मित्रो ,
जैसा की आप जानते हैं की अब समय हैं की आपको यह सुचना
देने का ... की ... तंत्र कौमुदी का
अंक-११ जो की अनुभूत तंत्र और
परा विज्ञानं महाविशेषांक के
नाम से आने वाला हैं बस अपने प्रकाशन के अंतिम चरणों मे
हैं .....इस बार कुछ
विलम्ब जरुर हो रहा हैं उसका
कारण भी आप सभी जानते हैं की....
हर माह अब से सात साधनाए मे से किसी एक
की साधना सामग्री
जो आपको निशुल्क प्राप्त
होने जा रही हैं ,यह कार्य भी पहली बार होने जा
रहा हैं तो प्रथम बार
की अपनी ही समस्याए होती हैं , यन्त्र निर्माण से लेकर .............. प्राण प्रतिष्ठा तक ....... जो की बहुत ही स्वाभाविक प्रक्रिया हैं .अगली बार से यह सारा कार्य एक निश्चित स्वाभाविक सी हर माह मे
होने वाली अनिवार्य प्रक्रिया के अंतर्गत हो जायेगा .
यही नही बल्कि
कुछ जो सच मे साधना
के लिए समर्पित
हैं .... या होना चाहते
हैं ..
( जो बिना किसी
स्वार्थ या गुप्त
योजना के अंतर्गत , न ही किसी तथाकथित चतुरो के इशारे पर ...........)
ऐसे कुछ
बहुत ही चुनिदा ........जिनके मन मे केबल यही अभिलाषा हैं की वे स्वयं सदगुरुदेव के दिव्य ज्ञान के
अनंत आयामों मे से एक का
जीवित जाग्रत प्रतीक तो बन सके ..उनके लिए
कुछ निश्चित दिन के लिए ... निशुक्ल आवास
और निशुक्ल खाने पीने की व्यवस्था भी
करने जा रहे हैं ..इसी कार्य
मे भी समय लग रहा हैं ....
कभी गुरु
गोविन्द सिंह जी
ने कहा ...
“देहु
शिवा मोहे वर एहू ,शुभ करमन ते कबहूँ न टरु .....”
तो सदगुरुदेव
ने यही तो
हमें सिखाया हैं उनका सदैव से यही वचन रहा की उडो
उचे आकाश मे और वे गिरने
नही देंगे ...हमारे पंखो मे
हवा सदगुरुदेव
भरेंगे ..तो एक उन्ही अपने परम् पिता सदगुरुदेव
की करुणामयी ..... स्नेहमयी दृष्टी
के तले....... हम सभी गतिशील हैं.
पर जब तक यह महाविशेषांक
आपके हाथों मे न आ जाए ..तब तक इस महाविशेषांक
के अन्तरगत लेख जो सम्मिलित हो रहे हैं उनके बारे मे कुछ
..स्तंभ के बारे मे .
· सदगुरुदेव प्रसंग ...यह
देखना हैं कि इस बार क्या .....
· श्री गणपति प्रयोग—हर बार की
तरह एक सरल सा
प्रयोग जो भगवान
गणपति कीकृपा के लिए आवश्यक हैं .
· सरल लक्ष्मी प्रयोग –सरल
लक्ष्मी प्रयोग जिसे कौन नही करना चाहेगा क्योंकि
सारा संसार तो
इन्ही से ही गतिशील हैं .
· परा
विज्ञानं एक परिचय ....सबसे पहले
परा विज्ञानं की कुछ आधार भूत बाते भी तो जानना ही चाहिये
· कुछ सरल अनुभूत सरल
तंत्र प्रयोग ...जो की
अपने आपमें सरल जरुर
हैं पर प्रभावशाली हैं ..
(यह अंक
पराविज्ञान मतलब रहस्यमयता
से युक्त हैं तो क्यों
न ..आने वाले सभी
लेखो का नाम ..और वह किस किस पराविज्ञान के आयाम से सबंधित
हैं अभी ...रहस्य बना कर ही
रख जाए ... तो लगता हैं ज्यादा उचित होगा .....हैं
न)
...........
· सूत रहस्यम और स्वर्ण रहस्यम इन
दोनों श्रंखला से
भला कौन नही परिचित हैं जिसमे हमेशा अद्भुत और
सदैव से रहस्यम सी रही प्रकृति के रहस्य से
परिचित कराता हुए
इस श्रखला की बात
ही निराली हैं.
