is some misconception spreading among some guru brother /sister like that without seeking permission of shri Gurudev Trimurti ji we are organizing this shamshan workshop.
In the previous post we already made it very clear that for this we are trying to get permission , so dear one this workshop only possible when we will get permission from gurudham if we do not get that, than this workshop will not be organized, there is no other thought regarding that.
Did we get permission for earlier workshop organized by us.?
Why not , in the first parad workshop held at sept-oct 2011, before starting that we all (all the participant ) went to Poojya Gurudev kailash Chandra shrimali ji’s residence. And we all get divine Diksha in this connection, and many of the gurubhai who took part in that workshop taken rasheshwari Diksha from him on that occasion. Not only this even after the last days of our workshop we gain reached to shri kailash Gurudev ji’s residence. And offer our gratitude and request him to bless us all and like this always bless us. and Poojya Gurudev ji did that too very happily.
And the second parad workshop held jan 2011 again we are keep in touch with Gurudev shri kailash Chandra shrimali ji, and with his full knowledge and agya again we started that. But here the question lies how you all can believe on this. ?.in the first place you can get information from Poojya shri kailash Gurudev ji ,( here I am apologies that mentioning that we have not having any written proof. is it that we need any written form of guru agya just some of you doubted on that . that are we repeating again and again , but we have complete trust of our Gurudev Trimurti ji’s word. And when it is being said that “mantra mulam guru vakya” than how we can do that.)
Secondly all the guru bhai who took part in that is alive example of that ,
Here just before kamakhya workshop approx, 25/30 guru brother gathered in delhi gurudham just to present shri kailash Gurudev ji a divine parad shivling from all of us side and ask his blessing for all our work in this connection , and copy of tantra kaumudi to Poojya paad Gurudev ji, he was very happy and in the th presence of all he instructed and gave agya to move on this path and his blessing will always be with us.
Here one more point we want to share with you, as per the agya of Poojya sadgurudevji (in samartabhishek Diksha shivir)and even before that we are taking divine diksha from all the three Gurudev ji on many occasion ,. And even now too. In amongst the thousand of sadhak we made promise to our beloved Sadgurudev ji that we will always respect and follow the agya of gurudev Trimurti ji . and he told all of us the no other will be authorized for giving Diksha other than Gurudev trimurti ji .)
Just go through each post , and we have mentioned Sadgurudev ji’s/Poojya Gurudev trimurtiji’s name every possible place, and for any mala, sadhana yantra / for diksha always clearly mentioned that one should contact directly to guridham .
Workshop is the opportunity where we sit together and share/ discuss the knowledge what we have got from Sadgurudev ji, here no such a thing a that any one is projecting himself as like guru or other way. you can check the authenticity of our statement from the person who took part in that workshop, not on a single place, and not on a single time, we have left our shishy dharama, and never crosses our limit of shsishyata. We always be always bow down to divine holy feet of Sadgurudev ji. Poojya paad Gurudev trimurtiji so always be.
Think about a minit if knowledge sharing between our own guru brother on the subject like parad vigyan, surya vigyan, hypnotism just as a guru brother , is a crime. It seems that some of guru brother/sister not liking this. We are trying our best so that this knowledge still be available between our guru brother/sister, what wrong in that, when sharing is just from guru brother to another guru brother.
In blog we have always been writing that in realtion to this subject/ for Diksha/ or for direction once should contact only to Gurudev trimurtiji at jodhpur, even we have not given address of us(just mention the place)., not only blog but check in any page of tantra kaumudi, we have not done anything wrong.
For us all the three Gurudev is same and one that’s is the agya of Sadgurudev ji, that’s the reason behind that we always used word Poojya Gurudev trimurtuji, and if we take permission from any one of them(Poojya Gurudev trimurtiji ) since for us , al the three are same and holy and respectful.
Very important I would like to share Is that, now a days if parad vigyan shivir organized in jodhpur by Gurudev trimurtiji we will stop organizing parad workshop. Same thing shamshan sadhana workshop if that thing organized by our gurudev we will stop organizing that,now today book alike swarna tantra, alchemy tantra, swarna siddhi, and pardeshwari are not available, ifwe are touchingthe subject onwhich no one wants to say, is it not wrong.
What more we can write, poojyniy mataji, who is just a same form of sadgurudevji, we are praying to her divine lotus feet that o mother bless us that we are continuing do the work on the path shown by Sadgurudev ji. And mother your blessing will always be with us.
And how many times we can repeat the same statement, and very difficult to satisfy all, and we do not have such a spare time, we have full trust on our sadgurudevji. Poojya paad Gurudev trimurtiji and poojniya mataji’s blessing, and we are moving ahead on the path under the divine cover of them whose fear to us….
Tantra kaumudi :(monthly free e magazine) :
Available only to the follower of the blog and member of Nikhil Alchemy yahoo group
Our web site : http://nikhil-alchmey2.com
Kindly visit our web site containing not only articles about tantra and Alchemy but on parad gutika and coming work shop info , previous workshop details and most important about Poojya sadgurudevji
Our Blog for new posts : http://nikhil-alchemy2.blogspot.com
Our yahoo group : http://tech.groups.yahoo.com/group/nikhil_alchemy/
3 comments:
hi brother ji,
I totaly agree with you. knowledge should be shared if this beautiful knowledge of tantra is not made known one day this knowledge will be wiped out from face of earth.
Then we will blame who ? To date brother ji have not done anything wrong but you have done good deed by sharing knowledge. My self will fold my hand to say "Thank You" and please continue do this knowledge sharing.
I have changed because of this blog and beleive more will follow ..
regards
Taiyakes
hi brother ji,
I totaly agree with you. knowledge should be shared if this beautiful knowledge of tantra is not made known one day this knowledge will be wiped out from face of earth.
Then we will blame who ? To date brother ji have not done anything wrong but you have done good deed by sharing knowledge. My self will fold my hand to say "Thank You" and please continue do this knowledge sharing.
I have changed because of this blog and beleive more will follow ..
regards
Taiyakes
Jai Gurudev ,
I am totally shocked to know how any guru bro/sis have any kind of objection on sharing Gurudev knowledge to fellow guru bhai .kaya kahe bhaut afsosh hota hai yeah dekh kar khud to aacha kuch karte nahi hai aur koi agar kuch aacha karta hai to leg pooling karte hai are bhai kuch aacha nahi kar sakte to koi agar aacha kar raha hai to usko bhai bankar sath nahi de sakte to kamse kamse kam uska virodh to maat karo
Gurudev tere asim kripa jo tumne aise bhi shish taiyar kiye jo apne gurubahi o ke sath apne experience ke kuch sahre kar sake .
Gurudev tere mahima tum hi jane .ham log to tere bande shif tumhe hi jane .
Post a Comment