Tuesday, June 28, 2011

PAARAD SWARN ANU SIDDHI GOLAK-MY EXPPERIENCE

२१ अप्रेल २०११ हम सभी के लिए अद्भुत दिवस था ना सिर्फ इसलिए की इस दिन हम माँ कामख्या के प्रांगन में पारद तंत्र के कुछ नवीन तथ्यों को समझने के लिए एकत्र था अपितु सदगुरुदेव के जन्म दिवस और माँ कामख्या के आँगन हमारी इस ख़ुशी को करोड़ गुना कर रहा था. हम यहाँ पर पारद विज्ञानं की अग्रिम कार्यशाला के लिए एकत्र हुए थे .इसके पहले हम सभी १२ संस्कार कर चुके थे ,अब बारी थी पारद का तंत्र से योग कर उसके द्वारा अपने मनोरथ को सिद्ध करने की प्रक्रिया को समझने की. हम लगभग २७-२८ गुरु भाई थे जिनका रुझान पारद के गुप्त रहस्यों को समझने में रहा है. प्रथम दिवस ही हम सभी ने पारद स्वर्ण अणु सिद्धि गोलक का पूर्ण पूजन किया , रस शास्त्र के गोपनीय ग्रंथों में इसे चैतन्य करने का विधान बताया गया है, सदगुरुदेव की कृपा से ही इन मन्त्रों की प्राप्ति सिद्धाश्रम  साधक परिवार को हुयी है. सदगुरुदेव द्वारा बताई गयी विधि से ही चैतन्यीकरण की वो अद्भुत प्रक्रिया उस अद्भुत गोलक पर जो की अत्यधिक श्रम, संस्कारों ,रत्नों और वनस्पतियों के योग से निर्मित है. इस क्रिया के लिए सर्व प्रथम पूर्ण विधि विधान से सदगुरुदेव का ब्रह्मत्व पूजन किया गया और भगवान गणपति के पूजन के पश्चात् इस गोलक की प्राणप्रतिष्ठ क्रम में भगवान् सूर्य के त्रि रूपों, मुन्था सहित नव ग्रहों, स्वर्नाकर्षण भैरव(जो पारद विज्ञानं के अधिष्ठाता हैं),भगवती श्वेत तारा,नव नाथ और दत्तात्रेय ,लक्ष्मी के १०८ स्वरूपों का ,वाराही देवी(जो स्तम्भन के लिए जरुरी हैं),भगवान महाकाल का ,महाकाली के स्वरूपों का  और अंत में जगदम्बा माँ को स्थापन रस मन्त्रों द्वारा किया गया.पूरा पूजन लगभग ४ घंटे तक चल.अद्भुत ही वातावरण था साधना के इस काल में.और इस पूरे काल में किसी भी किताब या कापी को हाथ नहीं लगाया गया था अपितु पूरी तरह मौखिक क्रम था ये.
यह गोलक अब अपने आप में दिव्यतम थी.इसके बाद कार्यशाला में हमे इस गोलक से सम्बंधित विशिष्ट प्रयोग बताये गए और संपन्न भी कराये गए जो अपने आप में बड़े शीघ्र प्रभाव दिखने वाले हैं.हमें वोर्क्शोप में १ रहस्यमय बात पता चली की हमे शरीर ही कलित हैं .अगर ऐसा हैं तो हम साधना जगत में कैसे आगे बढ़ सकते हैं.इस गोलक के द्वारा उत्कीलन संभव हैं और ये विधान हमें विधिपूर्वक बताया गया जो आजकल मैं कर रहा हु.इसके अलावा ये गोलक  धन प्राप्ति के लिए,अदृश्य होने के लिए,बांझपन मिटने के लिए,शमशान साधना के लिए,छायापुरष सिद्धि के लिए ,दत्तात्रेय दर्शन के लिए भी अत्यंत प्रभावकारी हैं और इन सब से सम्बंधित प्रयोग का पूरा विधान हम  सब को समझाया गया .