· आयुर्वेद विज्ञानं और ज्योतिष ,टोटका
विज्ञानं के स्तम्भ तो हमेशा से इस पत्रिका केलिए
अनिवार्य स्तंभ हैं.
पर क्या
बस इतना ही .नही नही ...यह तो एक
परिचय नही हैं बल्कि
अनेको उच्चस्तरीय लेख
एक दो या नही
बल्कि अनेको लेख सामने आने
को ...आप यह भी सोचे की इस
बार कवर पेज भी नही दिया ..वह जानबूझ कर ..की आपके
लिए भी सोचने
के लिए कुछ तो बाकी रहे
की यह होगा महाविशेषांक कैसा??? ..बिलकुल
विगत अंक से बेस्ट ..हर हाल से ..हर हाल मे ..
हम सभी यहाँ NPRU
TEAM MEMBER S अपनी पूरी कोशिश
मे की यह महाविशेषांक
न केबल आपकी आशाओं पर खरा उतरे
बल्कि अभी तक
बेस्ट हो ..इसी प्रयास
मे
..इस बात
बहुत थोडा सा ....बस हमेशा
की तरह इंतज़ार , हमारी पूरी कोशिश होगी की २५ मई की रात तक यह अंक आपके सामने आ ही जाए .....
Friends,
As you all know that
now is the time to give you information …………that……….11th edition of Tantra Kaumadi which is going to come by the name of Anubhut Tantra and Para Vigyanam Mahavisheshank is in
the last stage of publication……..This time it is getting a little bit late.
Reason for this is already known to you all…..
Every
month, sadhna articles for any one sadhna out of the seven sadhna will be
available to you free of cost. This is happening for the first time. Doing for
the first time has got its own hurdles, from construction of yantra
to……………….energizing them…………which is quite a natural thing. From the next time, all this work will happen under
definite natural activity happening every month.
Not only this
but the ones who are in true sense dedicated to sadhna………….or want to be…..
(Who neither have any
hidden or secret plans…..nor working for so-called clever……)
Such
type of very few selected persons……………….who has got only one desire that they
themselves can become a living example of at least any one of the infinite
dimensions of divine knowledge of Sadgurudev…..For them for some definite
number of days…………..we are going to make arrangement for free lodging and free
food……This work is also
taking some time…….
Guru Govind Singh has
said sometime…..
“Dehushivamohevarahu,
shubhkarmantekabhunataru…..”
Sadgurudev
has taught this only. His promise has always been that fly in high sky and he
will never let us fall down………air will be filled in our wings by Sadgurudev……so
under the affectionate and compassionate vision of our supreme father
Sadgurudev……we all are working .
But till the
Mahavisheshank is in your hands….till then some information about the articles
which are going to be included in the Mahavisheshank…..about the columns….
Sadgurudev
Prasang…..let’s see what will come this time….
Shree Ganpati
Prayog- like every time, a very easy prayog which is
necessary for the blessing of lord Ganpati
Saral Lakshmi
Prayog- Saral Lakshmi prayog, who will not like to do this
because entire world is operational due to her only.
Para Vigyan an
Introduction…..First of all,we
should also know some basic facts about Para Vigyan
Some Saral
Anubhut Saral tantra Prayog………….
though easy in themselves, but highly effective….
(This edition is on Para
Vigyan meaning it is full of mystery so why not…name of all the coming articles….and they are
related to dimension of which Para Vigyan….let keep this as secret…..it will
seem more correct….isn’t)
……….
Soot Rahsayam and Swarna Rahsayam, who are not acquainted
of these two series. This series, introducing us to the secrets of ever-mysterious
nature, is extraordinary.
Columns
on Ayurveda Vigyan and Jyotish,
Totka Vigyan have always been the necessary columns of this magazine.
But
only this…no no……This is not an introduction rather many high-order articles.
Not one or two but many more articles…..You think this time we have not given the cover page….this
has been done intentionally…..so that something is left for you to ponder over
that how will be this Mahavisheshank????.....Definitely better
than the previous edition….at any cost….at any cost…
We all the team members
of NPRU are trying very hard that this Mahavisheshank not only fulfill your
expectation, but also is the best up till now….in such an endeavor
Just wait for some
time…..as always. We all are trying very hard that this edition is in front of
you all on the night of 25th May.
****NPRU****
1 comment:
Parnam nikhil
me tantra kamudi kese pa sakta hu. Facebook par kafi kosis kiya par samajh nahi paya. kripya mera margdarshan kre.
Parnam
subhashdaroch8@gmail.com
Post a Comment