यह गोलक तंत्र  जगत के ६ कर्मों के लिए भी उपयोगी हैं.इन ६ कर्मों में से हमे स्तम्भन,वशीकरण,उचाटन से सम्बन्धित प्रयोग बताये गए.इन प्रयोगों में मैंने वशीकरण प्रयोग सफलता से संपन्न किया कल तक जिस आत्म विश्वास और सम्मोहन क्षमता की कमी के कारण मैं मनोवांक्षित सफलता व नौकरी को प्राप्त नहीं कर पाता था  वहीँ आज इस प्रयोग के  कारण मुझे साक्षात्कार में २ बार सफलता मिली.आज इस प्रयोग के कारण मेरे पास २ नौकरी  हैं.इस प्रयोग के विधि मैं नीचे स्पष्ट कर रहा हु.

यह एक दिवसीय
 प्रयोग हैं.यह प्रयोग शुक्रवार या रविवार को रात को ११:३० बजे के बाद संपन्न  किया जाता हैं.वस्त्र और आसन लाल होंगे.अपने सामने बजोट पर जिस व्यक्ति पर वशीकरण करना हैं उसकी फोटो,अगर आप उसे खिला सकते हैं हैं तो खाद्य सामग्री और अगर ये भी संभव नहीं हैं तो एक कागज़ पर उसका नाम और उसके पिता का नाम लिख ले.फिर  फोटो/कागज़ /खाद्य सामग्री  पर अनु गोलक को स्थापित करे.सामने तेल का दीपक होगा.अगर आपने भविष्य के लिए मंत्र सिद्ध करना हो तो आप शकर या लौंग  का इस्तेमाल करे.आपको फिर ११ माला निम्न मंत्र की करनी  हैं


मंत्र- ॐ आदिपुरुषाय अमुकं आकर्षय आकर्षय कुरु कुरु स्वाहा 

om aadipurashaay amukam aakarshay aakarshay kuru kuru swaha


अमुकं के जगह व्यक्ति का नाम या फिर अगर आपने भविष्य के लिए सामग्री सिद्ध करनी हैं ,या फिर आपको नाम नहीं पता हो,जैसे की अक्सर साक्षात्कार में होता हैं सर्वजन का प्रयोग करे.फिर जब भी आपको व्यक्ति से मिलना हो या फिर साक्षात्कार पर जाना हो तो आप घर से निकलते हुए मात्र २१ बार इस मंत्र का उचारण करके इस गोलक को अपने शारीर से संपर्क करके धारण कर ले
इस प्रयोग को नेक इरादे के लिए ही करना चाहिए.अगर आप इसका इस्तेमाल गलत कार्य के लिए करना चाहियंगे तो ये काम नहीं करेंगा.तो देर किस बात की,जो व्यक्ति नौकरी खोज रहे हैं या फिर साक्षात्कार में असफलता मिल रही हैं तो ये प्रयोग उनके लिए वरदान स्वरुप हैं.
अंत में बस इतना कहना चाहूँगा मेरा अत्यंत सौभाग्य हैं की मैं इस कार्यशाला की हिस्सा बना.अगर गुरुदेव  की कृपा रही तो भविष्य में भी आने वाली कार्यशाला का हिस्सा बनना चाहूँगा.
जय गुरुदेव 

PAWAN MADAN

****NPRU****

5 comments:

Pawan Madan said...

direction will be west

Guru said...

Aisi adbhut sadhana kaun nahi karna chaahega. Par bhaiya, Ye anu siddhi golak hum logo ko mil payega. Maine Workshop me haazir nahi tha. Kis prakaar main ye anu siddhi golak praapt kar sakta hun.

gaurav said...

hello sir,
i m a student of ayurved. right now i m feeling litrally blessed as i came across ur site by mere inner will since 6/7 months. i m passionately willing to participate the parad workshop conducted by holy guruji.
please let me know
dr.gauravgupte@gmail.com

Anu said...

Dear gaurav , till now three parad related workshop has been successfully complted, two full length practical/lab oriented and last one that is kamakhya workshop where we have gone through some application side ofthat. offcourse there will be coming workshop and for that , info you have to check blog updates in this regards, wait for that.
smile
Anu

Anu said...

Dear brother, thanks for your kind word, but this golak making is very important, and much more important is , how to chaitayikaran, and other realted things like das mahavidya. das tatv sthapan and so many other things, detail you can go through that realted post, and that would be possible only when sadhak has to d o himself the mantra jap and other related process. so its very difficult to make that and related process.
you can send me mail if any opportunity comes in future than i will let you know.
smile
Anu